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Jabalpur Ayushman Scheme Fraud: किडनी अस्पताल फर्जीवाड़े में नया खुलासा, फ्री चेकअप का झांसा देकर किया जाता था मरीजों को भर्ती

जबलपुर के लार्डगंज थाना क्षेत्र के सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल मामले की जांच अब स्वास्थ्य विभाग के टेक्निकल सपोर्ट के आधार पर भी होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआती पड़ताल में यह सामने आया था कि आयुष्मान कार्डधारी मरीजों की फाइलों में जो बीमारियां लिखी थीं, वे हकीकत में उन्हें कभी थी ही नहीं. इसके साथ ही रोजाना कई ड्रिप लगाने की जानकारी तो दर्ज थी लेकिन हकीकत में मरीजों को कभी ड्रिप नहीं लगाई गई. (Jabalpur Ayushman Scheme Fraud) (Kidney hospital operating in Hotel (Jabalpur Health Department Action) (Patients admitted on pretext of free checkup)

Jabalpur Ayushman Scheme Fraud
किडनी अस्पताल में आयुष्मान योजना का फर्जीवाड़ा
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Published : Oct 8, 2022, 1:05 PM IST

जबलपुर। किडनी हॉस्पिटल में हुए आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े के मामले में एक और खुलासा हुआ है. जानकारी के अनुसार मरीजों को फ्री चेकअप का झांसा देकर भर्ती किया जाता था. बता दें कि शहर में आयुष्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े का कुछ दिनों पहले खुलासा हुआ था. होटल वेगा में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने जब दबिश दी थी तब यहां भर्ती मरीजों से पूछताछ भी की गई. मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया था कि उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर निःशुल्क जांच होने की बात कहकर बुलाया था. इस पर जब वे लोग यहां पहुंचे तो उल्टी-दस्त सहित कुछ अन्य बीमारियां होने की जानकारी देकर उन्हें भर्ती कर लिया गया. जबकि उन्हें उल्टी-दस्त सहित वे सारी बीमारियां कभी हुई ही नहीं हैं, और ड्रिप भी नहीं लगाई गई है.

पुलिस विभाग को मिला स्वास्थ्य विभाग का टेक्निकल सपोर्ट: पुलिस विभाग द्वारा आगे की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से सहयोग मांगा गया है ताकि सच्चाई सामने आ सके. प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि उन्होंने पुलिस विभाग को टेक्निकल सपोर्ट दिया है और मरीजों की फाइलों में जो बीमारियां दर्ज थीं वे नहीं पाई गई हैं. फिलहाल हॉस्पिटल संचालक दंपत्ति अभी जेल में बंद है, जिनसे पूछताछ में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं.

Ayushman Scheme Fraud भ्रष्टाचार की हद, बिना गंभीर बिमारी के मरीजों को अस्पताल में कराया भर्ती, फिर आयुष्मान कार्ड से निकाल लिए लाखों

होटल में मरीजों का इलाज: पैसों की अंधी कमाई करने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल किस हद तक फर्जीवाड़ा करते हैं इसका एक उदाहरण जबलपुर में सामने आया था. जहां मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए एक प्राइवेट हॉस्पिटल के मरीजों का इलाज उसके बाजू में स्थित होटल में किया जा रहा था. मामले का खुलासा तब हुआ जब आयुष्मान कार्ड योजना में फर्जीवाड़े की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग और आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल में छापामार कार्रवाई की. कार्रवाई के दौरान पता चला कि मरीजों का इलाज अस्पताल से सटे वेगा होटल में किया जा रहा था.

आयुष्मान योजना के पैसे हड़पने का खेल: होटल के बड़े हॉल को जनरल वार्ड बना दिया था. मिनी हॉल को आईसीयू और होटल के कमरों में मरीजों को भर्ती कर दिया था. दरअसल यह पूरा खेल आयुष्मान योजना के पैसे हड़पने के लिए खेला जा रहा था. अस्पताल संचालक ऐसे मरीजों को होटल में भर्ती कर रहा था जो मामूली सी बीमारियां जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार, बदन दर्द से पीड़ित थे. मरीजों को 3 से 4 दिन तक होटल में भर्ती रखा और उनके आयुष्मान कार्ड को इस्तेमाल किया जा रहा था.

डॉक्टर और उसकी पत्नी गिरफ्तार: पुलिस ने इस मामले में सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर अश्विनी पाठक और होटल की जिम्मेदारी संभालने वाली उनकी पत्नी दुहिता पाठक को गिरफ्तार कर लिया था. बहरहाल इस खुलासे ने इस बात को तो साबित कर दिया है कि भारत में यह एकमात्र अस्पताल नहीं है, जो आयुष्मान योजना का फर्जीवाड़ा कर रहा होगा. बल्कि ऐसे हजारों की संख्या में अस्पताल होंगे जो गरीबों के हक का पैसा छीन कर सरकार को ही लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं.

(Jabalpur Ayushman Scheme Fraud) (Kidney hospital operating in Hotel (Jabalpur Health Department Action) (Patients admitted on pretext of free checkup)

जबलपुर। किडनी हॉस्पिटल में हुए आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े के मामले में एक और खुलासा हुआ है. जानकारी के अनुसार मरीजों को फ्री चेकअप का झांसा देकर भर्ती किया जाता था. बता दें कि शहर में आयुष्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े का कुछ दिनों पहले खुलासा हुआ था. होटल वेगा में पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने जब दबिश दी थी तब यहां भर्ती मरीजों से पूछताछ भी की गई. मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को बताया था कि उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने फोन कर निःशुल्क जांच होने की बात कहकर बुलाया था. इस पर जब वे लोग यहां पहुंचे तो उल्टी-दस्त सहित कुछ अन्य बीमारियां होने की जानकारी देकर उन्हें भर्ती कर लिया गया. जबकि उन्हें उल्टी-दस्त सहित वे सारी बीमारियां कभी हुई ही नहीं हैं, और ड्रिप भी नहीं लगाई गई है.

पुलिस विभाग को मिला स्वास्थ्य विभाग का टेक्निकल सपोर्ट: पुलिस विभाग द्वारा आगे की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से सहयोग मांगा गया है ताकि सच्चाई सामने आ सके. प्रभारी सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि उन्होंने पुलिस विभाग को टेक्निकल सपोर्ट दिया है और मरीजों की फाइलों में जो बीमारियां दर्ज थीं वे नहीं पाई गई हैं. फिलहाल हॉस्पिटल संचालक दंपत्ति अभी जेल में बंद है, जिनसे पूछताछ में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं.

Ayushman Scheme Fraud भ्रष्टाचार की हद, बिना गंभीर बिमारी के मरीजों को अस्पताल में कराया भर्ती, फिर आयुष्मान कार्ड से निकाल लिए लाखों

होटल में मरीजों का इलाज: पैसों की अंधी कमाई करने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल किस हद तक फर्जीवाड़ा करते हैं इसका एक उदाहरण जबलपुर में सामने आया था. जहां मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए एक प्राइवेट हॉस्पिटल के मरीजों का इलाज उसके बाजू में स्थित होटल में किया जा रहा था. मामले का खुलासा तब हुआ जब आयुष्मान कार्ड योजना में फर्जीवाड़े की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग और आयुष्मान योजना के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल में छापामार कार्रवाई की. कार्रवाई के दौरान पता चला कि मरीजों का इलाज अस्पताल से सटे वेगा होटल में किया जा रहा था.

आयुष्मान योजना के पैसे हड़पने का खेल: होटल के बड़े हॉल को जनरल वार्ड बना दिया था. मिनी हॉल को आईसीयू और होटल के कमरों में मरीजों को भर्ती कर दिया था. दरअसल यह पूरा खेल आयुष्मान योजना के पैसे हड़पने के लिए खेला जा रहा था. अस्पताल संचालक ऐसे मरीजों को होटल में भर्ती कर रहा था जो मामूली सी बीमारियां जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार, बदन दर्द से पीड़ित थे. मरीजों को 3 से 4 दिन तक होटल में भर्ती रखा और उनके आयुष्मान कार्ड को इस्तेमाल किया जा रहा था.

डॉक्टर और उसकी पत्नी गिरफ्तार: पुलिस ने इस मामले में सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर अश्विनी पाठक और होटल की जिम्मेदारी संभालने वाली उनकी पत्नी दुहिता पाठक को गिरफ्तार कर लिया था. बहरहाल इस खुलासे ने इस बात को तो साबित कर दिया है कि भारत में यह एकमात्र अस्पताल नहीं है, जो आयुष्मान योजना का फर्जीवाड़ा कर रहा होगा. बल्कि ऐसे हजारों की संख्या में अस्पताल होंगे जो गरीबों के हक का पैसा छीन कर सरकार को ही लाखों करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं.

(Jabalpur Ayushman Scheme Fraud) (Kidney hospital operating in Hotel (Jabalpur Health Department Action) (Patients admitted on pretext of free checkup)

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