इंदौर। दुनिया भर में विकराल रूप ले रही कोरोना महामारी से अब वन्य जीव और वन्य प्राणियों को बचाने की भी कवायद शुरू हो गई है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के निर्देशों के बाद इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में बेजुबानों को बचाने के लिए उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने के डोज दिए जा रहे हैं.
कोरोना वायरस से अब जानवरों को खतरा ! इंदौर के चिड़ियाघर में किए जा रहे खास इंतजाम
देशभर में सेंट्रल जू अथॉरिटी के निर्देश लागू
सेंट्रल जू अथॉरिटी ने देशभर के कुल 180 मान्यता प्राप्त चिड़िया घरों के लिए बीते साल ही कोरोना और बर्ड फ्लू से बचाव के लिए सर्कुलर जारी किया था. जिसके तहत सभी चिड़ियाघर में वायरस के लिहाज से सेफ्टी फीचर और प्रोटोकॉल सख्त किए गए हैं. जिसके तहत वन्य प्राणियों के पास बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है. इनकी देखभाल करने वाले केयरटेकर के लिए भी कोरोना गाइड लाइन का पालन करना जरूरी है.
इंदौर के जू में हैं कई दुर्लभ वन्य प्राणी
कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में कई दुर्लभ पशु-पक्षी मौजूद हैं. इनमें बाघ, शेर और दूसरे देशों और महाद्वीपों से लाए गए बर्ड्स भी मौजूद हैं. इनकी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए डाइट चार्ट तैयार किए गए हैं. प्राणी संग्रहालय प्रबंधन के मुताबिक फिलहाल सभी वन्य प्राणी सुरक्षित हैं. इसके बावजूद सभी की खास देखभाल की जा रही है. इंदौर के चिड़ियाघर में हाल ही में शेरनी मेघा ने तीन शावकों को भी जन्म दिया था इनमें से एक की मौत हो गई लेकिन दो शावक अभी भी मां मेघा के साथ मौजूद हैं. दोनों शावकों को उनकी मां दूध नहीं पिला पा रही थी, इसलिए चिड़ियाघर प्रशासन ने बच्चों की बिगड़ती हालत देखकर बच्चों को इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली दवाओं के साथ ही बॉटल के जरिए उन्हें बकरी का दूध पिलाने का फैसला किया है. फीडिंग के साथ ही इन दोंनों शावको को पोषक आहार भी दिया जा रहा है. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है. फिलहाल दोनों शावक खतरे से बाहर हैं.