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इंदौर: यहां हजारों आधार कार्ड को है मालिकों का इंतजार, जानें - क्यों बोरियो में भरकर रखे गए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स

आज के समय में आधार कार्ड बहुत महत्वपूर्ण है. सभी जरूरी कामों में आधार की अनिवार्यता है. लेकिन इंदौर के एमवाय अस्पताल में हजारों की संख्या में आधार कार्ड लावारिस हालत में पड़े हुए हैं. अटेंडर मरीज को दिखाने के बाद व्हीलचेयर को परिसर में छोड़कर अपना आधार कार्ड लिए बिना ही घर लौट जाते हैं. इनमें से अधिकांश आधार कार्ड के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट ओरिजिनल है.

Aadhar in unclaimed condition in Indore MY Hospital
इंदौर के एमवाय हास्पिटल में लावारिस हालत में आधार
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Published : May 5, 2022, 8:39 AM IST

इंदौर। आज के दौर में आधार कार्ड की जरूरत हर महत्वपूर्ण काम में पड़ती है. लेकिन इंदौर में ऐसे भी लापरवाह लोग हैं, जो आधार कार्ड के प्रति बेरुखी दिखाने की सभी सीमाएं लांघ रहे हैं. स्थिति यह है कि शहर के एमवाय अस्पताल परिसर में हजारों की संख्या में लोगों के आधार कार्ड लावारिस हालत में पड़े हुए हैं. जिन्हें लेने के लिए उनके मालिक भी गंभीर नहीं हैं.

गारंटी के तौर पर आधार होता है जमा: इंदौर के एमवाय अस्पताल की ओपीडी में जो मरीज प्रतिदिन आते हैं, उनके लिए यहां पर व्हीलचेयर और स्टेचर की व्यवस्था सामाजिक संस्था के सहयोग से की जाती है. ओपीडी परिसर में 120 व्हीलचेयर और स्टेचर की व्यवस्था यहां पर तैनात चेतन वर्मा के हवाले हैं. चेतन जिस किसी मरीज को व्हीलचेयर या स्टेचर की आवश्यकता होती है, वह निशुल्क प्रदान करते हैं. लेकिन संबंधित व्हीलचेयर मरीज का अटेंडर उन्हें जिम्मेदारी के साथ वापस लौटा सके, इसके लिए वे गारंटी के तौर पर मरीज के अटेंडर का आधार कार्ड जमा कराते हैं.

गारंटी के तौर पर जमा कराया जाता है आधार

बिना आधार लिए चले जाते हैं अटेंडर: मरीज को दिखाने के बाद अटेंडर व्हीलचेयर को परिसर में छोड़कर अपना आधार कार्ड लिए बिना ही घर लौट जाते हैं. एमवाय अस्पताल के ओपीडी में यह स्थिति महीनों से चल रही है, नतीजतन ओपीडी में चेतन वर्मा के पास अब हजारों की संख्या में आधार कार्ड एकत्र हो चुके हैं. जिन्हें वापस लेने के लिए उनके मालिक भी गंभीर नहीं है. इन आधार कार्डों में अधिकांश आधार कार्ड ओरिजिनल है, इन आधार कार्ड पर आवेदकों के जो फोन नंबर लिखे हैं, चेतन वर्मा उन्हें भी फोन लगा लगा कर हार चुके हैं.

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आधार के अलावा अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट भी लावारिस: आधार कार्ड के मालिक ही अपने आधार को परिसर से एकत्र करने को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसी स्थिति में हजारों की संख्या में आधार कार्ड यहां लावारिस पड़े हैं. अब इन्हें रखने की दिक्कत होने लगी, तो आधार कार्ड को बोरियों में भरकर एक स्थान पर रखा गया है. क्योंकि अब संस्था के कर्मचारियों को भी उम्मीद नहीं है कि इन्हें लेने कोई वापस आएगा. आधार कार्ड के अलावा यहां पर ड्राइविंग लाइसेंस एवं अन्य जरूरी दस्तावेज भी पडे़ हुए हैं, जिन्हें लेकर उनके मालिक ही गंभीर नहीं हैं.

इसलिए जरूरी आधार की देखभाल: भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाला आधार कार्ड संबंधित नागरिक की पहचान का प्रमाण है. भारतीय विनिर्दिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा 12 अंकों का यह पहचान पत्र व्यक्ति के पते के प्रमाण के अलावा उसके फोन नंबर फोटो एवं डिजिटल सिग्नेचर अथवा अन्य मामलों में महत्वपूर्ण प्रमाण हैं. इसी के जरिए खाद एवं खाद्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, रोजगार, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना, सर्व शिक्षा अभियान का अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, संपत्ति हस्तांतरण आदि कार्यों के अलावा नए मोबाइल नंबर, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन, खरीद-फरोख्त, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि अन्य डॉक्यूमेंट बनवाने के लिए भी आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है.

इंदौर। आज के दौर में आधार कार्ड की जरूरत हर महत्वपूर्ण काम में पड़ती है. लेकिन इंदौर में ऐसे भी लापरवाह लोग हैं, जो आधार कार्ड के प्रति बेरुखी दिखाने की सभी सीमाएं लांघ रहे हैं. स्थिति यह है कि शहर के एमवाय अस्पताल परिसर में हजारों की संख्या में लोगों के आधार कार्ड लावारिस हालत में पड़े हुए हैं. जिन्हें लेने के लिए उनके मालिक भी गंभीर नहीं हैं.

गारंटी के तौर पर आधार होता है जमा: इंदौर के एमवाय अस्पताल की ओपीडी में जो मरीज प्रतिदिन आते हैं, उनके लिए यहां पर व्हीलचेयर और स्टेचर की व्यवस्था सामाजिक संस्था के सहयोग से की जाती है. ओपीडी परिसर में 120 व्हीलचेयर और स्टेचर की व्यवस्था यहां पर तैनात चेतन वर्मा के हवाले हैं. चेतन जिस किसी मरीज को व्हीलचेयर या स्टेचर की आवश्यकता होती है, वह निशुल्क प्रदान करते हैं. लेकिन संबंधित व्हीलचेयर मरीज का अटेंडर उन्हें जिम्मेदारी के साथ वापस लौटा सके, इसके लिए वे गारंटी के तौर पर मरीज के अटेंडर का आधार कार्ड जमा कराते हैं.

गारंटी के तौर पर जमा कराया जाता है आधार

बिना आधार लिए चले जाते हैं अटेंडर: मरीज को दिखाने के बाद अटेंडर व्हीलचेयर को परिसर में छोड़कर अपना आधार कार्ड लिए बिना ही घर लौट जाते हैं. एमवाय अस्पताल के ओपीडी में यह स्थिति महीनों से चल रही है, नतीजतन ओपीडी में चेतन वर्मा के पास अब हजारों की संख्या में आधार कार्ड एकत्र हो चुके हैं. जिन्हें वापस लेने के लिए उनके मालिक भी गंभीर नहीं है. इन आधार कार्डों में अधिकांश आधार कार्ड ओरिजिनल है, इन आधार कार्ड पर आवेदकों के जो फोन नंबर लिखे हैं, चेतन वर्मा उन्हें भी फोन लगा लगा कर हार चुके हैं.

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आधार के अलावा अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट भी लावारिस: आधार कार्ड के मालिक ही अपने आधार को परिसर से एकत्र करने को लेकर गंभीर नहीं है. ऐसी स्थिति में हजारों की संख्या में आधार कार्ड यहां लावारिस पड़े हैं. अब इन्हें रखने की दिक्कत होने लगी, तो आधार कार्ड को बोरियों में भरकर एक स्थान पर रखा गया है. क्योंकि अब संस्था के कर्मचारियों को भी उम्मीद नहीं है कि इन्हें लेने कोई वापस आएगा. आधार कार्ड के अलावा यहां पर ड्राइविंग लाइसेंस एवं अन्य जरूरी दस्तावेज भी पडे़ हुए हैं, जिन्हें लेकर उनके मालिक ही गंभीर नहीं हैं.

इसलिए जरूरी आधार की देखभाल: भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाला आधार कार्ड संबंधित नागरिक की पहचान का प्रमाण है. भारतीय विनिर्दिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा 12 अंकों का यह पहचान पत्र व्यक्ति के पते के प्रमाण के अलावा उसके फोन नंबर फोटो एवं डिजिटल सिग्नेचर अथवा अन्य मामलों में महत्वपूर्ण प्रमाण हैं. इसी के जरिए खाद एवं खाद्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, रोजगार, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना, सर्व शिक्षा अभियान का अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, संपत्ति हस्तांतरण आदि कार्यों के अलावा नए मोबाइल नंबर, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन, खरीद-फरोख्त, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि अन्य डॉक्यूमेंट बनवाने के लिए भी आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है.

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