ETV Bharat / city

इंदौर में 6 हजार हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स का रुका वेतन, पढ़िए ऐसा क्यों हुआ

इंदौर कलेक्टर के निर्देश पर ऐसे छह हजार हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स का वेतन रोक दिया गया है, जिन्होंने ड्यू डेट के बावजूद भी बूस्टर डोज नहीं लगवाया है. इनका वेतन तभी दिया जाएगा जब ये अपना प्रिकॉशन डोज का प्रमाण पत्र अपने विभाग में देंगे. (Indore administration strict on booster dose)

booster dose in Indore
इंदौर में बूस्टर डोज पर प्रशासन की सख्ती
author img

By

Published : Feb 3, 2022, 7:48 AM IST

इंदौर। इंदौर के 6 हजार हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और तमाम विभागों के ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, उनका जनवरी माह का वेतन अभी नहीं मिलेगा. बिना बूस्टर डोज टीके के किसी भी अधिकारी, वर्कर्स और कर्मचारी को वेतन नहीं दिया जाएगा. इनका वेतन तब तक नहीं जारी होगा जब तक ये लोग बूस्टर डोज लगाकर इसका सर्टिफिकेट नहीं दिखांगे. करीब 6,000 अधिकारियों कर्मचारियों का वेतन रोक लिया गया है, जबकि शेष विभागों के अन्य कर्मचारियों अधिकारियों को लेकर भी पड़ताल की जा रही है.

फील्ड में जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर फोकस
बूस्टर डोज लगवाने के लिए उन विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को पहले चिन्हित किया गया है जो फ्रंटलाइन में काम कर रहे हैं. हेल्थ वर्कर्स के रूप में वे लोग हैं जो विभिन्न सरकारी अस्पतालों से जुड़े हैं. इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में जिला पंचायत, नगर निगम, पुलिस, बीएसएफ, विभिन्न बटालियन, सहकारी, कृषि आदि विभाग से जुड़े हैं. इस मामले में कलेक्टर ने ट्रेजरी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इनका वेतन तब ही जारी किया जाए जब यह लोग बूस्टर डोज लगवा लेंगे. मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने भी विभाग को निर्देश दिया है कि, वह ऐसे पुलिसकर्मियों का वेतन तब ही जारी करें जब उन्होंने बूस्टर डोज लगवा लिया हो.

कलेक्टर ने सख्ती के दिए थे निर्देश
दरअसल, इंदौर जिले को पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड करने के लिहाज से इंदौर जिला प्रशासन ने सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि, कोरोना वायरस के दूसरे डोज के बाद तीसरे और प्रिकॉशन डोज लगवाना सभी को जरूरी है. ऐसा नहीं करने वालों को वेतन नहीं दिया जायेगा. मुख्य रूप से प्राइवेट अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारियों, डॉक्टरों, नर्सों आदि को भी इस श्रेणी में रखा गया था.

बूस्टर डोज के प्रमाण पत्र पर मिलेगा वेतन
प्रिकॉशन डोज मामले को लेकर बैठक में बताया गया था कि जिले में अभी तक 18,833 कर्मचारियों को टीका लग चुका है, लेकिन अभी भी 10,455 ऐसे हैं जिन्हें बूस्टर डोज लगना बाकी है. इसके बाद सभी विभागों से जानकारी लेने पर पता चला कि करीब 6000 कर्मचारी अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने ड्यू डेट के बावजूद भी बूस्टर डोज नहीं लगवाया है.

बच्चों का टीकाकरण नहीं कराने पर चार स्कूल सील
इंदौर जिला प्रशासन ने ऐसे स्कूल जिन्होंने 15 से 17 साल तक के बच्चों को टीका लगाने के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके लिये सभी अपर कलेक्टरों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गये थे कि स्कूलों का निरीक्षण करें. इसमें जिले के चार स्कूलों को आगामी आदेश तक सील किया गया है. सील किए गए स्कूल में ना तो प्रशासनिक कामकाज हो सकेंगे और ना ही कक्षाएं लग सकेंगी.

जनवरी में कोविड के डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ाए पॉजिटिव केस, 63,000 से ज्यादा एक्टिव केस, 80 से अधिक हुईं मौतें

जो स्कूल सील किए गए है वह छावनी के सेंट अर्नाल्ड स्कूल जिसमें 741 बच्चों में से 647 बच्चों का ही टीकाकरण हुआ है. शेष 94 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है. इसी प्रकार टैगोर पब्लिक स्कूल की जांच में पता चला कि 310 में से 208 बच्चों का ही वैक्सीनेशन किया गया है, जबकि शेष 102 बच्चे अभी भी बाकी हैं. इसके अलावा छावनी स्थित बेगम खान बहादुर विद्यालय में 414 बच्चों में से 116 का टीकाकरण नहीं हुआ है. इसी के साथ जी पलासिया स्थित सेंट उमर हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 953 बच्चों में से 235 ऐसे पाए गए जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है. (Indore administration strict on booster dose ) (6 thousand health workers salary held over) (booster dose in Indore)

इंदौर। इंदौर के 6 हजार हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और तमाम विभागों के ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, उनका जनवरी माह का वेतन अभी नहीं मिलेगा. बिना बूस्टर डोज टीके के किसी भी अधिकारी, वर्कर्स और कर्मचारी को वेतन नहीं दिया जाएगा. इनका वेतन तब तक नहीं जारी होगा जब तक ये लोग बूस्टर डोज लगाकर इसका सर्टिफिकेट नहीं दिखांगे. करीब 6,000 अधिकारियों कर्मचारियों का वेतन रोक लिया गया है, जबकि शेष विभागों के अन्य कर्मचारियों अधिकारियों को लेकर भी पड़ताल की जा रही है.

फील्ड में जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर फोकस
बूस्टर डोज लगवाने के लिए उन विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को पहले चिन्हित किया गया है जो फ्रंटलाइन में काम कर रहे हैं. हेल्थ वर्कर्स के रूप में वे लोग हैं जो विभिन्न सरकारी अस्पतालों से जुड़े हैं. इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में जिला पंचायत, नगर निगम, पुलिस, बीएसएफ, विभिन्न बटालियन, सहकारी, कृषि आदि विभाग से जुड़े हैं. इस मामले में कलेक्टर ने ट्रेजरी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इनका वेतन तब ही जारी किया जाए जब यह लोग बूस्टर डोज लगवा लेंगे. मामले में पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने भी विभाग को निर्देश दिया है कि, वह ऐसे पुलिसकर्मियों का वेतन तब ही जारी करें जब उन्होंने बूस्टर डोज लगवा लिया हो.

कलेक्टर ने सख्ती के दिए थे निर्देश
दरअसल, इंदौर जिले को पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड करने के लिहाज से इंदौर जिला प्रशासन ने सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि, कोरोना वायरस के दूसरे डोज के बाद तीसरे और प्रिकॉशन डोज लगवाना सभी को जरूरी है. ऐसा नहीं करने वालों को वेतन नहीं दिया जायेगा. मुख्य रूप से प्राइवेट अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर के कर्मचारियों, डॉक्टरों, नर्सों आदि को भी इस श्रेणी में रखा गया था.

बूस्टर डोज के प्रमाण पत्र पर मिलेगा वेतन
प्रिकॉशन डोज मामले को लेकर बैठक में बताया गया था कि जिले में अभी तक 18,833 कर्मचारियों को टीका लग चुका है, लेकिन अभी भी 10,455 ऐसे हैं जिन्हें बूस्टर डोज लगना बाकी है. इसके बाद सभी विभागों से जानकारी लेने पर पता चला कि करीब 6000 कर्मचारी अधिकारी ऐसे हैं जिन्होंने ड्यू डेट के बावजूद भी बूस्टर डोज नहीं लगवाया है.

बच्चों का टीकाकरण नहीं कराने पर चार स्कूल सील
इंदौर जिला प्रशासन ने ऐसे स्कूल जिन्होंने 15 से 17 साल तक के बच्चों को टीका लगाने के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इसके लिये सभी अपर कलेक्टरों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गये थे कि स्कूलों का निरीक्षण करें. इसमें जिले के चार स्कूलों को आगामी आदेश तक सील किया गया है. सील किए गए स्कूल में ना तो प्रशासनिक कामकाज हो सकेंगे और ना ही कक्षाएं लग सकेंगी.

जनवरी में कोविड के डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ाए पॉजिटिव केस, 63,000 से ज्यादा एक्टिव केस, 80 से अधिक हुईं मौतें

जो स्कूल सील किए गए है वह छावनी के सेंट अर्नाल्ड स्कूल जिसमें 741 बच्चों में से 647 बच्चों का ही टीकाकरण हुआ है. शेष 94 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें टीका नहीं लगा है. इसी प्रकार टैगोर पब्लिक स्कूल की जांच में पता चला कि 310 में से 208 बच्चों का ही वैक्सीनेशन किया गया है, जबकि शेष 102 बच्चे अभी भी बाकी हैं. इसके अलावा छावनी स्थित बेगम खान बहादुर विद्यालय में 414 बच्चों में से 116 का टीकाकरण नहीं हुआ है. इसी के साथ जी पलासिया स्थित सेंट उमर हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 953 बच्चों में से 235 ऐसे पाए गए जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है. (Indore administration strict on booster dose ) (6 thousand health workers salary held over) (booster dose in Indore)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.