ईटीवी भारत डेस्क: माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. शुक्रवार का दिन देवी मां की पूजा के लिए विशेष होता है. इस दिन देवी मां के हर स्वरूप की पूजा की जा सकती है. विशेषकर इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा (lakshmi puja on friday) स्तुति करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होने लगती है, साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है, इसलिए शुक्रवार के दिन लोग मां लक्ष्मी की उपासना (lakshmi pooja on friday) करते हैं. माता रानी की कृपा पाने के लिए शुक्रवार का व्रत रखना सबसे उचित है.
मान्यता है कि मां आदि शक्ति हमेशा लाल, गुलाबी रंग के कपड़े पहनती हैं. इसलिए शुक्रवार के दिन लाल और गुलाबी रंग के कपड़े पहनना (pink clothes) शुभ माना जाता है. इस दिन गहरे लाल रंग या गुलाबी रंग के कपड़े पहनने से देवी मां की कृपा प्राप्त होती है. क्रीम या सफेद रंग के कपड़े भी पहनना शुभ माना जाता है.
आज के दिन (friday) घर के मुख्य द्वार पर बाहर की तरफ जमीन पर रोली या लाल रंग से माता लक्ष्मी के पैरों के निशान बनाएं. माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र अर्पण करें. शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी (dhan ki devi) के मंदिर या किसी भी देवी मां के मंदिर जाकर उन्हें लाल वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है. संभव हो तो मां लक्ष्मी को लाल चूड़ियां, लाल बिंदी, सिंदूर और लाल चुनरी भी अर्पित करें. कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
माता लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो को ईशान कोण या फिर पूर्व दिशा में रखकर ही पूजा करें. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीयंत्र पर कमल का फूल चढ़ाएं और श्री सूक्त का पाठ करें. माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप स्फटिक या कमलगट्टे की माला से करें. माता लक्ष्मी के साथ भगवान श्री नारायण की भी पूजा करें, दोनों की पूजा करने से (Maa laxmi pujan) सभी ग्रहों और देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहेगा और धन संबंधी बाधाएं दूर होंगी. आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए महालक्ष्मी यंत्र (Mahalaxmi yantra) की स्थापना करें और उसकी प्रतिदिन पूजा करें. महालक्ष्मी यंत्र को कैश बॉक्स या तिजोरी में रखने से धन लाभ होता है.
शुक्रवार के दिन क्या करें (Do's and don'ts on Friday) क्या नहीं!
- ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार के दिन पैसे उधार लेने या फिर देने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.
- इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमल का फूल, कौड़ी, शंख, लाल या गुलाबी कपड़ा किसी मंदिर में जाकर अर्पित करें, इससे आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती हैं.
- मां लक्ष्मी या देवी मां को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन माता को सफेद मिठाई, मिश्री, खीर का भोग लगाना चाहिए.
- शुक्रवार के दिन भूलकर भी किसी कन्या, महिला और किन्नरों का अपमान नहीं करना चाहिए और न ही उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए.
- माता लक्ष्मी को स्वच्छता पसंद है, वो साफ-सफाई से प्रसन्न होती हैं. मां लक्ष्मी के पूजन से पहले शुक्रवार को भी इस नियम का पालन करना चाहिए, जिससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है.
इसके अलावा मां लक्ष्मी के 108 नाम (Ma Lakshmi ke 108 naam) का प्रतिदिन जप (goddes laxmi worship on friday) करने से धन-धान्य, सुख-संपत्ति, वैभव, कीर्ति, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है.
- प्रकृति – प्रकृति
- विकृति – दो रूपी प्रकृति
- विद्या – बुद्धिमत्ता
- सर्वभूतहितप्रदा- ऐसा व्यक्ति जो संसार के सारे सुख दे सके
- श्रद्धा- जिसकी पूजा होती है
- विभूति-धन की देवी
- सुरभि- सुगंधा
- परमात्मिका- सर्वव्यापी देवी
- वाची- अमृतमयी वाणी
- पद्मालया- जो कमल पर रहती हैं
- पद्मा- कमल
- शुचि- पवित्रता की देवी
- स्वाहा- शुभ
- स्वधा- जो अशुभता को दूर करे
श्रद्धा सबुरी : भारतीय जनमानस में गहराई तक बसे हैं शिर्डी के साईं बाबा
- सुधा – अमृत की देवी
- धन्या- समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी
- हिरण्मयी-जो स्वर्ण के समान है
- लक्ष्मी- धन और समृद्धि की देवी
- नित्यपुष्ट-जिनसे नित्य शक्ति मिलती है
- विभा- जिनका चेहरा दीप्तिमान है
- अदिति- जिनकी चमक सूर्य की तरह है
- दीत्य-जो प्रार्थना का जवाब देती हैं
- दीप्ता- लौ की तरह जगमगाने वाली
- वसुधा-पृथ्वी की देवी
- वसुधारिणी- पृथ्वी की रक्षक
- कमला- कमलगंधा
- कांता- भगवान विष्णु की पत्नी
- कामाक्षी-आकर्षक आंखों वाली देवी
- कमलसम्भवा- जो कमल में से उपस्थित होती है
- अनुग्रहप्रदा-जो शुभकामनाओं का आशीर्वाद देती है
- बुद्धि-बुद्धि की देवी
- अनघा-निष्पाप या शुद्ध
- हरिवल्लभी-भगवान विष्णु की पत्नी
- अशोका-दुःख को दूर करने वाली
- अमृता- अमृत की देवी
- दीपा- प्रकाशमयी
- लोकशोकविनाशिनी-सांसारिक संकटों का नाश करने वाली
- धर्मनिलया-धर्मरक्षिणी
- करुणा – ममता की मूर्ति
- लोकमात्रिका-जन-जन की देवी
- पद्मप्रिया-जिन्हें कमल प्रिय है
- पद्महस्ता-जिनके हाथ में कमल हैं, और जिनके हाथ कमल की तरह हैं
- पद्माक्ष्य -जिनकी आंखें कमल के समान है
- पद्मसुन्दरी- कमल के समान सुंदर
- पद्मोद्भवा- कमल से उत्पन्न होने वाली देवी
- पद्ममुखी- कमल के सदृश मुख वाली
- पद्मनाभप्रिया-पद्मनाभ(भगवान विष्णु) की प्रेमिका
- रमा- भगवान विष्णु के साथ रमण करने वाली
- पद्ममालाधरा- कमल की माला पहनने वाली
- देवी- देवी
- पद्मिनी- कमल की तरह
- पद्मसुगन्धिनी- कमल की तरह सुगंध वाली
- पुण्यगन्धा-दिव्य सुगंधित देवी
- सुप्रसन्ना- अनुकंपा करने वाली, सदा प्रसन्न चित्त रहने वाली
- प्रसादाभिमुखी- वरदान और इच्छाओं को अनुदान देने वाली
- प्रभा- देवी जिनका आभामंडल दिव्य और चमकदार हो
- चंद्रवंदना – जिनकी दीप्ति चंद्र के समान हो
- चंदा- चन्द्र की तरह शांत
- चन्द्रसहोदरी- चंद्रमा की बहन
- चतुर्भुजा- चार भुजाओं वाली
- चन्द्ररूपा-चंद्रमा के समान रूप वाली
- इंदिरा- सूर्य की तरह चमक वाली
- इन्दुशीतला-चांद की तरह शीतल
- अह्लादजननी- प्रसन्नता देने वाली
- पुष्टि- स्वास्थ्य की देवी
- शिवा-शुभ देवी
- शिवाकारी-शुभ का अवतार
- सत्या-सच्चाई
- विमला- शुद्ध
- विश्वजननी- समस्त ब्रह्माण्ड की देवी
- तुष्टी- तुरंत प्रसन्न होने वाली
- दारिद्र्यनाशिनी – दरिद्रता दूर करने वाली
- प्रीता पुष्करिणी – देवी जिनकी आंखें सुखदायक हैं
- शांता- शांतिपूर्ण देवी
- शुक्लांबरा-श्वेत वस्त्र धारण करने वाली
- भास्करी – सूर्य के समान तेजस्वी
- बिल्वनिलया- बिल्व वृक्ष में निवास करने वाली
- वरारोहा – हर वरदान पूर्ण करने वाली
- यशस्विनी-यश, सुख, प्रसिद्धि और भाग्य की देवी
- वसुंधरा-धरती माता की बेटी
- उदरंगा- जिनकी देह सुंदर है
- हरिनी- जो हिरण की तरह चंचला है
- हेमामालिनी-स्वर्ण का हार धारण करने वाली
- धनधान्यकी- स्वास्थ्य प्रदान करने वाली
- सिद्धि- रक्षक
- सौम्या : कोमल और आकर्षक
- शुभप्रभा-जो शुभता प्रदान करे
- नृपवेशवगाथानंदा- जो महलों में रहती है
- वरलक्ष्मी- समृद्धि की दाता
- वसुप्रदा-धन को प्रदान करने वाली
- शुभा- शुभ देवी
- हिरण्यप्रका – स्वर्ण प्रिया
- समुद्रतनया – समुद्र की बेटी
- जया -विजय की देवी
- मंगला-मंगल करने वाली
- देवी – देवता या देवी
- विष्णुवक्षा- भगवान विष्णु के सान्निध्य में रहने वाली, उनके ह्रदय में निवास करने वाली
- विष्णुपत्नी-भगवान विष्णु की पत्नी
- प्रसन्नाक्षी – खूबसूरत आंखों वाली
- नारायण समाश्रिता- नारायण के साथ रहने वाली
- दारिद्र्य ध्वंसिनी- गरीबी समाप्त करने वाली
- लक्ष्मी – देवी
- सर्वोपद्रवनिवारिणी — हर उपद्रव और संकट का निवारण करने वाली
- नवदुर्गा-नौ दुर्गा के सभी रूप
- महाकाली- काली देवी
- ब्रह्मा-विष्णु-शिवात्मिका- ब्रह्मा, विष्णु, शिव की आराध्या
- त्रिकालज्ञानसम्पन्ना- जिन्हें तीनों कालों की जानकारी हो
- भुवनेश्वरी- अखिल भुवन यानी ब्रह्मांड की स्वामिनी
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