इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में करीब 3000 करोड़ रुपए का कोऑपरेटिव जमीन घोटाला उजागर हुआ है. प्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े मामले में एक साथ 17 रसूखदार भू-माफियाओं के खिलाफ शहर के अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी, जमीन हड़पने षड्यंत्र करने, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने जैसे मामलों में आधा दर्जन FIR दर्ज की हैं. इस मामले में दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि शेष आरोपियों की खोजबीन शुरू हो गई है.
बीते पांच दशकों से गृह निर्माण सहकारी सोसायटी बनाकर सदस्यों को प्लॉट देने के बजाय जमीनों के हेरफेर करने के साथ ही सोसायटी के सदस्यों को भूखंडों से वंचित करने वाले भू-माफिया के खिलाफ इंदौर जिला प्रशासन ने चरणबद्ध अभियान की शुरुआत कर दी है. पहले चरण में इंदौर के सबसे पॉश इलाके में देवी अहिल्या सहकारी संस्था की पूरी कॉलोनी और मजदूर पंचायत गृह निर्माण, सहकारी संस्था की पुष्प विहार कॉलोनी के करीब डेढ़ हजार भूखंड धारियों को उनके हक की जमीन दिलाने की तैयारी की गई है.
पीड़ितों की शिकायत पर जांच
अपने-अपने प्लाटों से वंचित किए गए लोगों ने राज्य सरकार समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भू-माफिया के खिलाफ अलग-अलग स्तर पर जमीनों के दस्तावेज प्रस्तुत कर शिकायतें की थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने सबसे पहले शहर की 30 गृह निर्माण सोसायटी की जांच की, जिसमें प्रत्येक सोसाइटी के खिलाफ 10 से ज्यादा शिकायतें थी. इस जांच में पता चला कि बीते 30 सालों से जो लोग सोसाइटी में अपने प्लाट का पैसा देने के बावजूद प्लाटों के लिए भटक रहे हैं, उन्हें तमाम शिकायतों के बावजूद न्याय नहीं मिला.
17 भू-माफियाओं के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने जमीनों के हेरफेर के तमाम मामलों की पड़ताल की तो पता चला इंदौर में बीते कई सालों से भू-माफिया करीब 3000 करोड़ की जमीनों का घोटाला कर चुके हैं. इधर राज्य सरकार ने माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टरों को फ्री हैंड दे रखा है, तो कलेक्टर मनीष सिंह ने पहले चरण में देवी अहिल्या गृह निर्माण संस्था की अयोध्या पुरी कॉलोनी और मजदूर पंचायत गृह निर्माण सहकारी संस्था की पुष्प विहार कॉलोनी की जमीनों का हेरफेर करने वाले 17 भू-माफियाओं के खिलाफ धोखाधड़ी, हेरफेर षड्यंत्र और फर्जी दस्तावेज तैयार करने जैसे गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज कराई है.
इन गृह निर्माण समितियों पर कार्रवाई
इंदौर में बीते 35 सालों में अस्तित्व में आई 858 गृह निर्माण समितियों में से 128 गृह निर्माण समिति ऐसी हैं, जिनमें सदस्यों को भूखंड प्राप्त नहीं होने अथवा उनके साथ धोखाधड़ी होने की शिकायतें जिला प्रशासन को बीते सालों में मिलती रही हैं. इन 128 में से 10 ऐसी हैं जिनके खिलाफ सदस्यों की 85 फ़ीसदी शिकायतें हैं. इनमें मुख्य रूप से मजदूर पंचायत, देवी अहिल्या, जागृति नवभारत, न्याय नगर गीता गृह निर्माण सोसायटी, श्री राम गृह निर्माण सोसायटी, जय हिंद एवं डॉ ग्रहण सोसायटी, कविता गृह निर्माण सोसायटी शामिल हैं.
ऐसे किए गए जमीनों के घपले
- देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी समिति
देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी समिति के तत्कालीन पदाधिकारी और रसूखदार बिल्डर सुरेंद्र संघवी प्रतीक संघवी, पुष्पेंद्र नीमा, दिलीप सिसोदिया, दिलीप जैन और मुकेश खत्री आदि ने मिलकर अयोध्या पुरी कॉलोनी नामक करीब साढे 16 एकड़ पर बसने वाली कॉलोनी के 369 भूखंडों को सदस्यों को रजिस्ट्री कराने के बावजूद कब्जा नहीं दिया. इसके बाद 2007 में इस संस्था के अनाधिकृत रूप से कर्ताधर्ता बताए जाने वाले विमल लोहारिया और रणवीर सिंह सूदन ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 96 भूखंडों की करीब 4 एकड़ जमीन की एक साथ रजिस्ट्री सिंपलेक्स इन्वेस्टमेंट एंड मेगा फाइनेंस कंपनी को कर दी. इस रजिस्ट्री के बदले 24 करोड़ रुपए संस्था को प्राप्त हुए. उसमें से 2 करोड़ 20 लाख सुरेंद्र संघवी एवं अन्य लोग खा गए.
पुलिस ने रणवीर सिंह सूजन, विमल लोहारिया, पुष्पेंद्र नीमा, दिलीप सिसोदिया, दिलीप जैन, मुकेश खत्री, सुरेंद्र संघवी आदि के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.
- मजदूर पंचायत गृह निर्माण सोसायटी
मजदूर पंचायत गृह निर्माण सोसायटी के तत्कालीन संस्था प्रबंधक नदीम हैदर ने सोसाइटी के करीब 90 भूखंडों की सदस्यों को रजिस्ट्री होने के बावजूद इनकी जमीन को कृषि भूमि बताते हुए अवैध तरीके से भू-माफिया केशव नाचानी और ओमप्रकाश धनवानी को बेच दी. इस अवैध सौदेबाजी के जरिए जमीन के बदले में जो करोड़ों रुपए प्राप्त हुए वह एक अन्य संस्था नंदा नगर साख सहकारी समिति में खाता खुलवा कर जमा करा दिए गए, इस संस्था में यह षड्यंत्र तत्कालीन पदाधिकारी दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक जैन दीपेश कुमार बोरा और कमलेश जैन ने मिलकर किया. इसके बाद इन सभी ने करोड़ों रुपए की इस राशि का बंदरबांट कर लिया.
जांच में पता चला दिलीप सिसोदिया दीपक जैन दीपेश कुमार बोरा कमलेश जैन नदीम हैदर आदि सब मिलकर जमीनों के गोरखधंधे में शामिल है, लिहाजा इन सभी के खिलाफ खजराना थाने में धारा 406, 420, 467, 468, 471 एवं 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.
- हिना पैलेस कॉलोनी
ऐसा ही कारनामा हिना पैलेस कॉलोनी में हुआ, जिसमें जितेंद्र धवन, राजीव धवन, श्रीधर पिता हरीश चंद्र, कदम रामसेवक पिता कलादीन पाल, गुलाम हुसैन पिता अब्दुल सत्तार खान और रमेश चंद्र जैन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है.
हकदार को जमीन दिलाने की कोशिश
इन सोसायटीओं के सदस्यों द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर अब जिला प्रशासन की कोशिश है कि सोसायटी ओं के गठन के समय जिन भूखंड धारियों को भूखंड मिलने थे. उन्हें वास्तविक रूप से भूखंड का कब्जा दिलाया जाए. इसके अलावा इन जमीनों को भूमाफिया द्वारा अवैध तरीके से बेच दिया गया है. उन रजिस्ट्री को शासन स्तर पर निरस्त कराने की कार्रवाई की जाए. इस आशय का प्रस्ताव भी इंदौर जिला प्रशासन ने सहकारिता विभाग और पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को भेजने की तैयारी की है.