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जिंदगी दांव पर लगाकर फर्ज निभा रहे भूपेंद्र रघुवंशी, किडनी खराब होने के बाद भी कर रहे ड्यूटी

इंदौर सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक भूपेंद्र रघुवंशी अपनी दोनों किडनी खराब होने के बाद भी लगातार अपना फर्ज निभा रहे हैं. वे इस मुश्किल दौर में भी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यही वह वक्त है जब देश को सबसे ज्यादा हमारी जरूरत है.

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भूपेंद्र रघुवंशी, उप जेल अधीक्षक, इंदौर
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Published : May 10, 2020, 10:12 PM IST

इंदौर। कोरोना से निपटने में इंदौर पुलिस पूरी सख्ती के साथ जुटी हुई है. गंभीर बीमारियों से परेशान पुलिसकर्मी भी इस मुश्किल वक्त में अपना फर्ज निभाने में जुटे हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है इंदौर सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक भूपेंद्र सिंह रघुवंशी की जिनकी दोनों किडनी खराब होने के बाद भी लगातार अपनी ड्यूटी करने में जुटे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उपजेल अधीक्षक ने बताया कि यही वह समय है जब देश को हमारी सबसे ज्यादा जरुरत होती है. इसलिए वह अपना फर्ज निभा रहे हैं.

जिंदगी दांव पर लगाकर फर्ज निभा रहे भूपेंद्र रघुवंशी

खास बात यह है कि इंदौर की सेंट्रल जेल में भी कई कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. बावजूद इसके भूपेंद्र सिंह रघुवंशी अपने काम में जुटे हैं. उनकी उम्र तकरीबन 55 साल के आसपास है लेकिन उनका जोश जज्बा आज भी पूरी तरह कायम है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे उम्र के इस पड़ाव में भी जुटे हैं. उन्होंने कहा कि हफ्ते में दो बार उनका डायलिसिस भी होता है. लेकिन यही समय है फर्ज निभाने का. उनका कहना था कि परिजनों ने कई बार उन्हें ड्यूटी पर जाने से रोका. लेकिन उन्होंने परिजनों को समझा कर अपनी ड्यूटी चेंज कर ली और लगातार पिछले 1 महीने से वह रोजाना की तरह जेल पर आते हैं और रूटीन ड्यूटी कर घर लौट जाते हैं.

इंदौर सेंट्रल जेल
इंदौर सेंट्रल जेल

कैदियों के स्वास्थ्य का भी लेते हैं हालचाल

भूपेंद्र रघुवंशी ने बताया कि वे ड्यूटी के दौरान पूरे जेल का चक्कर लगाते हैं, इस दौरान वे जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य का हालचाल भी लेते रहते हैं. वही जो कैदी अभी तक पॉजिटिव आए हैं उनके स्वास्थ्य की भी जानकारी उनके पास रहती है. जेल में सोशल डिस्टेसिंग बनी रहे इसकी पूरी जिम्मेदारी उनके पास है. जबकि अगर कोई लॉकडाउन का उल्लंघन करता भी तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है.

उप जेल अधीक्षक ने बताया कि अगर कोई कैदी बीमार मिलता भी है तो उस तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. ताकि जल्द से जल्द उसका इलाज करवाया जा सके. उन्होंने कहा कि यह ड्यूटी अब उनका रुटीन बन गया है. जिस तरह से उप जेल अधीक्षक अपनी बीमारियों को दरकिनार करते हुए ड्यूटी पर डटे हुए हैं. उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि किस तरह से कोरोना योद्धा अपने फर्ज के लिए जीवन को भी दांव पर लगाए हुए हैं. भूपेंद्र रघुवंशी ने कहा कि जल्दी ही कोरोना को हराया जाएगा और वापस भारत और इंदौर अपनी सामान्य जीवन शैली की शुरुआत करेगा.

इंदौर। कोरोना से निपटने में इंदौर पुलिस पूरी सख्ती के साथ जुटी हुई है. गंभीर बीमारियों से परेशान पुलिसकर्मी भी इस मुश्किल वक्त में अपना फर्ज निभाने में जुटे हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है इंदौर सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक भूपेंद्र सिंह रघुवंशी की जिनकी दोनों किडनी खराब होने के बाद भी लगातार अपनी ड्यूटी करने में जुटे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए उपजेल अधीक्षक ने बताया कि यही वह समय है जब देश को हमारी सबसे ज्यादा जरुरत होती है. इसलिए वह अपना फर्ज निभा रहे हैं.

जिंदगी दांव पर लगाकर फर्ज निभा रहे भूपेंद्र रघुवंशी

खास बात यह है कि इंदौर की सेंट्रल जेल में भी कई कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. बावजूद इसके भूपेंद्र सिंह रघुवंशी अपने काम में जुटे हैं. उनकी उम्र तकरीबन 55 साल के आसपास है लेकिन उनका जोश जज्बा आज भी पूरी तरह कायम है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे उम्र के इस पड़ाव में भी जुटे हैं. उन्होंने कहा कि हफ्ते में दो बार उनका डायलिसिस भी होता है. लेकिन यही समय है फर्ज निभाने का. उनका कहना था कि परिजनों ने कई बार उन्हें ड्यूटी पर जाने से रोका. लेकिन उन्होंने परिजनों को समझा कर अपनी ड्यूटी चेंज कर ली और लगातार पिछले 1 महीने से वह रोजाना की तरह जेल पर आते हैं और रूटीन ड्यूटी कर घर लौट जाते हैं.

इंदौर सेंट्रल जेल
इंदौर सेंट्रल जेल

कैदियों के स्वास्थ्य का भी लेते हैं हालचाल

भूपेंद्र रघुवंशी ने बताया कि वे ड्यूटी के दौरान पूरे जेल का चक्कर लगाते हैं, इस दौरान वे जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य का हालचाल भी लेते रहते हैं. वही जो कैदी अभी तक पॉजिटिव आए हैं उनके स्वास्थ्य की भी जानकारी उनके पास रहती है. जेल में सोशल डिस्टेसिंग बनी रहे इसकी पूरी जिम्मेदारी उनके पास है. जबकि अगर कोई लॉकडाउन का उल्लंघन करता भी तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है.

उप जेल अधीक्षक ने बताया कि अगर कोई कैदी बीमार मिलता भी है तो उस तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. ताकि जल्द से जल्द उसका इलाज करवाया जा सके. उन्होंने कहा कि यह ड्यूटी अब उनका रुटीन बन गया है. जिस तरह से उप जेल अधीक्षक अपनी बीमारियों को दरकिनार करते हुए ड्यूटी पर डटे हुए हैं. उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि किस तरह से कोरोना योद्धा अपने फर्ज के लिए जीवन को भी दांव पर लगाए हुए हैं. भूपेंद्र रघुवंशी ने कहा कि जल्दी ही कोरोना को हराया जाएगा और वापस भारत और इंदौर अपनी सामान्य जीवन शैली की शुरुआत करेगा.

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