इंदौर। 18 दिन चले गणगौर पर्व का समापन तीज के अवसर पर हो गया है. सामापन के दिन महिलाओं ने मिट्टी से भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजन-अर्चन किया. होलिका दहन के दूसरे दिन से शुरू होने वाला गणगौर पर्व वैसे तो 18 दिनों का होता है पर कुछ जगह ये19 दिन तक ही चलता है.
गणगौर पर्व के दौरान कुंवारी लड़कियां गणगोर माता से अच्छे वर तो महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और माता गणगौर का पूजन करती हैं. ये पर्व निमाड़ क्षेत्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. मालवा क्षेत्र कहे जाने वाले इंदौर व आसपास के क्षेत्रों में भी गणगौर के अवसर पर महिलाओं में खासा उत्साह दिखता है.
पर्व के समाप न अवसर पर सिमरोल गांव में माता गणगोर का पूजन धूमधाम से किया गया. जिसमें गणगौर माता के भक्तों को महिलाओं द्वारा नगर भ्रमण भी कराया. इस दौरान शिव मंदिर पर गणगौर माता को पानी पिलाने के बाद नृत्य भी कराया गया है. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं और कुंवारी लड़कियां गणगौर पूजन के लिए शिव मंदिर प्रांगण पहुंची थीं.
शिव पार्वती के रूप में गणगौर माता का पूजन बड़े धूमधाम से किया जाता है. गणगौर तीज के समापन के बाद गणगौर माता के रथों को सिर पर रख कर नगर भ्रमण कराया था. वहीं माता पूजन के दौरान पूजा के लिए तैयार किए गए ज्वारों को विसर्जित किया गया. गणगौर पूजा यहां आस्था प्रेम और पारिवारिक सौहार्द के उत्सव का प्रतीक है.