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फर्जी इंटरनेशनल कॉल से अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी का मामला, अब FBI करेगी जांच, इंदौर पुलिस से मांगी डिटेल - एफबीआई ने इंदौर पुलिस से मांगी डिटेल

करीब 1 साल पहले इंदौर में इंटरनेशनल कॉल के जरिये अमेरिकी (call center fraud case in indore)नागरिकों से करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था.अब इस पूरे मामले की जांच अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने शुरू की है.

call center fraud case in indore
कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों से हुई ठगी
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Published : Mar 1, 2022, 5:28 PM IST

इंदौर। करीब 1 साल पहले इंदौर में इंटरनेशनल कॉल के जरिये अमेरिकी (call center fraud case in indore)नागरिकों से करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था. इस मामले की जांच को लेकर अब नया मोड़ आ गया है. अब इस पूरे मामले की जांच अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने शुरू की है. इस मामले में एफबीआई के अधिकारियों ने इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल से करीब 25 मिनिट फोन पर बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली है.

कॉल सेंटर सेअमेरिकी नागरिकों से हुई ठगी

इस मामले में 23 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
इंदौर की विजय नगर और लसूड़िया पुलिस ने डेढ़ साल पहले इंटरनेशनल कॉल के जरिये धोखाधड़ी करने के मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था वे इंदौर के एक कॉल सेंटर से इंटरनल कॉल के जरिए लोगों को फोन कर खुद को अमेरिकन सोशल सिक्युरिटी का अफसर बताते हुए फोन करते थे. इसके बाद लोगों से ठगी की जाती थी.

कैसे करते थे अमेरिकी नागरिकों से ठगी

अमेरिकन सोशल सिक्युरिटी ऑफिसर बन कर ये लोग अमेरिकन नागरिकों को फोन करते और उनसे कहते कि आप का नाम किसी ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग या किसी एंटी नेशनल एक्टिविटी में सामने आ रहा है. ऐसी गतिविधियों को आपका हाथ है. फोन कॉल से डरे हुए लोग जब इनसे रिक्वेस्ट करते तो ये मदद करने के नाम पर उनसे वसूली किया करते थे. इन लोगों ने 100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों को अपना शिकार बनाया था. जिसके बाद अमेरिकी नागरिकों ने एंबेसी में इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसपर कार्रवाई करते हुए इंदौर क्राइम ब्रांच ने डेढ़ साल पहले 2 दर्जन के करीब लोगों को गिरफ्तार किया था. डीसीपी क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल के मुताबिक इस मामले का 1 आरोपी करण भट्ट अभी तक फरार है. कॉल सेंटर का मैनेजर जोशी फ्रांसिस की कस्टडी के दौरान कोविड से मौत हो चुकी है.

FBI ने इंदौर पुलिस से मांगा डाटा
डीसीपी निमिष अग्रवाल से इस मामले में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने आरोपियों का रिकॉर्ड मांगा है. क्राइम ब्रांच ने अमेरिकन जांच एजेंसी को 10 लाख अमेरिकी नागरिकों का डाटा भी दिया है. जिसमे उन लोगों के भी नाम शामिल हैं जिनसे आरोपियों ने 1 ही दिन में दस लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की थी. अब जल्द ही इस मामले की अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई वीडियो क्रॉनफ्रेंसिग के जरिए आरोपियों से बातचीत कर सवाल जवाब करेगी. इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी ने बताया कि मामले से जुड़े कॉल सेंटर के आईटी हेड जयराज सहित कॉल सेंटर के 19 कर्मचारियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. शहर के 6 कॉल सेंटर्स में अमेरिकी नागरिकों का डाटा भी मिला था जो एफबीआई को सौंप दिया गया है. मामले में FBI की एंट्री से नया मोड़ आ गया है. माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ नए खुलासे भी हो सकते हैं.

इंदौर। करीब 1 साल पहले इंदौर में इंटरनेशनल कॉल के जरिये अमेरिकी (call center fraud case in indore)नागरिकों से करोड़ो रूपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था. इस मामले की जांच को लेकर अब नया मोड़ आ गया है. अब इस पूरे मामले की जांच अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने शुरू की है. इस मामले में एफबीआई के अधिकारियों ने इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल से करीब 25 मिनिट फोन पर बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली है.

कॉल सेंटर सेअमेरिकी नागरिकों से हुई ठगी

इस मामले में 23 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
इंदौर की विजय नगर और लसूड़िया पुलिस ने डेढ़ साल पहले इंटरनेशनल कॉल के जरिये धोखाधड़ी करने के मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था वे इंदौर के एक कॉल सेंटर से इंटरनल कॉल के जरिए लोगों को फोन कर खुद को अमेरिकन सोशल सिक्युरिटी का अफसर बताते हुए फोन करते थे. इसके बाद लोगों से ठगी की जाती थी.

कैसे करते थे अमेरिकी नागरिकों से ठगी

अमेरिकन सोशल सिक्युरिटी ऑफिसर बन कर ये लोग अमेरिकन नागरिकों को फोन करते और उनसे कहते कि आप का नाम किसी ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग या किसी एंटी नेशनल एक्टिविटी में सामने आ रहा है. ऐसी गतिविधियों को आपका हाथ है. फोन कॉल से डरे हुए लोग जब इनसे रिक्वेस्ट करते तो ये मदद करने के नाम पर उनसे वसूली किया करते थे. इन लोगों ने 100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों को अपना शिकार बनाया था. जिसके बाद अमेरिकी नागरिकों ने एंबेसी में इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसपर कार्रवाई करते हुए इंदौर क्राइम ब्रांच ने डेढ़ साल पहले 2 दर्जन के करीब लोगों को गिरफ्तार किया था. डीसीपी क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल के मुताबिक इस मामले का 1 आरोपी करण भट्ट अभी तक फरार है. कॉल सेंटर का मैनेजर जोशी फ्रांसिस की कस्टडी के दौरान कोविड से मौत हो चुकी है.

FBI ने इंदौर पुलिस से मांगा डाटा
डीसीपी निमिष अग्रवाल से इस मामले में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने आरोपियों का रिकॉर्ड मांगा है. क्राइम ब्रांच ने अमेरिकन जांच एजेंसी को 10 लाख अमेरिकी नागरिकों का डाटा भी दिया है. जिसमे उन लोगों के भी नाम शामिल हैं जिनसे आरोपियों ने 1 ही दिन में दस लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की थी. अब जल्द ही इस मामले की अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई वीडियो क्रॉनफ्रेंसिग के जरिए आरोपियों से बातचीत कर सवाल जवाब करेगी. इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी ने बताया कि मामले से जुड़े कॉल सेंटर के आईटी हेड जयराज सहित कॉल सेंटर के 19 कर्मचारियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. शहर के 6 कॉल सेंटर्स में अमेरिकी नागरिकों का डाटा भी मिला था जो एफबीआई को सौंप दिया गया है. मामले में FBI की एंट्री से नया मोड़ आ गया है. माना जा रहा है कि इस मामले में कुछ नए खुलासे भी हो सकते हैं.

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