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पशु प्रेमियों के लिए खुशखबरी: अब गोद ले सकेंगे टाइगर-शेर सहित मनपंसद प्राणी, जानिये पूरी प्रक्रिया

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Published : Mar 25, 2022, 12:33 PM IST

पशु प्रमियों के लिए एक अच्छी खबर है. इंदौर के चिड़ियाघर में अब मनपसंद वन्य प्रणियों को गोद लिया जा सकेगा. सेंट्रल जू अथॉरिटी ने लोगों के वन्य प्राणियों के प्रति लगाव और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की है. अब तक टाइगर, शेर और मोर सहित 8 प्राणियों को गोद लिया जा चुका है. (8 animals adopted in Indore)

8 animals adopted in Indore
पशुप्रेमियों के लिए खुशखबरी

इंदौर। अभी तक आपने बच्चों को गोद लेते सुना होगा, लेकिन अब चिड़िया घरों में रहने वाले पशु-पक्षी भी गोद लिये जा रहे हैं. सेंट्रल जू अथॉरिटी ने लोगों में वन्य प्राणियों के प्रति लगाव और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की है. इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी मनपसंद का वन्य प्राणी गोद लेकर उसकी देख-भाल और खान-पान का जिम्मा उठा सकता है. हालांकि, आपको पशु-पक्षियों को घर ले जाने या पिंजरे में कैद करने की इजाजत नहीं मिलेगी.

इंदौर में 8 पशु पक्षियों को लिया गया गोद

ऑस्टरिच के चूजों को लिया जा सकेगा गोद: इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय से वन्य प्राणियों को गोद लेने की पहल शुरू हुई है. कुछ समाजसेवियों ने यहां के टाइगर को गोद ले रखा है. शेर और मोर (adopted to birds and animals) भी गोद लिए गए हैं. हाल ही में यहां विश्व के सबसे बड़े पक्षी ऑस्टरिच ने जो अंडे दिए थे उनसे भी 4 चूजे निकल आए हैं. अब उनके खानपान और देखभाल के लिए उनको भी गोद दिया जा सकेगा. इन प्राणियों की अन्य प्राणियों की तुलना में खास देखभाल होती है.

कमला नेहरू है सबसे बड़ा प्राणी उद्यान: इंदौर का कमला नेहरू प्राणी उद्यान मध्यम श्रेणी का सबसे बड़ा प्राणी उद्यान है. जहां 650 मैमल्स और रेप्टाइल श्रेणी के वन्य प्राणी मौजूद हैं. इसके अलावा दुनिया भर की रंगीन और आकर्षक 200 प्रजाति के करीब 300 पक्षी मौजूद हैं. जिन्हें देखने के लिए पूरे प्रदेश से पशु प्रेमी और प्राणी विशेषज्ञ आते हैं. शहर में कई ऐसे समाजसेवी हैं जिनका पशु पक्षियों से खासा लगाव है. यही वजह है कि ​बीते दो साल से कई लोगों वन्य प्राणियों के खानपान और देखभाल के लिए उनको गोद लिया है.

2 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी एमपी नहीं सुधर रहा बाल मत्युदर का आंकड़ा, प्रति हजार में से 46 बच्चे नहीं मना पाते अपना पहला जन्मदिन

प्राणी संग्रहालय को करना होता है आवेदन: प्राणी उद्यान प्रबंधन के मुताबिक सेंट्रल जू अथॉरिटी ने पशु पक्षियों के प्रति लोगों में जागरूकता और सकारात्मक रुख बढ़ाने की दिशा में यह फैसला लिया था. जिसके बाद 8 वन्य प्राणी गोद लिए गए हैं. गोद लेने की भी एक प्रक्रिय है. जिसके तहत प्राणियों को गोद लेने के लिए आमतौर पर प्राणी संग्रहालय प्रबंधन को एक आवेदन करना होता है. इसके बाद प्राणी पर होने वाले वार्षिक खर्च एवं अन्य संसाधनों की जानकारी आवेदक को दी जाती है.

घर नहीं ले जा सकते पशु-पक्षी: एक बात और है कि पशु-पक्षी गोद लेने वाले व्यक्ति के घर नहीं जाते बल्कि चिड़ियाघर में ही रहते हैं. क्योंकि उन्हें घर ले जाने या पिंजरे में बंद करने की अनुमति नहीं दी जाती. लेकिन प्राणी संग्रहालय के रिकॉर्ड में संबंधित प्राणी के बारे में जवाबदारी अथवा उस पर होने वाले खर्च की जिम्मेदारी गोद लेने वाले पर होती है. ऐसे पशु—पक्षियों को वन्य प्राणी प्रोटोकॉल के तहत अन्य प्राणियों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं.

(Initiative of Central Zoo Authority) (Animals will be able to adopt in zoo)

इंदौर। अभी तक आपने बच्चों को गोद लेते सुना होगा, लेकिन अब चिड़िया घरों में रहने वाले पशु-पक्षी भी गोद लिये जा रहे हैं. सेंट्रल जू अथॉरिटी ने लोगों में वन्य प्राणियों के प्रति लगाव और उनके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की है. इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी मनपसंद का वन्य प्राणी गोद लेकर उसकी देख-भाल और खान-पान का जिम्मा उठा सकता है. हालांकि, आपको पशु-पक्षियों को घर ले जाने या पिंजरे में कैद करने की इजाजत नहीं मिलेगी.

इंदौर में 8 पशु पक्षियों को लिया गया गोद

ऑस्टरिच के चूजों को लिया जा सकेगा गोद: इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय से वन्य प्राणियों को गोद लेने की पहल शुरू हुई है. कुछ समाजसेवियों ने यहां के टाइगर को गोद ले रखा है. शेर और मोर (adopted to birds and animals) भी गोद लिए गए हैं. हाल ही में यहां विश्व के सबसे बड़े पक्षी ऑस्टरिच ने जो अंडे दिए थे उनसे भी 4 चूजे निकल आए हैं. अब उनके खानपान और देखभाल के लिए उनको भी गोद दिया जा सकेगा. इन प्राणियों की अन्य प्राणियों की तुलना में खास देखभाल होती है.

कमला नेहरू है सबसे बड़ा प्राणी उद्यान: इंदौर का कमला नेहरू प्राणी उद्यान मध्यम श्रेणी का सबसे बड़ा प्राणी उद्यान है. जहां 650 मैमल्स और रेप्टाइल श्रेणी के वन्य प्राणी मौजूद हैं. इसके अलावा दुनिया भर की रंगीन और आकर्षक 200 प्रजाति के करीब 300 पक्षी मौजूद हैं. जिन्हें देखने के लिए पूरे प्रदेश से पशु प्रेमी और प्राणी विशेषज्ञ आते हैं. शहर में कई ऐसे समाजसेवी हैं जिनका पशु पक्षियों से खासा लगाव है. यही वजह है कि ​बीते दो साल से कई लोगों वन्य प्राणियों के खानपान और देखभाल के लिए उनको गोद लिया है.

2 हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी एमपी नहीं सुधर रहा बाल मत्युदर का आंकड़ा, प्रति हजार में से 46 बच्चे नहीं मना पाते अपना पहला जन्मदिन

प्राणी संग्रहालय को करना होता है आवेदन: प्राणी उद्यान प्रबंधन के मुताबिक सेंट्रल जू अथॉरिटी ने पशु पक्षियों के प्रति लोगों में जागरूकता और सकारात्मक रुख बढ़ाने की दिशा में यह फैसला लिया था. जिसके बाद 8 वन्य प्राणी गोद लिए गए हैं. गोद लेने की भी एक प्रक्रिय है. जिसके तहत प्राणियों को गोद लेने के लिए आमतौर पर प्राणी संग्रहालय प्रबंधन को एक आवेदन करना होता है. इसके बाद प्राणी पर होने वाले वार्षिक खर्च एवं अन्य संसाधनों की जानकारी आवेदक को दी जाती है.

घर नहीं ले जा सकते पशु-पक्षी: एक बात और है कि पशु-पक्षी गोद लेने वाले व्यक्ति के घर नहीं जाते बल्कि चिड़ियाघर में ही रहते हैं. क्योंकि उन्हें घर ले जाने या पिंजरे में बंद करने की अनुमति नहीं दी जाती. लेकिन प्राणी संग्रहालय के रिकॉर्ड में संबंधित प्राणी के बारे में जवाबदारी अथवा उस पर होने वाले खर्च की जिम्मेदारी गोद लेने वाले पर होती है. ऐसे पशु—पक्षियों को वन्य प्राणी प्रोटोकॉल के तहत अन्य प्राणियों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं.

(Initiative of Central Zoo Authority) (Animals will be able to adopt in zoo)

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