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ग्वालियर: कोरोना कर्फ्यू से बेहाल मजदूर, गहराया आर्थिक संकट - Laborer

शहर में जारी 60 घंटे का कोरोना कर्फ्यू सोमवार सुबह खत्म हो जाएगा. इस दौरान रोजोना काम पर जाने वाले मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.

Economic crisis faced by the workers
मजदूरें के सामने आई आर्थिक संकट
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Published : Apr 11, 2021, 4:48 PM IST

ग्वालियर. कोरोना के मामले को देखते हुए शहर में 60 घंटे का कोरोना कर्फ्यू लागू है, जो सोमवार सुबह खत्म होगा. लेकिन दो दिनों में ही रोजना कमाने खाने मजदूरों के सामने संकट की स्थिति बन गई है.पिछले दो दिनों से कोई काम नहीं मिलने के कारण उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. इधर संभावना जताई जा रही है कि ग्वालियर में कोरोना कर्फ्यू सोमवार के बाद भी आगे बढ़ाया जा सकता है.

10 दिनों में 3000 से ज्यादा कोरोना मरीज

शहर में बीते 10 दिनों में 3000 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं.ऐसे में सख्ती से कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने में लगी पुलिस ने मजदूरी की तलाश में निकले मजदूरों को बीच में ही रोक दिया. उनका कहना है कि हम रोजोना मजदूरी कर के अपने परिवार का पेट भरते हैं, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के दौरान हमें ये दो दिन कोई काम नहीं मिला, जिसके कारण हमारे सामने आर्थिक समस्या आ गई.

कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने से नाराज हैं सांसद

स्थानीय बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने को लेकर असहमति जताई है. उन्होंने कहा है कि कुछ प्रतिबंधों के साथ व्यवसायिक गतिविधियां चालू रखी जाएं. उन्होंने आगे कहा कि टोटल कोरोना कर्फ्यू से न सिर्फ छोटे कारोबारी, बल्कि मजदूर वर्ग भी बुरी तरह से प्रभावित है. रोजाना काम पर जाने वाले मजदूरों को बिना मजदूरी के ही अपने घरों को वापस लौटना पड़ रहा है ऐसे मे वे कहां से कमाएंगे खाएंगे.

ग्वालियर. कोरोना के मामले को देखते हुए शहर में 60 घंटे का कोरोना कर्फ्यू लागू है, जो सोमवार सुबह खत्म होगा. लेकिन दो दिनों में ही रोजना कमाने खाने मजदूरों के सामने संकट की स्थिति बन गई है.पिछले दो दिनों से कोई काम नहीं मिलने के कारण उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. इधर संभावना जताई जा रही है कि ग्वालियर में कोरोना कर्फ्यू सोमवार के बाद भी आगे बढ़ाया जा सकता है.

10 दिनों में 3000 से ज्यादा कोरोना मरीज

शहर में बीते 10 दिनों में 3000 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं.ऐसे में सख्ती से कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने में लगी पुलिस ने मजदूरी की तलाश में निकले मजदूरों को बीच में ही रोक दिया. उनका कहना है कि हम रोजोना मजदूरी कर के अपने परिवार का पेट भरते हैं, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के दौरान हमें ये दो दिन कोई काम नहीं मिला, जिसके कारण हमारे सामने आर्थिक समस्या आ गई.

कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने से नाराज हैं सांसद

स्थानीय बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने को लेकर असहमति जताई है. उन्होंने कहा है कि कुछ प्रतिबंधों के साथ व्यवसायिक गतिविधियां चालू रखी जाएं. उन्होंने आगे कहा कि टोटल कोरोना कर्फ्यू से न सिर्फ छोटे कारोबारी, बल्कि मजदूर वर्ग भी बुरी तरह से प्रभावित है. रोजाना काम पर जाने वाले मजदूरों को बिना मजदूरी के ही अपने घरों को वापस लौटना पड़ रहा है ऐसे मे वे कहां से कमाएंगे खाएंगे.

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