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भूख हड़ताल पर बैठे दो और छात्रों को अस्पताल में कराया गया भर्ती, कृषि कॉलेजों में प्राइवेटाइजेश का कर रहे हैं विरोध

सरकार के निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने की बात पर छात्रा 11 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं तीन दिनों से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों में से गुरुवार को दो छात्रों की हालत गंभीर हो गई जिसके उन्हे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करावाया गया है.

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Published : Jun 21, 2019, 5:37 AM IST

भूख हड़ताल पर बैठे दो और छात्रों को अस्पताल में कराया गया भर्ती

ग्वालियर। प्राइवेटाइजेशन को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे कृषि महाविद्यालय के दो छात्रों की हालत गंभीर होने पर उन्हे अस्पताल में भर्ती करावाया गया है. 11 जून से चल रहे हड़ताल के बाद पिछले तीन दिनों से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे. निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने के फैसले के खिलाफ यह छात्र आंदोलन कर रहे हैं.

भूख हड़ताल पर बैठे दो छात्रों की हालत गंभीर

सरकार के निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने की बात पर छात्रा 11 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं तीन दिनों से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों में से गुरुवार को दो छात्रों की हालत गंभीर हो गई जिसके उन्हे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करावाया गया है.

सरकार के इस फैसले पर छात्रों का कहना है कि वे सरकारी कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा देने के बाद स्नातक पाठ्यक्रम में ऐडमिशन ले पाते हैं. जबकि निजी कृषि कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की कोई बाध्यता नहीं है जिसके कारण ऐसे छात्र भी कृषि स्नातक बन जाते हैं जो योग्य नहीं होते. साथ ही इन छात्रों को एमएससी कृषि एवं पीएचडी में प्रवेश देने के सरकार के फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं.

3 दिन पहले कृषि महाविद्यालय के तीन छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे. एक छात्र को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जबकि राहुल तोमर एवं वीर प्रताप को गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. छात्रों का कहना है कि वे हर स्तर पर सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य करेंगे.

ग्वालियर। प्राइवेटाइजेशन को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे कृषि महाविद्यालय के दो छात्रों की हालत गंभीर होने पर उन्हे अस्पताल में भर्ती करावाया गया है. 11 जून से चल रहे हड़ताल के बाद पिछले तीन दिनों से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे. निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने के फैसले के खिलाफ यह छात्र आंदोलन कर रहे हैं.

भूख हड़ताल पर बैठे दो छात्रों की हालत गंभीर

सरकार के निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने की बात पर छात्रा 11 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं तीन दिनों से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों में से गुरुवार को दो छात्रों की हालत गंभीर हो गई जिसके उन्हे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करावाया गया है.

सरकार के इस फैसले पर छात्रों का कहना है कि वे सरकारी कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा देने के बाद स्नातक पाठ्यक्रम में ऐडमिशन ले पाते हैं. जबकि निजी कृषि कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की कोई बाध्यता नहीं है जिसके कारण ऐसे छात्र भी कृषि स्नातक बन जाते हैं जो योग्य नहीं होते. साथ ही इन छात्रों को एमएससी कृषि एवं पीएचडी में प्रवेश देने के सरकार के फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं.

3 दिन पहले कृषि महाविद्यालय के तीन छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे. एक छात्र को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जबकि राहुल तोमर एवं वीर प्रताप को गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. छात्रों का कहना है कि वे हर स्तर पर सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य करेंगे.

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ग्वालियर। प्राइवेटाइजेशन को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे कृषि महाविद्यालय के दो छात्रों की हालत गंभीर होने पर उन्हे अस्पताल में भर्ती करावाया गया है. 11 जून से चल रहे हड़ताल के बाद पिछले तीन दिनों से छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे. निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने के फैसले के खिलाफ यह छात्र आंदोलन कर रहे हैं



सरकार के निजी कृषि विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्रों को सरकारी कृषि कॉलेजों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश देने की बात पर छात्रा 11 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं तीन दिनों से भूख हड़ताल कर रहे छात्रों में से गुरुवार को दो छात्रों की हालत गंभीर हो गई जिसके उन्हे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती करावाया गया है. 



सरकार के इस फैसले पर छात्रों का कहना है कि वे सरकारी कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा देने के बाद स्नातक पाठ्यक्रम में ऐडमिशन ले पाते हैं. जबकि निजी कृषि कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की कोई बाध्यता नहीं है जिसके कारण ऐसे छात्र भी कृषि स्नातक बन जाते हैं जो योग्य नहीं होते. साथ ही इन छात्रों को एमएससी कृषि एवं पीएचडी में प्रवेश देने के सरकार के फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं.



3 दिन पहले कृषि महाविद्यालय के तीन छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे. एक छात्र को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जबकि राहुल तोमर एवं वीर प्रताप को गुरुवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. छात्रों का कहना है कि वे हर स्तर पर सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य करेंगे.


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