ग्वालियर। 21 दिन के लॉकडाउन के चलते बसों की रफ्तार भी थम गई है. इस समय व्यापार और उद्योगों के साथ-साथ परिवहन व्यवस्था पर भी काफी असर पड़ा है. ग्वालियर में अंतरराज्यीय बस स्टैंड है. जहां से अलग-अलग राज्यों के लिए बसें जाती हैं. लेकिन ग्वालियर के बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा है. बस संचालकों का कहना है कि अगर इसी तरह के हालात रहे तो उन्हे बहुत नुकसान होने वाला है.
हालात ये हैं कि इस समय ग्वालियर का बस स्टैंड पूरी तरह से वीरान पड़ा है,आवागमन पूरी तरह से बंद है और वो बसें स्टैंड में ही धूल खा रही है. बसों के ना चलने से सबसे ज्यादा नुकसान बस संचालकों को हुआ. तो इन्हें चलाने वाले ड्राइवर और कंडक्टरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
ड्राइवर और कंडक्टर अपनी रोजी-रोटी के लिए इस समय परेशान है, हालात ये बन चुके हैं कि बसें न चलने से यात्री तो परेशान हो ही रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा परेशान बसों का संचालन करने वाली ड्राइवर और कंडक्टर है. दो वक्त की रोटी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. लॉकडाउन के दिनों में परिवहन विभाग को भी लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है.