ETV Bharat / city

9 साल की सौम्या के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन, डॉक्टरों ने बच्ची को बताया बेहद बहादुर - अवेक क्रैनियोटॉमी 9 साल की बच्ची का ऑपरेशन

बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च अस्पताल में 8 दिसंबर का हुए सौम्या अग्रवाल के ब्रेन ट्यूमर के सफल ऑपरेशन को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा सकता है. डॉक्टरों की जानकारी के मुताबिक पूरे विश्व में यह दूसरा मामला है, जिसमें 9 साल की सौम्या का अवेक क्रिनियोटोमी पद्धति से ऑपरेशन किया गया है.

Successful operation of brain tumor of eleven year old girl in gwalior
बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन
author img

By

Published : Dec 13, 2020, 7:41 PM IST

ग्वालियर। बीआईएमआर यानी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च अस्पताल में 8 दिसंबर का हुए सौम्या अग्रवाल के ब्रेन ट्यूमर के सफल ऑपरेशन को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा सकता है. डॉक्टरों की जानकारी के मुताबिक पूरे विश्व में यह दूसरा मामला है, जिसमें 9 साल की बच्ची का अवेक क्रेनियोटोमी (awake craniotomy) पद्धति से ऑपरेशन किया गया है. यह एक ऐसी विधि है, जिसमें मरीज के पार्टीकूलर हिस्से को ही सुन्न किया जाता है, और उसे पूरी तरह से होश में रखा जाता है. ताकि दिमाग का ऑपरेशन करते समय उनकी मनोस्थिति का डॉक्टरों को पूरा आभास रहे. वहीं चिकित्सक मानते हैं कि सौम्या बहुत बहादुर बेटी है, उसने बचपन से ही संघर्ष किया है.

सौम्या के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन
सौम्या के पिता अब उस दुनिया में नहीं हैं, मां ने दूसरी शादी कर अपना अलग घर बसा लिया और उसके बाद सौम्या अपने मामा के साथ रहकर पढ़ाई कर रही है. वह कक्षा चार की छात्रा है. सौम्या का अपनी टीम के साथ ऑपरेशन करने वाले ग्वालियर के न्यूरो सर्जन डॉक्टर अभिषेक चौहान बताते हैं कि 11 साल से छोटे बच्चे का ऑपरेशन करने में बेहद सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि हल्की सी लापरवाही भी मरीज की स्थाई अपंगता का कारण बन सकती है. इसलिए पहले सौम्या का दवाओं के द्वारा ट्यूमर निकालने का प्रयास किया गया था. लेकिन इसमें सफल नहीं हुए बल्कि ट्यूमर का साइज 1 साल में ही 4 गुना बढ़ गया. सौम्या के मामा ने उसके इलाज के लिए दिल्ली के एम्स सहित कई अलग-अलग शहरों में डॉक्टरों को दिखाया था, लेकिन उन्हें उसकी छोटी उम्र का हवाला देते हुए सर्जरी से इंकार कर दिया था. ग्वालियर के डॉ. अभिषेक चौहान ने अवेक क्रेनियोटोमी (awake craniotomy) विधि से बच्ची का ऑपरेशन करने के बाद उनके परिजनों को बताई इसमें सिर के विशेष को ही सुन्न किया जाता है, लेकिन मरीज को पूरी तरह से होश में रखा जाता है. यही कारण है कि डॉक्टर ने सौम्या को ऑपरेशन के वक्त मोबाइल गेम खेलने को दिए जिसे उसने बखूबी खेला. इसके बाद उसे इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक कीबोर्ड बजाने को दिया गया और सौम्या ने ऑपरेशन के दौरान ही मेरा देश मेरा वतन एक राष्ट्र भक्ति वाला गीत भी गाया. चिकित्सकों के मुताबिक पूरे विश्व में अपनी तरह का यह दूसरा बड़ा सफल ऑपरेशन है, इससे पहले 11 साल के बच्चे का बेंगलुरु में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया था. सौम्या ऑपरेशन के बाद रविवार को अपने घर चली गई, लेकिन अस्पताल में जब डॉक्टर ने उसे मीडिया कर्मियों से मिलवाया तो उसने नॉर्मल बच्चे की तरह बातचीत की.

क्या है अवेक क्रैनियोटॉमी ?

अवेक क्रैनियोटॉमी एक न्यूरोसर्जिकल तकनीक और क्रैनियोटॉमी का प्रकार है, इस सर्जरी में सर्जन मरीज के ब्रेन ट्यूमर को हटाता है, लेकिन रोगी मस्तिष्क क्षति से बचने को बेहोश नहीं किया जाता.

ग्वालियर। बीआईएमआर यानी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च अस्पताल में 8 दिसंबर का हुए सौम्या अग्रवाल के ब्रेन ट्यूमर के सफल ऑपरेशन को कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा सकता है. डॉक्टरों की जानकारी के मुताबिक पूरे विश्व में यह दूसरा मामला है, जिसमें 9 साल की बच्ची का अवेक क्रेनियोटोमी (awake craniotomy) पद्धति से ऑपरेशन किया गया है. यह एक ऐसी विधि है, जिसमें मरीज के पार्टीकूलर हिस्से को ही सुन्न किया जाता है, और उसे पूरी तरह से होश में रखा जाता है. ताकि दिमाग का ऑपरेशन करते समय उनकी मनोस्थिति का डॉक्टरों को पूरा आभास रहे. वहीं चिकित्सक मानते हैं कि सौम्या बहुत बहादुर बेटी है, उसने बचपन से ही संघर्ष किया है.

सौम्या के ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन
सौम्या के पिता अब उस दुनिया में नहीं हैं, मां ने दूसरी शादी कर अपना अलग घर बसा लिया और उसके बाद सौम्या अपने मामा के साथ रहकर पढ़ाई कर रही है. वह कक्षा चार की छात्रा है. सौम्या का अपनी टीम के साथ ऑपरेशन करने वाले ग्वालियर के न्यूरो सर्जन डॉक्टर अभिषेक चौहान बताते हैं कि 11 साल से छोटे बच्चे का ऑपरेशन करने में बेहद सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि हल्की सी लापरवाही भी मरीज की स्थाई अपंगता का कारण बन सकती है. इसलिए पहले सौम्या का दवाओं के द्वारा ट्यूमर निकालने का प्रयास किया गया था. लेकिन इसमें सफल नहीं हुए बल्कि ट्यूमर का साइज 1 साल में ही 4 गुना बढ़ गया. सौम्या के मामा ने उसके इलाज के लिए दिल्ली के एम्स सहित कई अलग-अलग शहरों में डॉक्टरों को दिखाया था, लेकिन उन्हें उसकी छोटी उम्र का हवाला देते हुए सर्जरी से इंकार कर दिया था. ग्वालियर के डॉ. अभिषेक चौहान ने अवेक क्रेनियोटोमी (awake craniotomy) विधि से बच्ची का ऑपरेशन करने के बाद उनके परिजनों को बताई इसमें सिर के विशेष को ही सुन्न किया जाता है, लेकिन मरीज को पूरी तरह से होश में रखा जाता है. यही कारण है कि डॉक्टर ने सौम्या को ऑपरेशन के वक्त मोबाइल गेम खेलने को दिए जिसे उसने बखूबी खेला. इसके बाद उसे इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक कीबोर्ड बजाने को दिया गया और सौम्या ने ऑपरेशन के दौरान ही मेरा देश मेरा वतन एक राष्ट्र भक्ति वाला गीत भी गाया. चिकित्सकों के मुताबिक पूरे विश्व में अपनी तरह का यह दूसरा बड़ा सफल ऑपरेशन है, इससे पहले 11 साल के बच्चे का बेंगलुरु में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया था. सौम्या ऑपरेशन के बाद रविवार को अपने घर चली गई, लेकिन अस्पताल में जब डॉक्टर ने उसे मीडिया कर्मियों से मिलवाया तो उसने नॉर्मल बच्चे की तरह बातचीत की.

क्या है अवेक क्रैनियोटॉमी ?

अवेक क्रैनियोटॉमी एक न्यूरोसर्जिकल तकनीक और क्रैनियोटॉमी का प्रकार है, इस सर्जरी में सर्जन मरीज के ब्रेन ट्यूमर को हटाता है, लेकिन रोगी मस्तिष्क क्षति से बचने को बेहोश नहीं किया जाता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.