ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में बीजेपी से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हो पा रही है, यह सवाल अब चंबल में बड़ा हो चला है. क्योंकि हाल ही में उन पर 5 मुकदमें दर्ज किए गए हैं, जोकि गंभीर अपराधों की श्रेणी में आते हैं. बावजूद इसके उसपर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं है कि, अब तक प्रीतम की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पा रही है. तो वहीं कांग्रेस जो हमेशा सत्ता पक्ष को घेरती है, लेकिन ओबीसी वोटों को लेकर इस मामले पर वह भी शांत है.
प्रीतम लोधी पर कई मामले दर्ज: उमा भारती के करीबी प्रीतम लोधी बीजेपी से निष्कासित हो चुके हैं. उनके खिलाफ ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और हाल ही में भिंड में गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं. लेकिन इन सबके बीच प्रीतम लोधी की गिरफ्तारी नहीं हो रही है. पुलिस कहती है कि, मामले की विवेछना की जा रही है. जबकि जो मामले दर्ज किए गए है, वह गभींर धाराओं में हैं. इसके बावजूद पुलिस प्रीतम लोधी को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है.
बीजेपी से निष्कासित हुए लोधी: प्रीतम लोधी मध्य प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में जाकर सभाएं करके अपना शक्ति प्रदर्शन दिखा रहे हैं, लेकिन पुलिस पूरी तरह अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि, आगामी समय में विधानसभा चुनाव होने हैं और दोनों ही पार्टियों की नजर लोधी वोट बैंक पर है. इसलिए कोई भी पार्टी प्रीतम लोधी की गिरफ्तारी का दबाव नहीं डाल पा रही है. यही कारण है कि प्रीतम लोधी खुलेआम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.
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प्रीतम लोधी का आपराधिक इतिहास:
- प्रीतम लोधी पर 37 मुकदमें दर्ज थे. जिनमें खात्म रिपोर्ट लग चुकी है, कुछ अभी भी पेंडिग में है. एक बार जिला बदर की कार्रवाई भी हुई है.
- ग्वालियर, शिवपुरी और मुरैना में 18 अगस्त 2022 को इन धाराओं में मामले दर्ज हैं.
- 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं. धारा 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
- धारा 505 विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि परिचालित करना
- भिंड में 22 अगस्त को दो एफआईआर दर्ज हुई. पहली FIR में प्रीतम लोधी सहित 15 ज्ञात 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जिसमें धारा 188, 147, 149 व 341 के तहत FIR दर्ज की गई. जिसमें बिना अनुमति के जुलूस निकालने व आवागमन बाधित करने, उपद्रव-पथराव, शासकीय कर्मचारियों के साथ मारपीट व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
- दूसरी FIR में भी प्रीतम लोधी, बेटा दिनेश लोधी सहित 7 ज्ञात और दो दर्जन अज्ञात उपद्रवियों पर धारा 353, 332 व 333 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. शासकीय कार्य में बाधा डालने, पथराव, कर्मचारियों को गंभीर चोटे पहुंचाने, शासकीय संपत्ति के तहत FIR की गई.
बीजेपी-कांग्रेस ने साधी चुप्पी: प्रीतम लोधी पर दर्ज मामलों और धाराओं की गंभीरता पर नजर डाली जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर प्रीतम लोधी का आपराधिक रिकार्ड क्या है. बावजूद इसके, पुलिस प्रशासन के द्वारा अभी तक उसे पूछताछ के लिए नोटिस तक भी नहीं दिया गया है. हालत ये हैं कि, कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों दलों के नेता प्रीतम लोधी की गिरफ्तारी को लेकर खुलकर कुछ भी नहीं बोल पा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि, 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और मध्य प्रदेश की 40 सीटें लोधी बाहुल्य सीटों में शुमार है. जिनमें से ग्वालियर चंबल संभाग की 12 सीटें भी शामिल हैं. ऐसे में बीजेपी लोधी वोटर्स को फिलहाल नाराज करना नहीं चाहती, ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस का भी है और इसीलिए मुखर रूप से नहीं बोल रही है. कांग्रेस को लगता है कि, प्रीतम पर जो निष्काषन की कार्रवाई हुई है, उससे लोधी वोट उसके पास आ सकता है.