जबलपुर. मेहंदी लगाने का शौक लगभग सभी लड़कियों को होता है, जबलपुर के गुप्तेश्वर में रहने वाली दीक्षा गुप्ता को भी यह शौक बचपन से ही था और वह बड़ी बारीकी से मेहंदी लगाती थीम. अपने मन से वह डिजाइंस बनती थी. इसी बीच दीक्षा ने मेहंदी से एक नया प्रयोग किया और मेहंदी की पेंटिंग बनाना शुरू किया. मेहंदी की कोन को हाथ और कलाई में डिजाइन बनाने की बजाय उसने कैनवास पर और पोस्ट पर लगाकर कई पेंटिंग्स बनाईं. यही से उसके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों ना वह दुनिया की सबसे बड़ी मेहंदी की पेंटिंग बनाए.
3 महीने में बनाई दुनिया की सबसे बड़ी मेहंदी पेंटिंग
दीक्षा गुप्ता ने एक पांच वर्ग मीटर का कैनवस तैयार किया और इस पर मेहंदी से पेंटिंग बनाना शुरू किया. इस पेंटिंग पर दीक्षा ने 3 महीने तक काम किया और तिरुपति बालाजी की पेंटिंग बनाई. इस पेंटिंग पर बड़ी बारीकी से काम किया गया है. जब यह पेंटिंग बनाकर तैयार हुई तो दीक्षा ने गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड्स में संपर्क किया और यह दावा किया कि उसने जो काम किया है उस तरह का पेंटिंग वर्क दुनिया में और किसी ने नहीं किया. गिनीज बुक ने दीक्षा के दावे की पड़ताल की और दीक्षा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह दी.
खोलना चाहती हैं आर्ट स्टूडियो
दीक्षा गुप्ता ने पढ़ाई मैनेजमेंट सब्जेक्ट से की है, उन्होंने बैचलर ऑफ मैनेजमेंट की डिग्री ली है और पेंटिंग या आर्ट का कोई प्रोफेशनल कोर्स नहीं किया है. दीक्षा मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, इसके बावजूद दीक्षा ने कम संसाधनों में ही अपनी कला को जीवित रखा और उसे इस स्तर तक बढ़ाया कि अब उन्हें एक विशेष पहचान मिल गई है. दीक्षा का कहना है कि वह एक बड़ा आर्ट स्टूडियो खोलना चाहती हैं जिसमें भी दूसरे लोगों को भी मेहंदी की इस कला को सीख सकें.
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दीक्षा मेहंदी के जरिए पेंटिंग करने की कला को और अधिक विकसित करना चाहती हैं क्योंकि मेहंदी से पेंटिंग बनाने का काम अभी दीक्षा के अलावा कोई नहीं कर रहा है.