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मूक बधिरों की आवाज बनीं ग्वालियर की मेघा, साइन लैंग्वेज से बताए कोरोना से बचाव के उपाय

कोविड-19 से बचाव के लिए हर तरफ लोगों को जागरुक किया जा रहा है. लेकिन एक तबका ऐसा है जिन्हें न तो सुनाई देता है और नहीं वह बोल पाते हैं. जिन्हें समझाने का वीणा उठाया है, ग्वालियर की मेघा तिवारी ने जो मूक बधिरों को कोविड-19 से बचाव के बारे में साइन लैंग्वेज के माध्यम से बता रही है.

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मूकबधिरों की आवाज
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Published : Apr 9, 2020, 2:26 PM IST

ग्वालियर। कोरोना से बचने के लिए सावधानी ही सबसे अच्छा तरीका है. लेकिन मूक बधिर बच्चों का एक तबका ऐसा है जिन्हें न तो सुनाई देता है और नहीं वह बोल पाते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस महामारी से बचाव कैसे करें उसके लिए एक ग्वालियर की बेटी ने सोशल मीडिया के जरिए साइन लैंग्वेज के माध्यम से मूक बधिरों को कोविड-19 से बचाव के बारे में समझाना शुरु किया है.

मूक बधिरों की आवाज बनी ग्वालियर की मेघा

ग्वालियर की रहने वाली मेघा तिवारी फेसबुक लाइव और व्हाट्सएप के माध्यम से मूक-बधिर बच्चों को कोरोना वायरस से बचने का तरीका बता रही है. ग्वालियर के 400 से अधिक मूक बधिर बच्चे मेघा के इशारों को एक पल में समझ लेते हैं. मेघा की बातों को समझ कर यह मूक बधिर बच्चे सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं.

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पीएम मोदी के संबोधन को भी कर रही ट्रांसलेट

मेघा के माता-पिता मूक बधिर थे. जिसका दर्द उन्हें हमेशा रहा, यही वजह थी कि उन्होंने साइन लैंग्वेज की ट्रेनिंग ली और उसके बाद उन्होंने ग्वालियर के सभी बच्चों को साइन लैंग्वेज पढ़ाने की हिम्मत जुटाई. मेघा तिवारी पिछले 10 साल से ग्वालियर में मूक बधिर बच्चों को शिक्षा दे रही हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते यह सभी मूक बधिर बच्चे उनके यहां पढ़ने के लिए नहीं आ पा रहे थे.

ऐसे में मेघा तिवारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनको को पढ़ाना शुरु कर दिया. मेघा हर दिन बच्चों को कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बता रही है. जबकि उन्हें सावधानी बरतने के टिप्स भी दे रही हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी लोगों को कोविड-19 पर कोई जानकारी देने आते हैं, तो वह जानकारी भी मेघा सोशल मीडिया के माध्यम से मूक बधिर बच्चों तक पहुंचाती हैं, ताकि उन्हें यह पता चल सके कि प्रधानमंत्री ने देश के नाम क्या संबोधन दिया है.

ग्वालियर। कोरोना से बचने के लिए सावधानी ही सबसे अच्छा तरीका है. लेकिन मूक बधिर बच्चों का एक तबका ऐसा है जिन्हें न तो सुनाई देता है और नहीं वह बोल पाते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस महामारी से बचाव कैसे करें उसके लिए एक ग्वालियर की बेटी ने सोशल मीडिया के जरिए साइन लैंग्वेज के माध्यम से मूक बधिरों को कोविड-19 से बचाव के बारे में समझाना शुरु किया है.

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ग्वालियर की रहने वाली मेघा तिवारी फेसबुक लाइव और व्हाट्सएप के माध्यम से मूक-बधिर बच्चों को कोरोना वायरस से बचने का तरीका बता रही है. ग्वालियर के 400 से अधिक मूक बधिर बच्चे मेघा के इशारों को एक पल में समझ लेते हैं. मेघा की बातों को समझ कर यह मूक बधिर बच्चे सोशल डिस्टेंस और लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं.

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मेघा के माता-पिता मूक बधिर थे. जिसका दर्द उन्हें हमेशा रहा, यही वजह थी कि उन्होंने साइन लैंग्वेज की ट्रेनिंग ली और उसके बाद उन्होंने ग्वालियर के सभी बच्चों को साइन लैंग्वेज पढ़ाने की हिम्मत जुटाई. मेघा तिवारी पिछले 10 साल से ग्वालियर में मूक बधिर बच्चों को शिक्षा दे रही हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते यह सभी मूक बधिर बच्चे उनके यहां पढ़ने के लिए नहीं आ पा रहे थे.

ऐसे में मेघा तिवारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनको को पढ़ाना शुरु कर दिया. मेघा हर दिन बच्चों को कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बता रही है. जबकि उन्हें सावधानी बरतने के टिप्स भी दे रही हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी लोगों को कोविड-19 पर कोई जानकारी देने आते हैं, तो वह जानकारी भी मेघा सोशल मीडिया के माध्यम से मूक बधिर बच्चों तक पहुंचाती हैं, ताकि उन्हें यह पता चल सके कि प्रधानमंत्री ने देश के नाम क्या संबोधन दिया है.

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