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पूरे प्रदेश में झूमकर बरसे बदरा, पर ग्वालियर से रूठे हैं इंद्रदेव

ग्वालियर अंचल इस बार जोरदार बारिश के लिए तरस रहा है. जहां अभी तक बारिश औसत आंकड़ा भी नहीं छू पाई है. हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि जल्द ही ग्वालियर जोन में तेज बारिश होगी.

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Published : Aug 22, 2019, 11:00 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 11:35 PM IST

ग्वालियर को बारिश की दरकार

ग्वालियर। जिले में मानसून की बेरुखी बरकरार है, खास बात यह है कि ग्वालियर में अगस्त के महीने में सबसे ज्यादा बारिश का रिकार्ड रहता है, लेकिन इस बार अगस्त का महीना ही सूखा बीता जा रहा है. लेकिन मौसम विभाग को कुछ दिन में बारिश की उम्मीद है.

ग्वालियर को बारिश की दरकार

ग्वालियर में बंगाल की खाड़ी से आने वाला मानसून और राजस्थान से आने वाला मानसून दोनों ही हर साल सक्रिय रहते हैं, लेकिन इस बार दोनों मानसून कमजोर हो गए. जिसके के चलते इस बार जिले में बारिश औसत का आंकडा भी नहीं छू पाई. जिले में बारिश का औसतन आंकड़ा 553 मिलीमीटर है, जबकि अभी तक सिर्फ 430 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई है.


मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त का महीना अंचल की सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना रहता है, लेकिन इस बार दबाव का क्षेत्र नहीं बनने से मानसून की मेहरबानी क्षेत्र पर नहीं हुई है. लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जोरदार बारिश हो सकती है.

ग्वालियर। जिले में मानसून की बेरुखी बरकरार है, खास बात यह है कि ग्वालियर में अगस्त के महीने में सबसे ज्यादा बारिश का रिकार्ड रहता है, लेकिन इस बार अगस्त का महीना ही सूखा बीता जा रहा है. लेकिन मौसम विभाग को कुछ दिन में बारिश की उम्मीद है.

ग्वालियर को बारिश की दरकार

ग्वालियर में बंगाल की खाड़ी से आने वाला मानसून और राजस्थान से आने वाला मानसून दोनों ही हर साल सक्रिय रहते हैं, लेकिन इस बार दोनों मानसून कमजोर हो गए. जिसके के चलते इस बार जिले में बारिश औसत का आंकडा भी नहीं छू पाई. जिले में बारिश का औसतन आंकड़ा 553 मिलीमीटर है, जबकि अभी तक सिर्फ 430 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई है.


मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त का महीना अंचल की सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना रहता है, लेकिन इस बार दबाव का क्षेत्र नहीं बनने से मानसून की मेहरबानी क्षेत्र पर नहीं हुई है. लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जोरदार बारिश हो सकती है.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर अंचल में मानसून की बेरुखी बरकरार है आसपास के जिलों में अच्छी बारिश होने के बावजूद ग्वालियर अभी भी बारिश के लिए तरस रहा है। खास बात यह है कि अगस्त के महीने में अब तक सबसे ज्यादा बारिश रिकार्ड की जाती रही है लेकिन इस बार अगस्त का महीना ही सूखा बीता जा रहा है ।लेकिन मौसम विभाग को उम्मीद है कि 24 -25 अगस्त से बारिश एक बार फिर जोर पकड़ सकती है।


Body:दरअसल ग्वालियर चंबल अंचल में बंगाल की खाड़ी से आने वाला मानसून और राजस्थान से आने वाला मानसून दोनों ही सक्रिय रहते हैं लेकिन दोनों मानसून इस बार ग्वालियर अंचल में मेहरबान नहीं हो सके हैं इसका कारण बताया जा रहा है कि दोनों मानसून आते-आते इतने कमजोर पड़ जाते हैं कि वह ग्वालियर की जगह कहीं और बरस जाते हैं ।ग्वालियर अंचल में 22 अगस्त तक 553 मिलीमीटर बारिश हो जाना चाहिए थी लेकिन अभी तक सिर्फ 430 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई है। यानी 124 मिली मीटर बारिश की अभी भी कमी है.


Conclusion:मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगस्त का महीना अंचल का सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना रहता है लेकिन इस बार कम दबाव का क्षेत्र नहीं बनने से मानसून की मेहरबानी क्षेत्र पर नहीं हुई है लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और कहा है कि 24 अगस्त से अंचल में एक बार फिर बारिश की झड़ी लग सकती है।
बाइट अजीत कुमार... मौसम वैज्ञानिक
Last Updated : Aug 22, 2019, 11:35 PM IST
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