ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट के वकील संजीव सहगल को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच से बलात्कार के मामले में बड़ी राहत मिली है. न्यायाधीश अनीता सिंह ने दुष्कर्म के मामले में उन्हें बरी कर दिया है. मामले में शिकायतकर्ता महिला को बयान से मुकरना भारी पड़ गया. हाई कोर्ट के आदेश पर न्यायालय ने पीड़िता के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने कर्मचारी अतुल वर्मा को परिवाद पत्र प्रस्तुत करने के लिए भी अधिकृत किया है.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 22 दिसंबर 2020 को पुलिस थाना विश्वविद्यालय में FIR दर्ज कराई गई थी. इसमें पीड़िता ने बताया कि एडवोकेट संजीव सहगल ने नौकरी और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एडवोकेट संजीव सहगल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन बाद में जब पीड़िता ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए तो वह आरोपों से मुकर गई.
पीड़िता ने कहा, 'संजीव सहगल ने ग्वालियर कार्यालय में काम करने के बदले में वेतन नहीं दिया था. इसकी शिकायत पुलिस में की गई थी. लेकिन पुलिस ने आवेदन में दुष्कर्म का आरोप लगा दिया और कोरे कागज पर मुझसे हस्ताक्षर करवा लिए. जब मैंने बयान देने से मना किया तो पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद करने की धमकी दी'. पीड़िता के आरोपों से मुकरने के चलते आरोपी को बरी कर दिया गया, जबकि हाई कोर्ट के आदेश पर पीड़िता के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है.
एक अन्य मामले में आरोपी को सश्रम कारावास
घर के बाहर बच्चों के साथ खेल रहे 5 साल के मासूम पर हमला करने वाले सोनू नामक बदमाश को न्यायालय ने 7 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया है. दोषी पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. गौरतलब है कि बिजौली थाना क्षेत्र के सातलपुर गांव में रहने वाली कंचन बाथम अपने मायके में बहन की शादी में शामिल होने के लिए आई थी. उसका 5 साल का बेटा कृष्णा भी उसके साथ आया था.
सुबह 9 बजे के आसपास मासूम कुछ अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था. थोड़ी देर बाद कृष्णा रोता हुआ घर लौटा. उसका गला खून से लथपथ था. उसने बताया कि लाल रंग की शर्ट पहने युवक ने उसके दोनों हाथ पकड़े और ब्लैड से गला काट दिया. इस मामले में आरोपी की तलाश शुरू हुई तो सोनू बाथम का नाम सामने आया. सोनू ने सनक के चलते ब्लेड से कृष्णा के गले पर हमला किया था.
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कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद आखिरकार कृष्णा की जान बच गई. पुलिस थाना बिजौली में आरोपी सोनू बाथम के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया. पुख्ता सबूत होने के चलते कोर्ट ने सोनू को 7 साल की सजा से दंडित किया. 5000 का जुर्माना भी लगाया गया है.