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25 हजार की चिल्लर देख सकते में आ गया निर्वाचन आयोग, केशव राय बोले नामांकन फार्म दे दो चुनाव लड़ना है - निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय

ग्वालियर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे केशव राय जब अपना नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे तो निर्वाचन आयोग के अधिकारी सकते में आ गए. क्योंकि केशव राय नामांकन फार्म खरीदने के लिए 25 हजार रुपए की चिल्लर लेकर पहुंचे थे. जिसे गिनने में अधिकारियों को दो घंटे लग गए.

निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय
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Published : Apr 18, 2019, 12:12 AM IST

ग्वालियर। सिर पर चिल्लर की गठरी रखे ये कोई साधारण शख्स नहीं. ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे ये हैं निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय. जब यह अपना नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे तो निर्वाचन के काम में जुटा पूरा का पूरा अमला ही सकते में आ गया. केशव राय ने नामांकन फार्म खरीदने के लिए 25 हजार रुपए की चिल्लर निर्वाचन अधिकारियों के सामने रख कहा कि उसे चुनाव लड़ना है, नामांकन फार्म दे दीजिए. खास बात यह थी कि 25 हजार की चिल्लर को दो अफसरों ने घंटों तक गिना, और केशव राय को नामांकन फार्म भी दिया.

25 हजार की चिल्लर लेकर नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय

निर्दलीय चुनाव लड़ रहे केशव राय का कहना है कि उन्होंने ऐसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि वर्तमान में भारतीय मुद्रा का अपमान किया हो रहा है. दुकानदार और दूसरे लोग चिल्लर लेने से मना करते हैं. ग्वालियर कलेक्टर से मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि भारतीय मुद्रा होने की वजह से हम उन्हें मना नहीं कर सकते थे. जिसके चलते पहले चिल्लर गिनी गई और और नामांकन फार्म दिया गया.

ग्वालियर के बुजुर्ग केशव राय ऐसे पहले व्यक्ति नहीं है जो नामांकन फार्म खरीदने चिल्लर लेकर पहुंचे हो. पहले भी इस तरह के मामले में सामने आए हैं. चिल्लरों की वजह से केशव राय सुर्खियों में तो हैं लेकिन सवाल ये है कि क्या केशवराय लोकसभा का चुनाव जीतकर इतिहास रच पाएंगे.

ग्वालियर। सिर पर चिल्लर की गठरी रखे ये कोई साधारण शख्स नहीं. ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे ये हैं निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय. जब यह अपना नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे तो निर्वाचन के काम में जुटा पूरा का पूरा अमला ही सकते में आ गया. केशव राय ने नामांकन फार्म खरीदने के लिए 25 हजार रुपए की चिल्लर निर्वाचन अधिकारियों के सामने रख कहा कि उसे चुनाव लड़ना है, नामांकन फार्म दे दीजिए. खास बात यह थी कि 25 हजार की चिल्लर को दो अफसरों ने घंटों तक गिना, और केशव राय को नामांकन फार्म भी दिया.

25 हजार की चिल्लर लेकर नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय

निर्दलीय चुनाव लड़ रहे केशव राय का कहना है कि उन्होंने ऐसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि वर्तमान में भारतीय मुद्रा का अपमान किया हो रहा है. दुकानदार और दूसरे लोग चिल्लर लेने से मना करते हैं. ग्वालियर कलेक्टर से मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि भारतीय मुद्रा होने की वजह से हम उन्हें मना नहीं कर सकते थे. जिसके चलते पहले चिल्लर गिनी गई और और नामांकन फार्म दिया गया.

ग्वालियर के बुजुर्ग केशव राय ऐसे पहले व्यक्ति नहीं है जो नामांकन फार्म खरीदने चिल्लर लेकर पहुंचे हो. पहले भी इस तरह के मामले में सामने आए हैं. चिल्लरों की वजह से केशव राय सुर्खियों में तो हैं लेकिन सवाल ये है कि क्या केशवराय लोकसभा का चुनाव जीतकर इतिहास रच पाएंगे.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर निर्वाचन कार्यालय में नामांकन प्रक्रिया में बैठे अधिकारी कर्मचारी उस वक्त हैरान रह गए ।जब नामांकन फॉर्म लेने पहुंचे एक बुजुर्ग ने अफसरों के सामने टेबल पर 30 किलो वजन की उतार कर रख दिया। अफसरों ने जब बुजुर्ग से पूछा इसमें क्या है तो उसने बताया कि इसमें सिक्के हैं इनको गिन लीजिए और नामांकन फॉर्म दे दीजिए। पहले तो अफसरर सकपाये लेकिन भारतीय करेंसी होने के चलते उनको चिल्लर लेना पड़ा ।पहले 6 अफसरों ने मिलकर 2 घंटे तक सिक्के गिने और फिर बुजुर्ग को नामांकन फॉर्म दिया ।


Body:ये है ग्वालियर निवासी केशव राय चौधरी ..इनके सिर पर रखा 30 किलो वजन का यह थैला चिल्लर से भरा था जिसमें 125 और ₹10 के सिक्के की कुल 25 हजार की चिल्लर लेकर केशव राय ग्वालियर कलेक्टर पहुंचे ।अफसरों को चिल्लर का थैला थामकर बोले लोकसभा चुनाव लड़ना है। नामांकन फॉर्म दे दीजिए ।केशव राय को- ऑपरेटिव बैंक की रिटायर कर्मचारी है। साल भर पहले देखा और व्यापारी आजकल एक दो और 10 के सिक्के लेने से कतराते हैं इससे दुखी होकर उसने सिक्के जमा किए और लोकसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया।

बाईट - केशव राय , नामांकन फॉर्म लेने पहुँचा


Conclusion:केशवराय चिल्लर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो नामांकन के लिए तैनात अफसर हैरान रह गए । 25 हजार की 30 किलो चिल्लर लेना अफसरों के लिए आसान नहीं था। आनन-फानन में अधिकारियों ने कलेक्टर साहब को संदेश दिया ।मामला भारतीय मुद्रा का था लिहाजा कलेक्टर ने अधिकारियों से चिल्लर गिनने के लिए कहा और केशवराय को नामांकन देने के निर्देश दिए। फिर क्या था नामांकन के लिए मौजूद अफसर ने 6 लोगों को चिल्लर की जिम्मेदारी दी ।करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद 25 हजार की चिल्लर का हिसाब लिखा ।उसके बाद अफसरों को नामांकन दिया

बाईट - अनुराग चौधरी , कलेक्टर

नोट - स्टोरी के चिल्लर ले जाते विसुअल ओर कलेक्टर की बाईट GWALIOR COIN NOMINATION FORM 17APR के नाम से FTP पर भेज दिए है
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