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तंबाकू खाने या धूम्रपान करने से कैंसर का 11 गुना बढ़ जाता है खतरा, सर्वे रिपोर्ट

ग्वालियर शहर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग ने अंचल के कई मरीजों पर एक सर्वे रिपोर्ट तैयार की है.

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Published : Feb 13, 2019, 5:29 AM IST

ग्वालियर। शहर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग ने अंचल के कई मरीजों पर एक सर्वे रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दांत या दाढ के दर्द के लिए तंबाकू का सेवन कतई न करें अथवा दोस्तों के कहने पर भी इस लत से दूर रहने की कोशिश करें. अन्यथा कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में 11 गुना बढ़ जाता है.


यह तथ्य दंत रोग चिकित्सा विभाग के दांतो के पीड़ित लोगों के केस स्टडी को ध्यान में रखकर सर्वे किया गया था इस सर्वे में दांतों का दर्द तंबाकू का सेवन और कैंसर की बीमारी होने के चरणबद्ध होने का खुलासा किया गया है. दंत चिकित्सकों का मानना है कि दांत अथवा दाढ के दर्द के समय दवा का सेवन करना चाहिए न कि किसी के कहने पर तंबाकू का, क्योंकि दर्द तो ठीक होता नहीं है बल्कि व्यक्ति तंबाकू का आदी हो जाता है. जो धीरे-धीरे कैंसर में तब्दील हो जाता है. खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में यह शिकायतें ज्यादा हैं.

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दांत रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ योगेंद्र पहाड़िया बताते हैं कि 7336 मरीजों में से 3000 मरीजों को केस स्टडी के लिए चुना गया, जो तंबाकू का सेवन करते थे. इन मरीजों में 22 सौ पुरुष और 800 महिलाएं थी. 1630 मरीज तंबाकू खाते थे 700 धूम्रपान करते थे और 670 ऐसे मरीज थे जो दोनों लतों के शिकार थे. इनमें से 436 मरीजों में प्री कैंसर सिस्टम शुरू हो चुका था. उन्होंने कहा कि सामान्य की अपेक्षा तंबाकू अथवा धूम्रपान करने वाले लोगों में 11 गुना खतरा कैंसर होने का रहता हैय इसलिए बुरी लतों के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए इन बातों को नजरअंदाज करना चाहिए.

ग्वालियर। शहर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग ने अंचल के कई मरीजों पर एक सर्वे रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दांत या दाढ के दर्द के लिए तंबाकू का सेवन कतई न करें अथवा दोस्तों के कहने पर भी इस लत से दूर रहने की कोशिश करें. अन्यथा कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में 11 गुना बढ़ जाता है.


यह तथ्य दंत रोग चिकित्सा विभाग के दांतो के पीड़ित लोगों के केस स्टडी को ध्यान में रखकर सर्वे किया गया था इस सर्वे में दांतों का दर्द तंबाकू का सेवन और कैंसर की बीमारी होने के चरणबद्ध होने का खुलासा किया गया है. दंत चिकित्सकों का मानना है कि दांत अथवा दाढ के दर्द के समय दवा का सेवन करना चाहिए न कि किसी के कहने पर तंबाकू का, क्योंकि दर्द तो ठीक होता नहीं है बल्कि व्यक्ति तंबाकू का आदी हो जाता है. जो धीरे-धीरे कैंसर में तब्दील हो जाता है. खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में यह शिकायतें ज्यादा हैं.

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दांत रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ योगेंद्र पहाड़िया बताते हैं कि 7336 मरीजों में से 3000 मरीजों को केस स्टडी के लिए चुना गया, जो तंबाकू का सेवन करते थे. इन मरीजों में 22 सौ पुरुष और 800 महिलाएं थी. 1630 मरीज तंबाकू खाते थे 700 धूम्रपान करते थे और 670 ऐसे मरीज थे जो दोनों लतों के शिकार थे. इनमें से 436 मरीजों में प्री कैंसर सिस्टम शुरू हो चुका था. उन्होंने कहा कि सामान्य की अपेक्षा तंबाकू अथवा धूम्रपान करने वाले लोगों में 11 गुना खतरा कैंसर होने का रहता हैय इसलिए बुरी लतों के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए इन बातों को नजरअंदाज करना चाहिए.

Intro:ग्वालियर
ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग ने अंचल के कई मरीजों पर एक सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं ।दांत या दाढ के दर्द के लिए तंबाकू का सेवन कतई ना करें अथवा दोस्तों के कहने पर भी इस लत से दूर रहने की कोशिश करें। अन्यथा कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में 11 गुना बढ़ जाता है।


Body:यह तथ्य दंत रोग चिकित्सा विभाग के दांतो के पीड़ित लोगों के केस स्टडी को ध्यान में रखकर सर्वे किया गया था ।इस सर्वे में दांतों का दर्द तंबाकू का सेवन और कैंसर की बीमारी होने के चरणबद्ध होने का खुलासा किया गया है ।दंत चिकित्सकों का मानना है कि दांत अथवा दाढ के दर्द समय दवा का सेवन करना चाहिए ना की किसी के कहने पर तंबाकू का, क्योंकि दर्द तो ठीक होता नहीं है व्यक्ति तंबाकू का आदी हो जाता है। जो धीरे-धीरे कैंसर में तब्दील हो जाता है। खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में यह शिकायतें ज्यादा है।


Conclusion:दांत रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ योगेंद्र पहाड़िया बताते हैं कि 73 36 मरीजों में से 3000 मरीजों को केस स्टडी के लिए चुना गया जो तंबाकू का सेवन करते थे इन मरीजों में 22 सौ पुरुष और 800 महिलाएं थी ।1630 मरीज तंबाकू खाते थे 700 धूम्रपान करते थे और 670 ऐसे मरीज थे जो दोनों लतों के शिकार थे। इनमें से 436 मरीजों में प्री कैंसर सिस्टम शुरू हो चुका था ।उन्होंने कहा कि सामान्य की अपेक्षा तंबाकू अथवा धूम्रपान करने वाले लोगों में 11 गुना खतरा कैंसर होने का रहता है। इसलिए बुरी लतों के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए इन बातों को नजरअंदाज करना चाहिए ।
बाइट डॉ योगेंद्र पहाड़िया विभागाध्यक्ष दंत रोग चिकित्सा जीआरएमसी ग्वालियर
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