ETV Bharat / city

हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक, बाल कल्याण समिति के आदेश को रखा बरकरार

कलेक्टर ने ग्वालियर के मुरार में संचालित ज्योति भावना महिला स्वास्थ्य कल्याण समिति की मान्यता बहाल रखने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है और बाल कल्याण समिति के आदेश को बरकरार रखा है.

High court imposes a stay on the order of the Collector
हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक
author img

By

Published : Mar 17, 2021, 3:34 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है. गौरतलब है, कि कलेक्टर ने ग्वालियर के मुरार में संचालित ज्योति भावना महिला स्वास्थ्य कल्याण समिति की मान्यता बहाल रखने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने इस संस्था के विषय में बाल कल्याण समिति के आदेश को बरकरार रखा है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक

संस्था में नहीं नजर आई थी देखभाल की व्यवस्था

दरअसल, उपनगर मुरार के ज्योति भावना महिला स्वास्थ्य कल्याण समिति ने उचित सुविधा तंत्र और ग्रुप फास्टर केयर के लिए बाल कल्याण समिति और कलेक्टर को आवेदन दिया था. जिसे 20 अगस्त 2020 को बाल कल्याण समिति ने खारिज कर दिया था. क्योंकि निरीक्षण में बाल कल्याण समिति के सदस्यों को बच्चों को रखने और उनकी उचित देखभाल की व्यवस्था इस संस्था में नहीं नजर आई थी.

सदन में हंगामा: घिर गई सरकार, कांग्रेस का वॉक आउट

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर से मांगा स्पष्टीकरण

बाल कल्याण समिति का कहना था कि इस संस्था में बच्चों को रखने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. यह खामियां निरीक्षण के दौरान सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को मिली थी. इसकी अनुशंसा भी कलेक्टर कार्यालय को भेजी गई थी. इसके बावजूद कलेक्टर ने 26 अगस्त 2020 को उक्त शाखा की मान्यता बहाल कर दी. यह नियमों के विपरीत था. इसे लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अभी कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस देकर 10 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है.

ग्वालियर। हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है. गौरतलब है, कि कलेक्टर ने ग्वालियर के मुरार में संचालित ज्योति भावना महिला स्वास्थ्य कल्याण समिति की मान्यता बहाल रखने के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट ने इस संस्था के विषय में बाल कल्याण समिति के आदेश को बरकरार रखा है.

हाईकोर्ट ने कलेक्टर के आदेश पर लगाई रोक

संस्था में नहीं नजर आई थी देखभाल की व्यवस्था

दरअसल, उपनगर मुरार के ज्योति भावना महिला स्वास्थ्य कल्याण समिति ने उचित सुविधा तंत्र और ग्रुप फास्टर केयर के लिए बाल कल्याण समिति और कलेक्टर को आवेदन दिया था. जिसे 20 अगस्त 2020 को बाल कल्याण समिति ने खारिज कर दिया था. क्योंकि निरीक्षण में बाल कल्याण समिति के सदस्यों को बच्चों को रखने और उनकी उचित देखभाल की व्यवस्था इस संस्था में नहीं नजर आई थी.

सदन में हंगामा: घिर गई सरकार, कांग्रेस का वॉक आउट

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर से मांगा स्पष्टीकरण

बाल कल्याण समिति का कहना था कि इस संस्था में बच्चों को रखने के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. यह खामियां निरीक्षण के दौरान सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को मिली थी. इसकी अनुशंसा भी कलेक्टर कार्यालय को भेजी गई थी. इसके बावजूद कलेक्टर ने 26 अगस्त 2020 को उक्त शाखा की मान्यता बहाल कर दी. यह नियमों के विपरीत था. इसे लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अभी कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस देकर 10 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.