ग्वालियर। स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन वैसे तो शहर को विकास की दृष्टि से अग्रणी बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है. सड़क बिजली पानी सहित पर्यटन क्षेत्र को नए सिरे से सजाने और संवारने का काम कर रहा है. अब एक नई पहले करते हुए स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने दिव्यांग बच्चों के लिए भी क्लासेस शुरू की है, जहां वह विभिन्न प्रकार की बाधा से ग्रसित बच्चों को विशेष ट्रेनर्स द्वारा शिक्षा दे रहा है.
स्मार्ट सिटी की पहले में जुटे 3 शिक्षक
ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की इस पहले में 3 शिक्षक जुटे हुए हैं, जो खुद भी किसी ना किसी बाधा से ग्रसित है. ये हर रोज स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन परिसर में नीचे तीन कमरों में दिव्यांग बच्चों की कक्षाएं लेते हैं और दिव्यांग बच्चों को खेल के प्रकार, अक्षर ज्ञान और डिजिटल एजुकेशन के जरिए समाज की मुख्यधारा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए शिक्षित करते हैं.
ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के तीनों शिक्षक अलग-अलग समय में बच्चों को ट्रेंड करते हैं. दृष्टि बाधित बच्चों को विशेष प्रकार की किताबों से अक्षरों का ज्ञान कराया जाता है, जिसमें अक्षर उभरे हुए होते हैं. इसके अलावा पत्थर के जरिए गिनती पहाड़े भी याद कराए जा रहे हैं.
स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के साथ NGO
दिव्यांग बच्चों को शिक्षित कराने की कोशिश में जुटी दिव्य दृष्टि संस्था और ग्वालियर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन दोनों के प्रयास से यह बच्चे समाज की मुख्यधारा में अपना स्थान बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकांश बच्चे बेहद गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं.
इन पद्धति से दी जा रही है शिक्षा
अभी तक यहां 30 बच्चे अध्ययनरत हैं, जबकि 3 टीचर और 1 महिला टीचर भी है. जो मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों को उनकी एकाग्रता बताने के लिए खेलों का सहारा लेकर उन्हें समझाते हैं. यहां छात्र ब्रेल लिपि, टेलर फ्रेम और टेक्टाइल के जरिए पढ़ाई-लिखाई सीख रहे हैं.