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रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ धोखाधड़ी! घर में खाना बनाने वाली महिला ने चालाकी से अपने नाम कराया मकान, 1 साल से मदद के लिए भटक रहा बुजुर्ग

ग्वालियर के चेतकपुरी इलाके से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. जहां घर में काम करने वाली महिला ने चालाकी से मालिक का घर हथिया लिया. पिछले एक साल से बुजुर्ग मालिक बेघर है, और मदद के लिए हर जगह चक्कर काट रहा है.

रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ धोखाधड़ी
रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ धोखाधड़ी
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Published : Aug 26, 2021, 9:53 PM IST

ग्वालियर। शहर के पॉश इलाके में शुमार चेतकपुरी में रहने वाले शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. प्रिंसिपल के मकान को एक महिला ने अपने साथियों की मदद से हथिया लिया. एक साल पहले हुई इस घटना की शिकायत रिटायर्ड प्रिंसिपल ने आईजी से लेकर पुलिस अधीक्षक से की, लेकिन उनकी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा बुजुर्ग रिटायर्ड प्रिंसिपल इदर-उधर चक्कर काटने को मजबूर हैं.

दरअसल साइंस कॉलेज से रिटायर्ड डॉ.जीसीएन कुलश्रेष्ठ, चेतकपुरी कॉलोनी में रहते हैं. यहीं पर उनका मकान भी है, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 8 से 10 करोड़ रुपए है. साल 2006 में बेटे के अमेरिका जाने के बाद से डॉक्टर कुलश्रेष्ठ मकान में अकेले ही रहते थे. उनके यहां खाना बनाने के लिए लता पाल श्रीवास्तव नामक महिला आया जाया करती थी. लगातार 15-16 साल संपर्क में रहने के कारण डॉक्टर कुलश्रेष्ठ का उस पर पूरा विश्वास था.

डॉक्टर कुलश्रेष्ठ का आरोप है कि महिला एक दिन अपने दो साथी पंकज कुशवाह और पवन के साथ उनके यहां आई और बोली कि आपको एक गवाही पर मेरे लिए दस्तखत करने हैं. डॉक्टर कुलश्रेष्ठ को बताया गया कि लता कोई मकान खरीद रही है, इसलिए उसके पंजीयन के लिए आपको गवाही के रूप में दस्तखत करने हैं. डॉक्टर कुलश्रेष्ठ का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम था कि उन्हीं के मकान की रजिस्ट्री पर वह उनसे हस्ताक्षर करवा रही है. बाद में उनके एक परिचित जॉर्ज ने डॉक्टर कुलश्रेष्ठ को बताया कि उनका मकान लता श्रीवास्तव ने अपने नाम करा लिया है. यह सुनकर डॉक्टर कुलश्रेष्ठ के पैरों तले जमीन खिसक गई.

रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ धोखाधड़ी

दोहरी हत्या से मची 'सनसनी': बाइक में सवार होकर साथ निकले थे दो दोस्त, 48 घंटे में दोनों की अलग-अलग जगह मिली लाश

जानकारी लगने के दूसरे दिन ही डॉक्टर कुलश्रेष्ठ स्थानीय पुलिस थाने झांसी रोड गए. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक तक को ज्ञापन और आवेदन दिया. लेकिन उनकी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. एक साल से वह पुलिस अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक अपनी समस्या को हल करने की गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उन्हें किसी ने अभी तक सहायता का आश्वासन नहीं दिया. उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी से डॉक्टर कुलश्रेष्ठ बुरी तरह टूट चुके हैं. अब वह जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अफसरों तक पहुंचाने की अपील कर रहे हैं.

ग्वालियर। शहर के पॉश इलाके में शुमार चेतकपुरी में रहने वाले शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के रिटायर्ड प्रिंसिपल के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. प्रिंसिपल के मकान को एक महिला ने अपने साथियों की मदद से हथिया लिया. एक साल पहले हुई इस घटना की शिकायत रिटायर्ड प्रिंसिपल ने आईजी से लेकर पुलिस अधीक्षक से की, लेकिन उनकी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा बुजुर्ग रिटायर्ड प्रिंसिपल इदर-उधर चक्कर काटने को मजबूर हैं.

दरअसल साइंस कॉलेज से रिटायर्ड डॉ.जीसीएन कुलश्रेष्ठ, चेतकपुरी कॉलोनी में रहते हैं. यहीं पर उनका मकान भी है, जिसकी मौजूदा कीमत करीब 8 से 10 करोड़ रुपए है. साल 2006 में बेटे के अमेरिका जाने के बाद से डॉक्टर कुलश्रेष्ठ मकान में अकेले ही रहते थे. उनके यहां खाना बनाने के लिए लता पाल श्रीवास्तव नामक महिला आया जाया करती थी. लगातार 15-16 साल संपर्क में रहने के कारण डॉक्टर कुलश्रेष्ठ का उस पर पूरा विश्वास था.

डॉक्टर कुलश्रेष्ठ का आरोप है कि महिला एक दिन अपने दो साथी पंकज कुशवाह और पवन के साथ उनके यहां आई और बोली कि आपको एक गवाही पर मेरे लिए दस्तखत करने हैं. डॉक्टर कुलश्रेष्ठ को बताया गया कि लता कोई मकान खरीद रही है, इसलिए उसके पंजीयन के लिए आपको गवाही के रूप में दस्तखत करने हैं. डॉक्टर कुलश्रेष्ठ का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम था कि उन्हीं के मकान की रजिस्ट्री पर वह उनसे हस्ताक्षर करवा रही है. बाद में उनके एक परिचित जॉर्ज ने डॉक्टर कुलश्रेष्ठ को बताया कि उनका मकान लता श्रीवास्तव ने अपने नाम करा लिया है. यह सुनकर डॉक्टर कुलश्रेष्ठ के पैरों तले जमीन खिसक गई.

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जानकारी लगने के दूसरे दिन ही डॉक्टर कुलश्रेष्ठ स्थानीय पुलिस थाने झांसी रोड गए. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक तक को ज्ञापन और आवेदन दिया. लेकिन उनकी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. एक साल से वह पुलिस अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक अपनी समस्या को हल करने की गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उन्हें किसी ने अभी तक सहायता का आश्वासन नहीं दिया. उम्र के आखिरी पड़ाव में अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी से डॉक्टर कुलश्रेष्ठ बुरी तरह टूट चुके हैं. अब वह जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अफसरों तक पहुंचाने की अपील कर रहे हैं.

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