ग्वालियर। मध्य भारत के समय ग्वालियर राजधानी हुआ करती थी. इस महल में उस समय विधानसभा लगती थी. अब ये ऐतिहासिक मोती महल हेरिटेज होटल में तब्दील होने वाला है. वर्तमान में इस मोती महल में मध्यप्रदेश के प्रमुख विभागों के दफ्तर के साथ-साथ दो सैकड़ा से अधिक ऐसे विभाग हैं जो यहां संचालित होते हैं. लेकिन अब ये सभी विभाग जल्द दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट किए जा रहे हैं, क्योंकि ये ऐतिहासिक मोती महल ग्लोबल टेंडर के जरिए लीज पर दिया जा रहा है. इस मोती महल को अब जयपुर के रामबाग, उमेद गढ़ पैलेस और ओबरॉय होटल जैसा विश्व प्रसिद्ध होटल बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. (Gwalior Moti Mahal Heritage Hotel) (madhya bharat assembly house)
टॉप 5 स्टार होटले में शामिल होने की तैयारी: ग्वालियर में सबसे सुंदर इमारतों में शुमार मोती महल अब देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए लग्जरी सुविधाओं युक्त फाइव स्टार होटल के रूप में चालू होगा. इसको लेकर पर्यटन विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है. इसके लिए उन्होंने टेंडर प्रक्रिया की तैयारी भी कर ली है. ग्वालियर के ऐतिहासिक मोती महल में लगभग 600 से अधिक छोटे-बड़े कमरे हैं. इसके साथ ही ऐतिहासिक महल 5 लाख वर्ग फीट से अधिक की जगह में फैला हुआ है. वहीं इस महल में सोने की नक्काशी के साथ-साथ दरबार हॉल में सोने की पॉलिश भी है. (Gwalior Moti Mahal Heritage Hotel)
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ये महल में लगती थी विधानसभा: 1956 में मध्य भारत प्रांत के समय इस मोती महल में विधानसभा लगती थी और विधानसभा के लिए महल में एक बड़ा हॉल था. ये 25 किलो सोने की नक्काशी के साथ-साथ सोने की पॉलिश वाला दरबार हॉल है. वर्तमान में इस मोती महल में मध्य प्रदेश के दबावों के प्रमुख दफ्तर यहां पर संचालित होते हैं. संभावना जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक मोती महल पूरी तरह खाली हो जाएगा.(mp assembly house converts 5 star hotel) (madhya bharat assembly house)
पर्यटकों के लिए बन रहा मोती महल आकर्षित: ये महल ग्वालियर पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. वहीं ग्वालियर में पर्यटक भी काफी आते रहते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि यहां रेल और हवाई मार्ग काफी बेहतर कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ है. यहां की सड़क परिवहन की व्यवस्था भी काफी अच्छी है. यही कारण है कि ग्वालियर में हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं. इसके साथ ही ग्वालियर के आसपास जैसी शिवपुरी, मुरैना, श्योपुर, दतिया और ओरछा पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. इसलिए इन सभी जिलों की कनेक्टिविटी ग्वालियर में रहेगी. ग्वालियर में पर्यटन विभाग देश के सबसे टॉप हेरिटेज होटलों जैसे मोती महल को विकसित कर रहा है. (Gwalior Moti Mahal Heritage Hotel)