ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग का सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल खुद बीमार चल रहा है. यहां पर आने वाले मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है, जिसकी शिकायत मरीजों के परिजन कर रहे हैं. मरीज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. इसी को लेकर सोमवार को ईटीवी भारत की टीम ने जयारोग्य अस्पताल के अलग-अलग विभागों में जाकर रियलिटी चेक किया. जहां मरीज और उनके परिजन काफी परेशान नजर आए. हालात ये हैं कि मरीजों को न तो समय पर दवाइयां मिल पा रही है, और न ही उनकी जांच हो पा रही है. (gwalior jayarogya hospital poor condition)
सुविधाओं के अभाव में अस्पताल: जयारोग्य अस्पताल को पत्थर वाले अस्पताल के नाम से जाना जाता है. यह अस्पताल ग्वालियर चंबल अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मरीज भी चेकअप कराने के लिए आते हैं. लेकिन इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जितना बड़ा ये अस्पताल है उतना ही स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है. यही वजह है कि मरीजों के परिजन दवाइयां और जांचों के लिए एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में भटकते रहते हैं, लेकिन समस्या का हल नहीं हो पा रहा है. (jayarogya hospital health facilities bad)
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इलाज के लिए कई दिनों का करना पड़ता है इंतजार: सबसे पहले ईटीवी भारत ने अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे विभाग में पड़ताल की. जहां पता चला की यहां मरीजों के परिजन सुबह से लेकर शाम तक डॉक्टर का पर्चा लिए लाइन में लगे रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उनका नंबर नहीं आ पाता है. जिन मरीजों का जांच के लिए नंबर भी आ रहा है, उसे दूसरे दिन के लिए टाल दिया जा रहा है. मरीजों के परिजनों का कहना है कि वे एक हफ्ते से इलाज कराने के लिए भटक रहे हैं. अस्पताल में जो कर्मचारी और डॉक्टर हैं, वह रोज नए नए बहाने बनाकर टाल रहे हैं. जब ईटीवी भारत ने एक मरीज के परिजन से बात की तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी 9 महीने की प्रेग्नेंट हैं. उनका कहना है कि पिछले तीन दिनों से उसके अल्ट्रासाउंड की जांच के लिए अस्पताल के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन डॉक्टर रोज अलग अलग बहाने बताते रहते हैं. (patient seeking treatment in jayarogya hospital)