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ETV भारत ने किया ग्वालियर के रैन बसेरों का रियलटी चेक, लोगों को मिल रही पर्याप्त सुविधाएं

ग्वालियर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. ऐसे में रैन बसेरे बाहर से आने वाले लोगों को लिए रात गुजारने का बड़ा सहारा बन रहे हैं. ग्वालियर शहर में 12 रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हैं.

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रैन बसेरों का रियलिटी चेक
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Published : Jan 14, 2020, 12:56 PM IST

ग्वालियर। चंबल अंचल में इस वक्त कड़ाके की सर्दी पड़ रही रही है, इसके कारण सबसे अधिक परेशानियों का सामना उन लोगों को करना पड़ रहा है, जिनके सिर पर छत तक नहीं है. ऐसे में इन लोगों के लिए रैन बसेरे एक बड़ा सहारा होते हैं. इस वक्त ग्वालियर शहर में 12 रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हैं, जिनका रियलिटी चेक ईटीवी भारत ने किया.

रैन बसेरों का रियलिटी चेक

ग्वालियर शहर के अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर स्थित रैन बसेरे में 30 से 40 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. यहां पर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं, जहां यात्रियों को रात गुजारने के हिसाब से पर्याप्त सुविधाएं देखने को मिली. दोनों ही कक्ष में साफ-सुथरे गद्दे और कंबल भी मिले, तो यहां पर रुके यात्री रैन बसेरे की सुविधाओं से संतुष्ट नजर आए.

रैन बसेरे के केयरटेकर का कहना है कि वे रातभर यहां डूयूटी करते हैं. यहां पहचान पत्र और रजिस्टर में एंट्री के बाद ही लोगों को रैन बसेरे में एंट्री मिलती है, जबकि जो लोग कुछ समय के लिए रैन बसेरे में आते हैं, उनके लिए अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

ग्वालियर। चंबल अंचल में इस वक्त कड़ाके की सर्दी पड़ रही रही है, इसके कारण सबसे अधिक परेशानियों का सामना उन लोगों को करना पड़ रहा है, जिनके सिर पर छत तक नहीं है. ऐसे में इन लोगों के लिए रैन बसेरे एक बड़ा सहारा होते हैं. इस वक्त ग्वालियर शहर में 12 रैन बसेरे संचालित किए जा रहे हैं, जिनका रियलिटी चेक ईटीवी भारत ने किया.

रैन बसेरों का रियलिटी चेक

ग्वालियर शहर के अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर स्थित रैन बसेरे में 30 से 40 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. यहां पर महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं, जहां यात्रियों को रात गुजारने के हिसाब से पर्याप्त सुविधाएं देखने को मिली. दोनों ही कक्ष में साफ-सुथरे गद्दे और कंबल भी मिले, तो यहां पर रुके यात्री रैन बसेरे की सुविधाओं से संतुष्ट नजर आए.

रैन बसेरे के केयरटेकर का कहना है कि वे रातभर यहां डूयूटी करते हैं. यहां पहचान पत्र और रजिस्टर में एंट्री के बाद ही लोगों को रैन बसेरे में एंट्री मिलती है, जबकि जो लोग कुछ समय के लिए रैन बसेरे में आते हैं, उनके लिए अलाव की व्यवस्था की गई है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

Intro:ग्वालियर- ग्वालियर चंबल संभाग का तापमान लगातार गिरता जा रहा है ऐसे में सबसे अधिक परेशानियों का सामना दूरदराज से आए लोगों को करना पड़ रहा है क्योंकि ट्रेन या बस लेट होने पर उन्हें कई घंटे तक रेलवे स्टेशन बस स्टैंड पर गुजारनी पड़ती है। इसके साथ ही कई यात्री ऐसे होते हैं जिनके शहर या गांव के लिए रात में कोई साधन उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे लोग सर्दी रात आराम से गुजारे इसलिए नगर निगम द्वारा ग्वालियर शहर में 12 रैन बसेरे रे संचालित किए जा रहे हैं । इन रैन बसेरों में आने वाले लोगों के लिए क्या कुछ सुविधा है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने रैन बसेरा का रियलिटी चेक किया..


Body:ईटीवी भारत की टीम जब अंतर राज्य बस स्टैंड पर स्थित रैन बसेरा पहुंची। जहां 30 से 40 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है यहां पर महिला और पुरुष के लिए अलग अलग कक्ष बनाए गए हैं। इन दोनों ही कक्षा में साफ-सुथरे गद्दे और कंबल भी उपलब्ध ममिले। यहां जो लोग रात गुजारने के लिए रुके थे वहां की व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए। वहीं बसेरे के केयरटेकर का कहना है कि रात भर यहां बैठे है जो कोई भी व्यक्ति रात को आता है तो उसका पहचान पत्र लेकर रजिस्टर में एंट्री के बाद उसे आश्रय दिया जाता है। इसके साथ ही जो लोग कुछ समय के लिए ही यहां आते हैं उनके लिए बाकायदा बाहर अलाव की व्यवस्था की गई है। ग्वालियर के रेन बसेरे का जायजा लिया हमारे संवाददाता अनिल गौर ने


Conclusion:ओपनिंग पीटीवी - wt - रेन बसेरा में स्थिति लोगों से बातचीत
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