ग्वालियर। अपने सरल, सहज और अनोखे अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर 4 अप्रेल से 3 दिन की पदयात्रा शुरू करने वाले हैं. इस पदयात्रा को लेकर ऊर्जा मंत्री तोमर ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल से सुबह 7 बजे इस पदयात्रा की शुरुआत की जाएगी. यह पदयात्रा ग्वालियर स्थित कोटेश्वर मंदिर से दतिया स्थित पीतांबरा पीठ तक रहेगी. (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar)
संकल्प के पूरा होने पर निकाली जाएगी पदयात्रा: ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान उन्होंने संकल्प लिया था कि अंचल में किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे. अपने इसी संकल्प के पूरा होने के बाद अब वे पदयात्रा शुरू करते हुए पीतांबरा शक्ति पीठ तक जाएंगे . उनका कहना है कि वह इस पदयात्रा के दौरान लोगों की बिजली संबंधी समस्या का निराकरण भी करेंगे. मंत्री जी के पदयात्रा के दौरान रास्ते में सात जगह उपभोक्ता समस्या निवारण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे. (Pradyuman Singh Tomar padyatra)
कांग्रेस ने उठाए सवाल: उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की पदयात्रा पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है. कांग्रेस का कहना है कि ऊर्जा मंत्री को प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को लेकर पदयात्रा करनी चाहिए. जिसके तोमर ने जवाब देते हुए कहा है कि कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में जो महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है, पहले उसका स्पष्टीकरण दें. पेट्रोल डीजल की महंगाई पर भी उन्होने सफाई दी. उर्जा मंत्री ने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो पेट्रोल,डीजल की कीमत बढ़ना स्वभाविक है.
कांग्रेस सरकार में सबसे ज्यादा महंगी हुई बिजली: बिजली दर में बढ़त को लेकर तोमर ने कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि एमपी में जब कमलनाथ सरकार थी तो उस समय एक बार में ही बिजली की दरों में 7% की वृद्धि हुई थी, लेकिन, भाजपा सरकार में साल 2020 में 1% वृद्धि की गई थी, और साल 2021-2022 में 2% वृद्धि की गई है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसने सबसे ज्यादा बिजली की दरों में वृद्धि की है. (Tomar statement on increased electricity rates)