ग्वालियर। चंबल अंचल की सबसे हाइप्रोफाइल सीट ग्वालियर में बीएसपी कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है. लेकिन बीएसपी ने यहां कांग्रेस का खेल हमेशा बिगाड़ा है. पिछले तीन चुनावों के नतीजे गवाह है कि बीएसपी ग्वालियर में आखिरी वक्त पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ देती है. जहां जीत के नजदीक पहुंचकर भी कांग्रेस ग्वालियर में हार जाती है.
लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस की हार पर गौर करें तो कांग्रेस की हार में सबसे बड़ी वजह बीएसपी रही है. 2007 के उपचुनाव में बीएसपी के केदार सिंह विदुर ने 33,707 वोट हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस के अशोक सिंह बीजेपी की यशोधरा राजें सिंधिया से महज 35 हजार वोट से हारे थे. इसी तरह 2009 के चुनाव में बीएसपी के अजब सिंह को 76,481 वोट मिले थे. इस बार की कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी के प्रत्याशी से 26 हजार वोट से चुनाव हार गए थे. जबकि 2014 के चुनाव में बीएसपी के आलोक अग्रवाल को 68,196 वोट मिले थे. लेकिन इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर से 29 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.
इन आकड़ों से तो यही बात सामने निकलकर आती है कांग्रेस प्रत्याशी को ग्वालियर में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. जिसके चलते दोनों पार्टियां इस बार यहां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है. पिछले तीन लोकसभा और वर्तमान विधानसभा में बीएसपी के वोट के चलते कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ा था है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है. जिसके चलते हम लोकसभा में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. वहीं बीजेपी नेता दांवा है कि उनका वोट बैंक स्थिर है, लेकिन बीएसपी के वोट बढ़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा जिसका सीधी फायदा बीजेपी को मिलेगा.