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ग्वालियर में कांग्रेस का खेल खराब कर देती है बीएसपी, जीत के नजदीक पहुंचकर मिलती है हार

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Published : Apr 12, 2019, 5:18 PM IST

ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीएसपी हमेशा कांग्रेस का खेल बिगाड़ देती है. जबकि जीत के नजदीक पहुंचकर भी कांग्रेस हर बार ग्वालियर में हार जाती है. 2007, 2009 और 2014 में के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को ग्वालियर लोकसभा सीट पर तीस हजार से भी कम वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. जबकि इन चुनावों में बीएसपी को इतने ही वोट मिले थे.

ग्वालियर

ग्वालियर। चंबल अंचल की सबसे हाइप्रोफाइल सीट ग्वालियर में बीएसपी कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है. लेकिन बीएसपी ने यहां कांग्रेस का खेल हमेशा बिगाड़ा है. पिछले तीन चुनावों के नतीजे गवाह है कि बीएसपी ग्वालियर में आखिरी वक्त पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ देती है. जहां जीत के नजदीक पहुंचकर भी कांग्रेस ग्वालियर में हार जाती है.

लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस की हार पर गौर करें तो कांग्रेस की हार में सबसे बड़ी वजह बीएसपी रही है. 2007 के उपचुनाव में बीएसपी के केदार सिंह विदुर ने 33,707 वोट हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस के अशोक सिंह बीजेपी की यशोधरा राजें सिंधिया से महज 35 हजार वोट से हारे थे. इसी तरह 2009 के चुनाव में बीएसपी के अजब सिंह को 76,481 वोट मिले थे. इस बार की कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी के प्रत्याशी से 26 हजार वोट से चुनाव हार गए थे. जबकि 2014 के चुनाव में बीएसपी के आलोक अग्रवाल को 68,196 वोट मिले थे. लेकिन इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर से 29 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.

ग्वालियर में कांग्रेस का खेल खराब कर देती है बीएसपी।

इन आकड़ों से तो यही बात सामने निकलकर आती है कांग्रेस प्रत्याशी को ग्वालियर में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. जिसके चलते दोनों पार्टियां इस बार यहां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है. पिछले तीन लोकसभा और वर्तमान विधानसभा में बीएसपी के वोट के चलते कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ा था है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है. जिसके चलते हम लोकसभा में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. वहीं बीजेपी नेता दांवा है कि उनका वोट बैंक स्थिर है, लेकिन बीएसपी के वोट बढ़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा जिसका सीधी फायदा बीजेपी को मिलेगा.

ग्वालियर। चंबल अंचल की सबसे हाइप्रोफाइल सीट ग्वालियर में बीएसपी कभी जीत हासिल नहीं कर पाई है. लेकिन बीएसपी ने यहां कांग्रेस का खेल हमेशा बिगाड़ा है. पिछले तीन चुनावों के नतीजे गवाह है कि बीएसपी ग्वालियर में आखिरी वक्त पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ देती है. जहां जीत के नजदीक पहुंचकर भी कांग्रेस ग्वालियर में हार जाती है.

लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस की हार पर गौर करें तो कांग्रेस की हार में सबसे बड़ी वजह बीएसपी रही है. 2007 के उपचुनाव में बीएसपी के केदार सिंह विदुर ने 33,707 वोट हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस के अशोक सिंह बीजेपी की यशोधरा राजें सिंधिया से महज 35 हजार वोट से हारे थे. इसी तरह 2009 के चुनाव में बीएसपी के अजब सिंह को 76,481 वोट मिले थे. इस बार की कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी के प्रत्याशी से 26 हजार वोट से चुनाव हार गए थे. जबकि 2014 के चुनाव में बीएसपी के आलोक अग्रवाल को 68,196 वोट मिले थे. लेकिन इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर से 29 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.

ग्वालियर में कांग्रेस का खेल खराब कर देती है बीएसपी।

इन आकड़ों से तो यही बात सामने निकलकर आती है कांग्रेस प्रत्याशी को ग्वालियर में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा है. जिसके चलते दोनों पार्टियां इस बार यहां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है. पिछले तीन लोकसभा और वर्तमान विधानसभा में बीएसपी के वोट के चलते कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ा था है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है. जिसके चलते हम लोकसभा में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. वहीं बीजेपी नेता दांवा है कि उनका वोट बैंक स्थिर है, लेकिन बीएसपी के वोट बढ़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा जिसका सीधी फायदा बीजेपी को मिलेगा.

Intro:एंकर- ग्वालियर लोकसभा सीटों पर बीएसपी कभी जीत हासिल नहीं कर पाई । लेकिन कांग्रेस का खेल जरूर बिगाड़ देती है। पिछले तीन चुनावों के आंकड़े गवाह है कि जीत के नजदीक पहुंच रही है कांग्रेस की नैया एन वक्त पर बीएसपी डुबो देती है। कांग्रेस के अशोक सिंह लगातार 3 चुनावों में वसुंधरा और नरेंद्र सिंह जैसी ताकत के सामने 25 से 35 हजार वोट से हार जाते हैं आंकड़ों पर गौर करें तो कांग्रेस की हार में बीएसपी का अहम रोल रहा है इस बार कांग्रेस इस सिलसिला को तोड़ने का दावा कर रही है तो कांग्रेस बीएसपी की वोट की आस में बीजेपी लगातार चौथी बार वाली सीट जीतने के सपने बुन रही है।


Body:ग्वालियर को सिंधिया का घर कहा जाता है लेकिन बीते 12 सालों में सिंधिया का गढ़ बीजेपी के कब्जे में है।लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस की हार पर गौर करें तो कांग्रेस की हार में सबसे बड़ी वजह बीएसपी रही है। जी हां बीएसपी भले ही ग्वालियर लोकसभा सीट नहीं जीत पाई हो लेकिन कांग्रेस का खेल जरूर बिगाड़ देती है। यह गौर करते हैं कि पिछले 3 लोकसभा में बीएसपी ने जीत के करीब पहुंच रही कांग्रेस की नैया 2007 , 2009 और 2014 के चुनाव में बीएसपी के चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। क्या इस बार भी रहेगा कांग्रेस को खतरा......... 1- 2007 उप चुनाव में बीएसपी के केदार सिंह विदुर ने 33707 वोट हासिल की । कांग्रेस के अशोक सिंह बीजेपी की यशोदा राजे से 35000 वोट से हार गए । 2- 2009 लोकसभा में बीएसपी की अजब सिंह ने 76481वोट हासिल किये । कांग्रेस के अशोक सिंह बीजेपी की यशोधरा राजे से 26000 वोट से हार गए । 3- 2014 लोकसभा में बीएसपी के आलोक अग्रवाल ने 68196 वोट हासिल किए । कांग्रेस के अशोक सिंह बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर से 29000 वोट से हार गए ।


Conclusion:बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर ग्रामीण सीट पर भी बीएसपी के मैदान में उतरने से कांग्रेस के कद्दावर नेता मदन कुशवाहा तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। पिछले तीन लोकसभा और वर्तमान विधानसभा में बीएसपी के वोट के चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में 7 सीटों पर जीत मिली थी ।इन्हीं आंकड़ों के सारे कांग्रेस इस बात का दावा कर रही है कि बीएसपी से जुड़े युवा नेता और बड़ा वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में आया है लिहाजा ग्वालियर सीट पर इस बार कांग्रेस का पलड़ा भारी होगा । बाईट- आर पी सिंह , कॉंग्रेस नेता बीजेपी लगातार चौथी बार ग्वालियर लोकसभा सीट जीतने के लिए गणित बैठा रही है हालांकि वर्तमान सांसद नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर की वजह मुरैना से चुनाव लड़ रहे हैं । ग्वालियर सीट पर बीएसपी का कोई भी उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है बीजेपी इस बार कांग्रेस और बीएसपी के वोट के सहारे जीत की उम्मीद पाल रही है। बीजेपी का दावा है कि उनका वोट बैंक स्थिर है लेकिन बीएसपी के वोट बढ़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा । बाईट- राजेश सोलंकी , बीजेपी नेता नोट - इस स्टोरी को अधिक विसुअल GWALIOR BSP FACTER 11 APR के नाम से FTP पर भेज दिए है

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