ग्वालियर। जिले के डबरा अनुविभाग के अंतर्गत रफादपुर बिलौआ क्षेत्र में इन क्रेशर आधारित खदान संचालकों ने स्वीकृत लीज के बाहर सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन कराया था. इस आशय की जाँच वर्ष 2017 में डबरा के तत्कालीन एसडीएम बैंस ने कराई थी. इस जाँच रिपोर्ट में यह उल्लेख था कि खदान संचालकों ने स्वीकृत लीज से बाहर खनन कर सरकार को राजस्व की हानि पहुँचाई है. इस जांच के आधार पर खनिज विभाग ने कलेक्टर न्यायालय में मामले दायर किए थे.
कलेक्टर ने सुनाया कड़ा फैसला : विधिवत सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद कलेक्टर न्यायालय ने बड़े एवं कड़े फैसले सुनाए हैं. कलेक्टर न्यायालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसडीएम डबरा व संबंधित तहसीलदारों के प्रतिवेदन और विभिन्न गवाहों के बयानों के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के न्यायालय ने इन क्रेशर आधारित उत्खनन पट्टेधारियों को दोषी पाया है और जुर्माने की बड़ी राशि अधिरोपित की है. कलेक्टर न्यायालय ने खदान संचालक सरदार सिंह गुर्जर पर 35 करोड़ 69 लाख 40 हज़ार और खदान संचालक मुनेन्द्र मंगल व तीन अन्य हिस्सेदारों पर 7 करोड़ 51 लाख 50 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है.
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ये क्रेशर संचालक सभी कांग्रेसी हैं : इसी तरह खदान संचालक सुनील शर्मा पर 3 करोड़ 69 लाख 60 हज़ार, राजेश नीखरा पर 6 करोड़ 43 लाख 50 हज़ार, धर्मेन्द्र सिंह गुर्जर पर 6 करोड़ 43 लाख 50 हज़ार तथा बहादुर सिंह, दर्शन सिंह व धर्मेन्द्र सिंह पर 45 लाख 75 हज़ार रुपए का जुर्माना अधिरोपित किया गया है, जिन सभी क्रेशर संचालकों पर जुर्माना लगाया है, वे सभी कांग्रेसी हैं.
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