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Controversial statement on Sai Baba: मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देख भड़के अविमुक्तेश्वरानंद, बोले-अब यहां कभी नहीं आऊंगा - Controversial statement on Sai Baba

अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि छिंदवाड़ा में बड़ी माता मंदिर और श्रीराम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे, इसी दौरान वे मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा को देख बिगड़ गए. (Controversial statement on Sai Baba) जिसके बाद उन्होंने अपने एक शिष्य को फटकार भी लगाई.(Swami Avimukteshwaranand in Chhindwara)

Swami Avimukteshwarand Controversial statement on Sai Baba
छिंदवाड़ा मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देख भड़के अविमुक्तेश्वरानंद
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Published : May 27, 2022, 5:41 PM IST

छिंदवाड़ा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शुक्रवार को बड़ी माता मंदिर और राममंदिर में साईं की मूर्ति देख भड़क उठे. (Controversial statement on Sai Baba) इस दौरान उन्होंने कहा कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम है? बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद छिंदवाड़ा आए थे, जहां बड़ी माता मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. ऐसे में मंदिर समिति द्वारा संत अविमुक्तेश्वरानंद के हाथों गर्भगृह स्थानांतरित करने को लेकर चर्चा की गई थी, उन्हें आमंत्रण भी दिया गया था. लेकिन साईं की प्रतिमा देखकर भड़के संत ने समिति सदस्यों से बात नहीं की और नाराज होकर वहां से चले गए, इस दौरान उन्होंने अपने एक शिष्य को फटकार भी लगाई. (Swami Avimukteshwaranand in Chhindwara)

छिंदवाड़ा मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देख भड़के अविमुक्तेश्वरानंद

राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम? अविमुक्तेश्वरानंद जब बड़ी माता मंदिर पहुंचे तो उन्होंने गर्भगृह में माता की पूजा-अर्चना की, इसी दौरान उनकी नजर दीवार पर लगे साईं बाबा के आर्टिफिशियल मंदिर पर पड़ी जिसके बाद वे नाराज हो गए और वहां से तुरंत वापस आ गए. इस दौरान मंदिर के पुजारी के रोकने पर भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद नहीं रुके, और वे छोटा बाजार स्थित श्रीराम मंदिर पहुंचे. जहां फिर उन्हें साईं बाबा की प्रतिमा दिख गई, इसके बाद उन्होंने मंदिर के पुजारी पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम है.

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शिष्य को लगाई फटकार: साईं बाबा की फोटो देख नाराज हुए संत ने शिष्य को फटकार लगाते हुए कहा कि हमने तुम पर विश्वास किया, हमारा संकल्प है कि जिस मंदिर में साईं है, वहां हम नहीं जाएंगे फिर भी तुमने विश्वास को तोड़ा. हमें ऐसे मंदिर में ले गए, अब दोबारा हमारे सामने मत आना, तुमने हमें धोखा दिया है. इसी के साथ मीडियाकर्मियों से बात करते हुए संत अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यहां मां दुर्गा और भगवान श्रीराम के मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति देखकर मन दुखी हुआ है, हम आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक साईं बाबा की मूर्ति इन मंदिरों में रहेगी, हम यहां प्रवेश नहीं करेंगे. मंदिर समिति साईं को हटा दे, तो खुद यहां आकर पूजा करेंगे. उन्होंने कहा कि अब मंदिर को पवित्र करना पड़ेगा.

कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि हैं, उन्होंने काशी में मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया था. इसी के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने के विरोध में हजारों लोगों के साथ रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था.

छिंदवाड़ा। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शुक्रवार को बड़ी माता मंदिर और राममंदिर में साईं की मूर्ति देख भड़क उठे. (Controversial statement on Sai Baba) इस दौरान उन्होंने कहा कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम है? बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद छिंदवाड़ा आए थे, जहां बड़ी माता मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. ऐसे में मंदिर समिति द्वारा संत अविमुक्तेश्वरानंद के हाथों गर्भगृह स्थानांतरित करने को लेकर चर्चा की गई थी, उन्हें आमंत्रण भी दिया गया था. लेकिन साईं की प्रतिमा देखकर भड़के संत ने समिति सदस्यों से बात नहीं की और नाराज होकर वहां से चले गए, इस दौरान उन्होंने अपने एक शिष्य को फटकार भी लगाई. (Swami Avimukteshwaranand in Chhindwara)

छिंदवाड़ा मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देख भड़के अविमुक्तेश्वरानंद

राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम? अविमुक्तेश्वरानंद जब बड़ी माता मंदिर पहुंचे तो उन्होंने गर्भगृह में माता की पूजा-अर्चना की, इसी दौरान उनकी नजर दीवार पर लगे साईं बाबा के आर्टिफिशियल मंदिर पर पड़ी जिसके बाद वे नाराज हो गए और वहां से तुरंत वापस आ गए. इस दौरान मंदिर के पुजारी के रोकने पर भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद नहीं रुके, और वे छोटा बाजार स्थित श्रीराम मंदिर पहुंचे. जहां फिर उन्हें साईं बाबा की प्रतिमा दिख गई, इसके बाद उन्होंने मंदिर के पुजारी पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम है.

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शिष्य को लगाई फटकार: साईं बाबा की फोटो देख नाराज हुए संत ने शिष्य को फटकार लगाते हुए कहा कि हमने तुम पर विश्वास किया, हमारा संकल्प है कि जिस मंदिर में साईं है, वहां हम नहीं जाएंगे फिर भी तुमने विश्वास को तोड़ा. हमें ऐसे मंदिर में ले गए, अब दोबारा हमारे सामने मत आना, तुमने हमें धोखा दिया है. इसी के साथ मीडियाकर्मियों से बात करते हुए संत अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यहां मां दुर्गा और भगवान श्रीराम के मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति देखकर मन दुखी हुआ है, हम आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. जब तक साईं बाबा की मूर्ति इन मंदिरों में रहेगी, हम यहां प्रवेश नहीं करेंगे. मंदिर समिति साईं को हटा दे, तो खुद यहां आकर पूजा करेंगे. उन्होंने कहा कि अब मंदिर को पवित्र करना पड़ेगा.

कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि हैं, उन्होंने काशी में मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया था. इसी के साथ उन्होंने छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने के विरोध में हजारों लोगों के साथ रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था.

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