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ना थका, ना हारा... बर्बादियों का मंजर देखने के बाद भी देश सेवा में जुटा अन्नदाता

लॉकडाउन में के बीच भी देश का किसान इस चिलचिलाती धूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है. किसानों लॉकडाउन के बावजूद खेतों में अपनी फसल की देखरेख में जुटे हैं. ताकि फसलों को नुकसान ना हो.

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छिंदवाड़ा काम में जुटे किसान
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Published : May 14, 2020, 6:00 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से एक तरफ पूरा देश अपने घरों में कैद है. लेकिन इस कठिन दौर में भी कोई भी भूखा ना रहे. इसलिए देश का अन्नदाता आज भी चिलचिलाती धूप में काम कर रहा है. किसान इस मुश्किल घड़ी में भी घर में नहीं बैठा है. वो लगातार अपने काम में जुटा है. ताकि लोगों को परेशानियां न हो.

चिलचिलाती धूम में भी काम में जुटे किसान

गर्मी का सीजन शुरू होते ही किसानों की परेशानियां भी बढ़ने लगती है. बावजूद इसके वो लगातार अपने काम में जुटे हैं. छिंदवाड़ा जिले में इस वक्त किसानों की कई फसलें लगी हुई हैं. जिसके लिए वो लगातार मेहनत कर रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत ने जब खेतों में काम करने वाले कुछ किसानों से बात की तो उनका कहना था कि अगर उन्होंने काम बंद कर दिया तो फिर देश में खाने का संकट आ जाएगा. इसलिए वो लगातार काम कर रहा है.

कर्ज लेकर लगाई फसल

लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद होने के चलते इस बार किसानों को काफी नुकसान हुआ. खेतों में लगी फसल बर्बाद हो गई. जिसका सीधा असर किसानों की कमाई पर पड़ा. बावजूद इसके इस बार किसानों ने कर्ज लेकर फिर से फसल लगाई है. अकेले छिंदवाड़ा जिले में सब्जी लगाने वाले किसानों को इस बार करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.

नयी फसल की शुरुआत करते किसान
नई फसल की शुरूआत करते किसान
महिलाएं भी बटा रही खेतों में हाथ
महिलाएं भी बंटा रही खेतों में हाथ

किसानों का कहना है कि इस बार लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद रहे. जिससे सब्जी बिकी ही नहीं. किसानों इस खेत में लगे-लगे सब्जी की फसल बर्बाद होते देखी. छिंदवाड़ा जिले में शिमला मिर्च, टमाटर, आलू और धनिया की फसल लगाई जाती है. जिसमें इस बार किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. कई किसानों ने तो खेतों में अपनी सब्जी की फसल को नष्ट कर दिया.

रुई की फसल तोड़ती महिला
रुई की फसल तोड़ती महिला

हिम्मत जुटाकर फिर से लगाई फसल

किसानों का कहना है कि भले ही इस बार उन्हें नुकसान हुआ है. लेकिन उन्होंने फिर से हिम्मत जुटाकर इस बार भी फसल लगाई है. जिसके लिए उन्हें कर्ज तक लेना पड़ा. किसानों का कहना है कि अगर उन्होंने फसल लगाना बंद कर दिया. तो उनके साथ पूरे देश को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए वो अपना काम बंद नहीं कर सकते. क्योंकि फसल नहीं होगी तो देश में अनाज की कमी होगी इसलिए फसल लगानी भी जरुरी है और अनाज उगाना भी.

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से एक तरफ पूरा देश अपने घरों में कैद है. लेकिन इस कठिन दौर में भी कोई भी भूखा ना रहे. इसलिए देश का अन्नदाता आज भी चिलचिलाती धूप में काम कर रहा है. किसान इस मुश्किल घड़ी में भी घर में नहीं बैठा है. वो लगातार अपने काम में जुटा है. ताकि लोगों को परेशानियां न हो.

चिलचिलाती धूम में भी काम में जुटे किसान

गर्मी का सीजन शुरू होते ही किसानों की परेशानियां भी बढ़ने लगती है. बावजूद इसके वो लगातार अपने काम में जुटे हैं. छिंदवाड़ा जिले में इस वक्त किसानों की कई फसलें लगी हुई हैं. जिसके लिए वो लगातार मेहनत कर रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत ने जब खेतों में काम करने वाले कुछ किसानों से बात की तो उनका कहना था कि अगर उन्होंने काम बंद कर दिया तो फिर देश में खाने का संकट आ जाएगा. इसलिए वो लगातार काम कर रहा है.

कर्ज लेकर लगाई फसल

लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद होने के चलते इस बार किसानों को काफी नुकसान हुआ. खेतों में लगी फसल बर्बाद हो गई. जिसका सीधा असर किसानों की कमाई पर पड़ा. बावजूद इसके इस बार किसानों ने कर्ज लेकर फिर से फसल लगाई है. अकेले छिंदवाड़ा जिले में सब्जी लगाने वाले किसानों को इस बार करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.

नयी फसल की शुरुआत करते किसान
नई फसल की शुरूआत करते किसान
महिलाएं भी बटा रही खेतों में हाथ
महिलाएं भी बंटा रही खेतों में हाथ

किसानों का कहना है कि इस बार लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद रहे. जिससे सब्जी बिकी ही नहीं. किसानों इस खेत में लगे-लगे सब्जी की फसल बर्बाद होते देखी. छिंदवाड़ा जिले में शिमला मिर्च, टमाटर, आलू और धनिया की फसल लगाई जाती है. जिसमें इस बार किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. कई किसानों ने तो खेतों में अपनी सब्जी की फसल को नष्ट कर दिया.

रुई की फसल तोड़ती महिला
रुई की फसल तोड़ती महिला

हिम्मत जुटाकर फिर से लगाई फसल

किसानों का कहना है कि भले ही इस बार उन्हें नुकसान हुआ है. लेकिन उन्होंने फिर से हिम्मत जुटाकर इस बार भी फसल लगाई है. जिसके लिए उन्हें कर्ज तक लेना पड़ा. किसानों का कहना है कि अगर उन्होंने फसल लगाना बंद कर दिया. तो उनके साथ पूरे देश को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए वो अपना काम बंद नहीं कर सकते. क्योंकि फसल नहीं होगी तो देश में अनाज की कमी होगी इसलिए फसल लगानी भी जरुरी है और अनाज उगाना भी.

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