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Controversy over Sai Baba statue: प्रतिमा हटाए जाने के बाद ईटीवी भारत से बोले साईं भक्त- हिंदू धर्म पर हुआ पहला प्रहार - छिंदवाड़ा लेटेस्ट न्यूज

अविमुक्तेश्वरानंद स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि के साईं बाबा की प्रतिमा पर दिए गए विवादित बयान के बाद हटाई गई प्रतिमा के बाद अब साईं भक्तों ने इसे हिंदू धर्म पर पहला प्रहार बताया है. (Controversy over Sai Baba statue)

Controversy over Sai Baba statue
छिंदवाड़ा साईं बाबा की प्रतिमा बवाल
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Published : May 29, 2022, 8:28 PM IST

छिंदवाड़ा। बड़ी माता मंदिर और राम मंदिर में लगी साईं की मूर्ति को देख अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने एक शिष्य को फटकार लगाई थी, जिसके बाद वहां से साईं बाबा की मूर्ति को हटा दिया गया था. अब इस मुद्दे को लेकर छिंदवाड़ा में अब बहस छिड़ गई है, जिसमें साईं बाबा के समर्थकों का मानना है कि जब साईं बाबा जीवित थे तब भी उन पर प्रहार हुए और अब भी प्रहार हो रहे हैं. साईं बाबा के भक्तों का कहना है कि हिंदू धर्म पर पहला प्रहार हो गया है, तो वहीं सनातन धर्म को लेकर मंदिर के पुजारी ने कहा कि जहां जिसकी मूर्ति है वहीं उनकी पूजा की जाए, और जिसको जिसकी पूजा करना है उसका अलग से मंदिर बनाकर करे.(Controversy over Sai Baba statue)

छिंदवाड़ा साईं बाबा की प्रतिमा बवाल

यह था मामला: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शुक्रवार को बड़ी माता मंदिर और राम मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देखकर भड़क उठे थे, इस दौरान उन्होंने एक शिष्य को फटकार भी लगाई थी और कहा था कि वहां जब तक मंदिर का शुद्धिकरण नहीं हो जाता तब तक वे वहां नहीं आएंगे.

Controversy over Sai Baba statue: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के विरोध के बाद राम-कृष्ण मंदिर से हटाई गई सांई बाबा की मूर्ति

मंदिर से हटाई गई साईं बाबा की तस्वीर: मामले में बड़ी माता मंदिर से साईं बाबा की तस्वीर को बाद में हटा दिया गया था, वहीं राम मंदिर में एक छोटा टाइल्स के टुकड़े में साईं बाबा की फोटो थी जिसे भी वहां से निकाल दिया गया था.

प्रतिमा हटाने जाने के बाद मुद्दे ने पकड़ा तूल: इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत से बात करते हुए साईं बाबा के भक्तों ने कहा कि 'साईं बाबा जब जीवित थे, तब भी उन पर पहले प्रहार होते थे और अब भी हो रहे हैं. अंग्रेजों ने भी साईं बाबा पर प्रहार किए और अब यह घटना हिंदू धर्म पर पहला प्रहार हो गया है.

Controversial statement on Sai Baba: मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देख भड़के अविमुक्तेश्वरानंद, बोले-अब यहां कभी नहीं आऊंगा

अलग से मंदिर बनाकर पूजन करें पूजा: इसी के साथ सनातन धर्म का हवाला देते हुए अनगढ़ हनुमान मंदिर के पंडित नागेंद्र ब्रह्मचारी का कहना है कि 'सनातन धर्म में मूर्तियों का पूजन किया जाता है, वहां उन्हीं का पूजन करें और जिसको जिसकी पूजन करना है वहां उनका अलग से मंदिर बनाकर पूजन करें.'

छिंदवाड़ा। बड़ी माता मंदिर और राम मंदिर में लगी साईं की मूर्ति को देख अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने एक शिष्य को फटकार लगाई थी, जिसके बाद वहां से साईं बाबा की मूर्ति को हटा दिया गया था. अब इस मुद्दे को लेकर छिंदवाड़ा में अब बहस छिड़ गई है, जिसमें साईं बाबा के समर्थकों का मानना है कि जब साईं बाबा जीवित थे तब भी उन पर प्रहार हुए और अब भी प्रहार हो रहे हैं. साईं बाबा के भक्तों का कहना है कि हिंदू धर्म पर पहला प्रहार हो गया है, तो वहीं सनातन धर्म को लेकर मंदिर के पुजारी ने कहा कि जहां जिसकी मूर्ति है वहीं उनकी पूजा की जाए, और जिसको जिसकी पूजा करना है उसका अलग से मंदिर बनाकर करे.(Controversy over Sai Baba statue)

छिंदवाड़ा साईं बाबा की प्रतिमा बवाल

यह था मामला: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शुक्रवार को बड़ी माता मंदिर और राम मंदिर में साईं बाबा की तस्वीर देखकर भड़क उठे थे, इस दौरान उन्होंने एक शिष्य को फटकार भी लगाई थी और कहा था कि वहां जब तक मंदिर का शुद्धिकरण नहीं हो जाता तब तक वे वहां नहीं आएंगे.

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मंदिर से हटाई गई साईं बाबा की तस्वीर: मामले में बड़ी माता मंदिर से साईं बाबा की तस्वीर को बाद में हटा दिया गया था, वहीं राम मंदिर में एक छोटा टाइल्स के टुकड़े में साईं बाबा की फोटो थी जिसे भी वहां से निकाल दिया गया था.

प्रतिमा हटाने जाने के बाद मुद्दे ने पकड़ा तूल: इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत से बात करते हुए साईं बाबा के भक्तों ने कहा कि 'साईं बाबा जब जीवित थे, तब भी उन पर पहले प्रहार होते थे और अब भी हो रहे हैं. अंग्रेजों ने भी साईं बाबा पर प्रहार किए और अब यह घटना हिंदू धर्म पर पहला प्रहार हो गया है.

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अलग से मंदिर बनाकर पूजन करें पूजा: इसी के साथ सनातन धर्म का हवाला देते हुए अनगढ़ हनुमान मंदिर के पंडित नागेंद्र ब्रह्मचारी का कहना है कि 'सनातन धर्म में मूर्तियों का पूजन किया जाता है, वहां उन्हीं का पूजन करें और जिसको जिसकी पूजन करना है वहां उनका अलग से मंदिर बनाकर पूजन करें.'

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