छिंदवाड़ा। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों ने गांव को गोद लेकर विकास के सपने दिखाए थे. ऐसा ही अमरवाड़ा विधानसभा के पौनार गांव को सांसद नकुलनाथ ने गोद लिया था, लेकिन आलम यह है कि इस गांव के लोग पीने के लिए बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. (Chhindwara water crisis)
15 दिनों में 1 दिन आता है पानी: पौनार गांव में 15 दिनों के अंतराल में एक बार नलों में पानी आता है, उसमें भी कुछ मिनट पानी सप्लाई होती है. मजबूरी में गांव के लोगों को मिलों दूर जाकर पीने के पानी की व्यवस्था करना पड़ रहा है. ग्रामीण महिलाओं का आधा दिन पानी लाने में ही गुजर जाता है, जिसकी वजह से मजदूरी करके जीवन यापन करने वाले परिवार के सामने अब आर्थिक संकट भी पैदा हो रहा है.
अंत्येष्टि के बाद नहाने को भी नहीं मिल रहा पानी: गांव में पानी की किल्लत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि गांव में कोई गमी हो जाती है, तो ग्रामीण शमशान से लौटने के बाद सिर्फ पानी की कुछ बूंदे शरीर पर छिड़काव करके खुद को शुद्ध कर लेते हैं क्योंकि पानी पीने के लिए नहीं है तो फिर नहाना तो बहुत दूर की बात है.
सरकारी ट्यूबबेल है लेकिन व्यवस्था की कमी: स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में जलस्तर काफी है, सरकारी ट्यूबवेल में पानी भी है लेकिन सही तरीके से पाइप लाइन का बिछाव नहीं होने की वजह से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है. ग्रामीणों के अनुसार कुछ इलाकों में 4 से 8 दिनों के अंतराल में पानी सप्लाई होता है तो कुछ इलाकों में 15 दिन आता है.
सांसद के गोद लेने के बाद नहीं हुआ कोई बदलाव: पौनार ग्राम पंचायत के उपसरपंच ने बताया कि जब से सांसद नकुल नाथ ने गांव को गोद लिया है यहां कोई बदलाव नहीं हुआ है. उपसरपंच ने ये भी कहा कि ट्यूबवेल में पानी है लेकिन वर्तमान में बिजली की अघोषित कटौती के चलते सप्लाई प्रभावित हो रही है. उनका कहना है कि जल्दी ही उस पर भी व्यवस्था बनाई जाएगी.