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Chhindwara Tribal Protest: बांध के नाम पर ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी, छिंदवाड़ा आदिवासियों की पंचायत चुनाव बहिष्कार की धमकी

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Published : Dec 15, 2021, 1:08 PM IST

छिंदवाड़ा के 8 ग्राम पंचायतों के आदिवासी उनके क्षेत्र में बांध बनाए जाने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. (Chhindwara Tribal Protest land acquistion)आदिवासियों का कहना है कि उन्हें बांध की ज़रूरत नहीं है. आदिवासियों को बांध के नाम पर अपनी ज़मीन छिन जाने का डर सता रहा है. आदिवासी समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गईं तो वो पंचायत चुनाव सहित आने वाले सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे.(Chhindwara tribal to boycott MP Panchayat election)

Tribal to boycott elections
आदिवासियों का अल्टीमेटम

छिन्दवाड़ा। शिवराजसिंह चौहान सरकार एक ओर तो आदिवासियों को खुश करने के लिए नई नई योजनाओं का ऐलान कर रही है दूसरी ओर आदिवासियों की मर्ज़ी के बगैर उनकी ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. बांध बनाने के नाम पर किए जा रहे ज़मीन अधिग्रहण से आदिवासी ख़ासे नाराज़ हैं और सरकार से फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं. आदिवासी समाज का कहना है कि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो वो पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी समाज

आदिवासी गांवों में सरकार ज़मीन अधिग्रहण कर बांध का निर्माण कर रही है. इसके विरोध में आदिवासी सड़कों पर उतर आए हैं और आदिवासियों का विस्थापन बंद करो, बांध के नाम पर विस्थापन बंद करो बंद करो के नारे लगा रहे हैं. (Chhindwara Tribal Protest land acquistion)

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी समाज

बांध के नाम पर ज़मीन अधिग्रहण के विरोध में 8 ग्राम पंचायतों के आदिवासियों ने सभी चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की है.आदिवासियों का कहना है कि ज़मीन अधिग्रहण से पूरे गांव के युवा बेरोज़गार हो जाएंगे. मामला मोहखेड़ विकासखंड की ग्राम पंचायत धगड़ियामाल का है. यहां कन्हान नदी पर गोल्हानिया डैम का निर्माण काम किया जा रहा है जिसमें ग्राम पंचायत धगड़िया माल, बेलगांव माल, खिड़की, कनेरी, बीजागोरा, भवारी, महलारीबाकुल, उमरडोह पर्वतघोगरी के अंतर्गत आने वाले गांव प्रभावित हो रहे हैं. इसे लेकर आदिवासी लंबे समय से विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि आदिवासी बाहुल्य इन गांवों में उनकी पुश्तैनी ज़मीनें हैं जिनसे उनकी यादें जुड़ी हैं.अब डूब क्षेत्र में आने की वजह से उनकी ज़मीन के साथ साथ मकान भी छिन जाएंगे. आदिवासियों की ये भी शिकायत है कि सरकार इतना मुआवज़ा नहीं दे रही है कि नुकसान की भरपाई हो सके.

आदिवासियों की चुनाव बहिष्कार की धमकी
आदिवासी समाज का कहना है कि बांध की उन्हें ज़रूरत ही नहीं है, सरकार ज़बर्दस्ती बांध बनाकर उनके जल जंगल ज़मीन पर कब्ज़ा जमा रही है. ग्रामीण आदिवासियों का कहना है कि उनकी पुश्तैनी ज़मीन छीन कर शहरों के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है. आदिवासियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर बांध का प्रस्ताव निरस्त नहीं हुआ तो सिर्फ ग्राम पंचायत के चुनाव ही नहीं आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों का भी 8 ग्राम पंचायत के लोग बहिष्कार करेंगे.

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी समाज

कन्हान नदी पर बनाया जा रहा है बांध
दरअसल मोहखेड़ विकासखंड के कन्हान नदी पर सिंचाई के लिए संगम टू योजना के तहत बांध बनाए जा रहे हैं जिसमें 8 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इसे लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है और टेंडर भी निकाल दिया है.

छिन्दवाड़ा। शिवराजसिंह चौहान सरकार एक ओर तो आदिवासियों को खुश करने के लिए नई नई योजनाओं का ऐलान कर रही है दूसरी ओर आदिवासियों की मर्ज़ी के बगैर उनकी ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. बांध बनाने के नाम पर किए जा रहे ज़मीन अधिग्रहण से आदिवासी ख़ासे नाराज़ हैं और सरकार से फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं. आदिवासी समाज का कहना है कि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो वो पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी समाज

आदिवासी गांवों में सरकार ज़मीन अधिग्रहण कर बांध का निर्माण कर रही है. इसके विरोध में आदिवासी सड़कों पर उतर आए हैं और आदिवासियों का विस्थापन बंद करो, बांध के नाम पर विस्थापन बंद करो बंद करो के नारे लगा रहे हैं. (Chhindwara Tribal Protest land acquistion)

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी समाज

बांध के नाम पर ज़मीन अधिग्रहण के विरोध में 8 ग्राम पंचायतों के आदिवासियों ने सभी चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की है.आदिवासियों का कहना है कि ज़मीन अधिग्रहण से पूरे गांव के युवा बेरोज़गार हो जाएंगे. मामला मोहखेड़ विकासखंड की ग्राम पंचायत धगड़ियामाल का है. यहां कन्हान नदी पर गोल्हानिया डैम का निर्माण काम किया जा रहा है जिसमें ग्राम पंचायत धगड़िया माल, बेलगांव माल, खिड़की, कनेरी, बीजागोरा, भवारी, महलारीबाकुल, उमरडोह पर्वतघोगरी के अंतर्गत आने वाले गांव प्रभावित हो रहे हैं. इसे लेकर आदिवासी लंबे समय से विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि आदिवासी बाहुल्य इन गांवों में उनकी पुश्तैनी ज़मीनें हैं जिनसे उनकी यादें जुड़ी हैं.अब डूब क्षेत्र में आने की वजह से उनकी ज़मीन के साथ साथ मकान भी छिन जाएंगे. आदिवासियों की ये भी शिकायत है कि सरकार इतना मुआवज़ा नहीं दे रही है कि नुकसान की भरपाई हो सके.

आदिवासियों की चुनाव बहिष्कार की धमकी
आदिवासी समाज का कहना है कि बांध की उन्हें ज़रूरत ही नहीं है, सरकार ज़बर्दस्ती बांध बनाकर उनके जल जंगल ज़मीन पर कब्ज़ा जमा रही है. ग्रामीण आदिवासियों का कहना है कि उनकी पुश्तैनी ज़मीन छीन कर शहरों के लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है. आदिवासियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर बांध का प्रस्ताव निरस्त नहीं हुआ तो सिर्फ ग्राम पंचायत के चुनाव ही नहीं आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों का भी 8 ग्राम पंचायत के लोग बहिष्कार करेंगे.

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी समाज

कन्हान नदी पर बनाया जा रहा है बांध
दरअसल मोहखेड़ विकासखंड के कन्हान नदी पर सिंचाई के लिए संगम टू योजना के तहत बांध बनाए जा रहे हैं जिसमें 8 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इसे लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है और टेंडर भी निकाल दिया है.

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