भोपाल। युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में पटकनी देते हुए 150 से 180 सीटों के साथ जीत दर्ज करेगी. विक्रांत भूरिया ने दावा किया कि, यूथ कांग्रेस पूरी तरह तैयार है और जमीनी स्तर पर मजबूत है.(Youth congress president Vikrant Bhuriya exclusive interview)
सवाल: अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में यूथ कांग्रेस की क्या भूमिका रहेगी, क्या तैयारी की है? मैदानी स्तर पर युवा कितनी सक्रियता दिखा रहे हैं?
जवाब: आगामी विधानसभा चुनाव 2023 बहुत ही महत्वपूर्ण चुनाव है इसमें सबसे बड़ा योगदान यूथ कांग्रेस का रहेगा, क्योंकि 70% युवा मध्यप्रदेश में है. इसी को लेकर हमने हर बूथ तक पहुंचने का जो अभियान शुरू किया था 'वन बूथ फाइव यूथ', इसमें हर बूथ पर हम 5 युवाओं की टीम तैयार कर रहे हैं, उनको प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे चुनाव के समय वह बूथ पर डटकर सामना कर सकें. साथ ही मध्य प्रदेश मे बेरोजगारी बहुत बड़ा मुद्दा है, जैसा कि हमने देखा है कि लगातार पहली बार तो यह सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है और जो भी कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स हो रहे हैं उसमें एक के बाद एक फर्जीवाड़ा होते चले जा रहे हैं. 8000 युवाओं के साथ बहुत बड़ा शोषण बीजेपी सरकार कर रही है. उदाहरण के तौर पर हम देखें जिस तरह से शिक्षक भर्ती परीक्षा में 13 लाख युवा बैठे थे, ऑनलाइन एग्जाम का पेपर लक्ष्मण सिंह नाम के व्यक्ति के पास कैसे आ गया, मोबाइल पर कैसे आ गया, मोबाइल पर आने के बाद जब इस मुद्दे को के के मिश्रा और आनंद राय ने उठाया तो इन दोनों के खिलाफ मुख्यमंत्री के ओएसडी ने एसटी एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआरदर्ज करवा दी. सबसे ज्यादा एससी एसटी एक्ट को बदनाम करने का काम खुद सरकार कर रही है, और यह दिखता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है. पहले व्यापम में भी मुख्यमंत्री के ओएसडी जयप्रकाश लिप्त पाए गए थे, अब वापस से उनके ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम इसमें लिप्त पाए गए हैं.
सवाल: मध्यप्रदेश में बेरोजगार युवाओं को कांग्रेस के साथ कैसे जोड़ रहे हैं?
जवाब: अब हमारे पूरे मध्यप्रदेश में बेरोजगारी को लेकर बड़े-बड़े आंदोलन शुरू होने जा रहे हैं, इसको लेकर 4 अप्रैल को एक महामंथन बैठक भोपाल में आयोजित की गई है. इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष वीबी श्रीनिवास जी, राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलाराव जी, और हमारे मार्गदर्शक मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इसमें उपस्थित रहेंगे. बैठक में पूरी यूथ कांग्रेस की रणनीति पर चर्चा होगी और मंथन होगा, कैसा काम चल रहा है और किस तरह संघर्ष के लिए आगे तैयार रहना है इस पर पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी.
सवाल: अभी सदस्यता अभियान शुरू हुआ था, घर-घर चलो अभियान के साथ यूथ कांग्रेस ने बूथ चलो अभियान भी शुरू किया था ,इनकी क्या स्थिति है ,कितने लोगों को जोड़ पाई है कांग्रेस?
जवाब: आज हमने जमीन पर लड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण वन बूथ फाइव यूथ का जो प्रोग्राम शुरू किया था, आखिरी में जब हम मिले थे, तब 4000 बूथों पर हमारी तैयारी हुई थी. आज हम 14000 बूथों पर तैयार हैं और लगातार ये आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जाएगा. इन लोगों की मजबूती और ट्रेनिंग देने का काम जल्दी शुरू किया जाएगा और उनकी मीटिंग शुरू की जाएंगी, जिससे जमीन पर यूथ कांग्रेस मजबूती प्रदान कर सके.
सवाल: अभी जो यूथ कांग्रेस के सक्रिय पदाधिकारी हैं, क्या उनके लिए भी टिकट की डिमांड होगी? जब टिकट का वितरण होगा तो.
जवाब: निश्चित तौर पर, देखिए यूथ कांग्रेस पार्टी की रीढ़ की हड्डी है जब-जब कांग्रेस को दिक्कत आई है और कांग्रेस पीछे गई है तो उससे उबरने में यूथ कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इस बार भी हमारे कंधों पर जवाबदारी है, ज्यादा से ज्यादा युवाओं का भविष्य बनाने के लिए युवाओं को टिकट दिलाने का काम भी यूथ कांग्रेस करेगी और जितने भी लोग तैयार हैं. इस चीज के लिए उनका चयन भी किया जाएगा, उनके लिए लड़ाई भी लड़ी जाएगी.
सवाल: कांग्रेस में लगातार गुटबाजी, मनमर्जी और अनुशासनहीनता की बातें सामने आ रही हैं, उनके लिए क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: कांग्रेस में इस तरह का भ्रम फैलाने का काम बीजेपी करती है, यह प्रोपेगंडा है. कभी कहेंगे कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में नहीं पट रही है, मैं जानता हूं व्यक्तिगत रूप से जितने अच्छे वे एक-दूसरे के मित्र हैं उतना कोई हो नहीं सकता. ये भ्रम फैलाने की कोशिश की जाती है कि बीजेपी एकजुट है और कांग्रेस आपस में लड़ रही है क्योंकि बीजेपी को मालूम है कि जिस तरह से कमलनाथ जी ने और दिग्विजय सिंह जी ने 2018 में उनको पटकनी दी थी, वैसे ही पटकनी देने के लिए अब और अच्छे तैयारी से हम लोग तैयार हैं. जब तक इनको अलग-अलग नहीं करेंगे, जनता और मतदाता के बीच में भ्रम नहीं फैलाएंगे, कार्यकर्ता का मनोबल नहीं तोडेंगे, तब तक यह जीतने की स्थिति में नहीं आएंगे. आज की स्थिति में कांग्रेस 150 से 180 सीटें जीतने की स्थिति में है और यहां से ऊपर ही जाएंगे, क्योंकि जिस तरह की तैयारी जमीनी स्तर पर चल रही है गुटबाजी बिल्कुल नहीं है, सब लोग एकजुट होकर पूरी ताकत से कमलनाथ जी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं.
सवाल: जोबट में जो घटना हुई थी, आप लोगों के खिलाफ एफआईआर भी हुई भगोरिया मेले के दौरान, अपहरण के आरोप भी लगे आप पर, क्या पूरा मामला था, इसको लेकर क्या चीजें सामने आ रही हैं?
जवाब: यह पूरी सोची-समझी बीजेपी की साजिश थी मैं तो बीच बाजार में था जहां पर भगोरिया का हाट लगता है, हजारों लोग वहां पर उपस्थित थे यहां तक भी 200 पुलिस वाले वहां पर मौजूद थे, तो किसी की मजाल नहीं है कि कोई पत्थर भी फेंक दे. जिसने पत्थर फेंका, जिसने हमला करने की कोशिश की, उसको पकड़ कर हम पुलिस के सुपुर्द करने गए थे तो पुलिस ने हम पर ही अपहरण का मुकदमा लगा दिया. इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि दोनों पक्ष एक मत नहीं है, जिस पक्ष का बीजेपी ने फायदा उठाया, उनकी एफआईआर हम से पहले दर्ज कर ली गई. हम पर पत्थर फेंके गए, हम पर हमला हुआ और एफआईआर सामने वाले पक्ष की पहले नोट कर ली गई. हमारी एफआईआर के लिए पहले हम उदयगढ़ गए, उदयगढ़ में जीरो पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई, उसके बाद वापस जोबट आए. जोबट में 10:00 बजे तक धरना दिया, तब जाकर हमारी एफआईआर दर्ज हुई. यह सीधे-सीधे बीजेपी की साजिश है, बीजेपी के लोगों के फोन आए बड़े-बड़े नेता और मंत्रियों के फोन आए और हम लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई. यह साफ है कि बीजेपी चाहती थी कि किसी भी तरह से हम को जेल में बंद करें. मैं बोलना चाहूंगा कि हम डरने वाले नहीं हैं, सत्य की लड़ाई है और आखिरी तक लड़ेंगे चाहे उसके लिए जेल भी क्यों ना जाना पड़े.
सवाल: प्रदेश में आदिवासियों की पॉलिटिक्स हो रही है, बीजेपी भी लगातार काम कर रही है तो कांग्रेस और यूथ कांग्रेस की इस में क्या भूमिका रहेगी?
जवाब: सबसे बड़े दो उदाहरण है. एक है रायसेन की सिलवानी का उदाहरण और दूसरा भैंसदेही का उदाहरण. सिलवानी रायसेन में इतना बड़ा कांड हो गया सरकार देखती रह गई, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आदिवासी को मुस्लिम समाज से लड़ाने का यह पूरा संयंत्र रचा गया? जिस गांव की हम बात कर रहे हैं उस गांव में सालों से मुस्लिम और आदिवासी भाई मिलकर रहते हैं. सबसे बड़ी बात जब होली के समय विवाद हुआ था, तब डायल 100 से पुलिस को भी बुलाया गया था, विवाद खत्म हो गया था पर कुछ लोग थे जिन्होंने आसपास के गांव के 10-15 लोगों को फोन करके बुलाया था. पुलिस ने ही आज तक पता नहीं किया कि किन लोगों ने फोन किए थे और काल ट्रेस होना चाहिए. सबसे बड़ी बात रात तक जब लोग वहां इकट्ठा हो गए तो फिर बल बढाने का प्रयास क्यों नहीं किया, पुलिस बल बहुत था वहां पुलिस बल नहीं होता तो 10 पुलिस वालों को चोट कैसी लगती. आज पुलिस की दशा ये ही हो गई है कि बीजेपी सरकार के दबाव में पुलिस जिन लोगों ने पुलिस पर हमला किया उन पर भी एफआईआर नहीं हो पाई है, अपने आप में ही बहुत बड़ी विडंबना है ऐसा कैसे होता है कि सबसे पहले गांव की लाइट चली जाती है, उसके बाद गोली चलती है. यह अपने आप में बताता है कि यह सब सुनियोजित था. आग दुकान को लगाए गई वह न तो आदिवासी था और गोली मारने वाला भी उस गांव का नहीं था, यह सब बाहर के लोगों ने आकर षड्यंत्र रचा है. दंगों से और लड़ाई से सबसे ज्यादा फायदा किसका होता है आप खुद समझ सकते हैं. मुख्यमंत्री घड़ियाली आंसू बहाएंगे, उनके स्टंट के चक्कर में हमारे दो आदिवासी भाइयों की जान चली गई. आज तक उनके परिवार को ना तो मुआवजा मिला है, न पेंशन मिली है और ना नौकरी मिली. मध्यप्रदेश में आदिवासियों की हितेषी केवल कांग्रेस पार्टी है.