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राहत के नाम पर मिल रहा गेहूं, लॉकडाउन में बड़ी समस्या- आखिर कहां पिसाएं

प्रदेश में मजदूरों को दिए जा रहे राशन के बाद अब एक नई समस्या खड़ी हो गई है, मजदूरों का कहना है कि उन्हें राशन में जो गेहूं मिला है उसे पिसाने का इंतजाम नहीं हो रहा है, ऐसे में वह इस गेहूं का करे भी तो किया.

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Published : Apr 3, 2020, 10:04 AM IST

bhopal news
मजदूर हो रहे परेशान

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मुश्किल वक्त में मजदूरों को राशन की व्यवस्था हो रही है, लेकिन गेहूं पिसाने तक इंतजाम नहीं हो पा रहा है, जिससे अब इन मजदूरों के साथ नई परेशानी खड़ी हो गई. भोपाल में कई मजदूरों की ये समस्या है कि उन्हें राशन मिला है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

गरीबों को मिला गेहूं लेकिन पिसाएं कहां ?

सरकार ने गरीब तबके से वादा किया है कि वो राशन कार्ड के बगैर भी गरीब को राशन देगा. ये राशन गरीबों को मिल भी रहा है. लेकिन गरीब मजदूरों के लिए सबसे बड़ी परेशानी ये बन गई है कि जो गेहूं उन्हें राशन में मिला है उसे पिसाया कहां जाए. इन गरीब मजदूरों को शासन की तरफ से चावल, गेहूं और नमक मिल रहा है लेकिन लॉक डाउन के चलते पूरा शहर बंद है सिर्फ जरूरत की दुकानों को खोलने की इजाजत है.

मजदूरों का कहना है कि गेहूं तो मिल गया लेकिन इसे पिसाएं कहां, जिससे वो आटा बन सके. इसी से मजदूर वर्ग परेशान है और उसे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर सरकार की तरफ से जो गेहूं दिया गया है उसका वो करें तो क्या. ऐसे में अब मजदूरों के सामने यह बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो गई है.

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मुश्किल वक्त में मजदूरों को राशन की व्यवस्था हो रही है, लेकिन गेहूं पिसाने तक इंतजाम नहीं हो पा रहा है, जिससे अब इन मजदूरों के साथ नई परेशानी खड़ी हो गई. भोपाल में कई मजदूरों की ये समस्या है कि उन्हें राशन मिला है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

गरीबों को मिला गेहूं लेकिन पिसाएं कहां ?

सरकार ने गरीब तबके से वादा किया है कि वो राशन कार्ड के बगैर भी गरीब को राशन देगा. ये राशन गरीबों को मिल भी रहा है. लेकिन गरीब मजदूरों के लिए सबसे बड़ी परेशानी ये बन गई है कि जो गेहूं उन्हें राशन में मिला है उसे पिसाया कहां जाए. इन गरीब मजदूरों को शासन की तरफ से चावल, गेहूं और नमक मिल रहा है लेकिन लॉक डाउन के चलते पूरा शहर बंद है सिर्फ जरूरत की दुकानों को खोलने की इजाजत है.

मजदूरों का कहना है कि गेहूं तो मिल गया लेकिन इसे पिसाएं कहां, जिससे वो आटा बन सके. इसी से मजदूर वर्ग परेशान है और उसे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर सरकार की तरफ से जो गेहूं दिया गया है उसका वो करें तो क्या. ऐसे में अब मजदूरों के सामने यह बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो गई है.

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