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शिवराज के करीबियों से सिंधिया की मुलाकात, क्या 'राज' है महाराज , पढ़ें पूरा राजनीतिक विश्लेषण

केंद्रीय मंत्री व मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बीते दो-तीन माह से अचानक बढ़ी सक्रियता से सूबे में सियासत का पारा गरम है. सिंधिया की बढ़ती गतिविधियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही इस कुर्सी पर नजर गड़ाए बैठे दिग्गज नेताओं के कान खड़े हो गए है. तो क्या सिंधिया के कदम मुख्यमंत्री की कुर्सी की ओर बढ़ रहे हैं. क्या सिंधिया होंगे मध्यप्रदेश के अगले सीएम ? इसी मुद्दे पर पेश है ये रिपोर्ट ...

scindia vs shivraj
क्या मुख्यमंत्री बनेंगे सिंधिया
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Published : Mar 12, 2022, 7:01 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 7:23 PM IST

भोपाल। आमतौर पर दिल्ली में रहकर सियासत के तीर साधने वाले केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मध्यप्रदेश में बढ़ती सक्रियता को लेकर बीजेपी में चर्चाओं का दौर गर्म है. बीते दो-तीन महीने से सिंधिया भोपाल के साथ ही प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों में जाकर कार्यक्रमों में जोरशोर से भाग ले रहे हैं. बीजेपी के बड़े से लेकर छोटे नेताओं से बड़ी आत्मयीता से मिल रहे हैं. इससे पहले तक सिंधिया का ऐसा स्वाभाव नहीं देखा गया. उनकी ऐसी सक्रियता देखने को नहीं मिली. इसलिए सियासत के गलियारों में ये चर्चा आम हो गई है कि मध्यप्रदेश में जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिंधिया को मुख्य चेहरा बनाएगी. अगर बीजेपी के केंद्रीय आलाकमान ने ये सोच लिया है तो जल्द ही सिंधिया मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दिख सकते हैं.

भाजपा में लगातार बढ़ रहा है सिंधिया का कद

करीब 20 दिन पहले ग्वालियर में जैन मुनि विहर्ष सागर महाराज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के जल्द ही मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी. इसके बाद सिंधिया समर्थकों में उल्लास छा गया था. ध्यान देने की बात यह है कि बीजेपी में सिंधिया के 2 साल में 4 प्रमोशन हो चुके हैं. जिस तरह से सिंधिया का बीजेपी में कद बढ़ रहा है, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी सरकार में कोई बड़ा बदलाव करेगी, लेकिन जानकार अपने अनुभव के आधार पर कहते हैं कि यह राज्य बीजेपी ही नहीं, संघ की नर्सरी भी रहा है. ऐसे में इतने बड़े फेरबदल के संकेत फिलहाल तो दिखाई नहीं दे रहे .

अपने समर्थकों को सरकार के अलावा संगठन में फिट किया

आमतौर पर बीजेपी में जो लोग संघ से नहीं होते हैं, उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिलता है, लेकिन मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्राफ बीजेपी में लगातार बढ़ता जा रहा है. इस वक्त शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक 19 विधायकों में से 11 मंत्री हैं. सिंधिया की ताकत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि उनके साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले 6 नेताओं को निगम-मंडल की कमान मिली है. इनमें विधानसभा उपचुनाव हारने वाले भी शामिल हैं.

UP Election 2022: CM शिवराज ने 18 सीटों पर किया प्रचार, बीजेपी सिर्फ 8 में जीती, मप्र की सियासत पर क्या पड़ेगा असर ... पढ़ें पूरा विश्लेषण

दिग्गज नेताओं को साध रहे, छोटे नेताओं को भी भरपूर तवज्जो

दो साल पहले भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ अपने संबंध मजबूत कर लिए हैं. केंद्रीय स्तर पर दिल्ली में वह पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को भरोसे में ले चुके हैं तो वहीं मध्यप्रदेश में भी वह सभी नेताओं से बार-बार मिल रहे हैं. भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भोपाल आए थे तो उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर भोजन किया था. इसके बाद भी वह भोपाल आकर सीएम शिवराज से अक्सर मिलते हैं. इसके साथ ही वह प्रदेश के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, सुमित्रा महाजन, वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर सहित सभी से लगातार मुलाकातें कर रहे हैं.

विधानसभा चुनाव अगले साल, तभी असली परीक्षा

अभी तो सारी चीजें सिंधिया के अनुसार ही चल रही है. असली पहचान तब होगी, जब अगले साल एमपी में विधानसभा चुनाव होंगे. उस समय पता चलेगा कि इनको कितना वजन बीजेपी देती है. साथ ही उस चुनाव के परिणाम पर भी ध्यान देना होगा. अभी तो सिंधिया समर्थक उपचुनाव में जीत गए, लेकिन अगले चुनाव में यह देखना होगा कि क्या सिधिंया अपने समर्थकों को जितनी टिकट कांग्रेस में रहते दिलाते थे, उतनी आगे दिला पाएंगे ?

एविशन सेक्टर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नया प्लान, बढ़ाई जाएगी एयर कनेक्टिविटी

बीजेपी के इन दिग्गज नेताओं को हो सकता है खतरा

सिंधिया के बढ़ते कद से एमपी बीजेपी के नेताओं को भी खतरा हो सकता है. सिंधिया बीजेपी में आने के बाद पहली पंक्ति के नेताओं में शुमार हैं. इस पंक्ति में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा और डॉ. नरोत्तम मिश्रा जैसे दिग्गज हैं. सिंधिया का जिस तरह प्रभाव बढ़ता जा रहा है, इससे आने वाले दिनों में इन नेताओं के लिए खतरा हो सकता है. ग्वालियर चंबल इलाके में अब हर तैनाती सिंधिया के हिसाब से ही होती है.

संघ और सिंधिया का कनेक्शन

सिंधिया की दादी विजयाराजे सिंधिया जनसंघ से रहीं, उनका भी सपना था कि सिंधिया घराने का सदस्य बीजेपी में रहे. सिंधिया बीजेपी के लिए भीड़ जुटाने वाले नेता साबित हो रहे हैं और युवाओं का आकर्षण सिंधिया की तरफ है. संघ से सिंधिया की करीबियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. सिंधिया भी संघ के दरबार में माथा टेकने नागपुर मुख्यालय जा चुके हैं. भोपाल दौरे के दौरान भी सिंधिया संघ के नेताओं से मुलाकात करते रहे है. युवाओं के दम पर 2023 में MP फतह करेगी BJP, उम्रदराज नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट

सिंधिया ने ग्वालियर में लगाई झाड़ू, उठाया कचरा

ग्वालियर में शनिवार को अजीब नजारा देखने को मिला. सिंधिया राजघराने से पहली बार किसी ने सड़क पर झाड़ू लगाई. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार सुबह एक गली में साफ-सफाई की. उन्होंने सफाईकर्मी के पैर भी छुए. झाड़ू लगाने से पहले सिंधिया ने महाराज बाड़े पर तीन सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया. स्वच्छता अभियान की रैली को हरी झंडी दिखाई. इससे पहले उन्होंने इंदौर के स्वच्छता मॉडल को समझने के लिए ग्वालियर नगर निगम की टीम को भी वहां भेजा था, लेकिन यह उतना कारगर साबित नहीं हुआ, जितनी सिंधिया को उम्मीद थी।

बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव से बढ़ाईं नजदीकियां

एक दिन पहले शिवराज सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव के गृहनगर गढाकोटा में सिंधिया पहुंचे. कार्यक्रम में संबोधन के दौरान भार्गव का गला भर आया. वे भावुक हो गए और उन्होंने अपनी बात खत्म कर दी. भार्गव को भावुक देख केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहारा बने. उन्होंने मंच से कहा- आपका साथ मैं और जनता मिलकर अंतिम सांस तक देने को तैयार रहेंगे. गोपाल जी आपके साथ ज्योतिरादित्य खड़ा है. गौरतलब है कि गोपाल भार्गव बड़े नेता हैं और लगातार मंत्री पद पर हैं.

भोपाल। आमतौर पर दिल्ली में रहकर सियासत के तीर साधने वाले केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मध्यप्रदेश में बढ़ती सक्रियता को लेकर बीजेपी में चर्चाओं का दौर गर्म है. बीते दो-तीन महीने से सिंधिया भोपाल के साथ ही प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों में जाकर कार्यक्रमों में जोरशोर से भाग ले रहे हैं. बीजेपी के बड़े से लेकर छोटे नेताओं से बड़ी आत्मयीता से मिल रहे हैं. इससे पहले तक सिंधिया का ऐसा स्वाभाव नहीं देखा गया. उनकी ऐसी सक्रियता देखने को नहीं मिली. इसलिए सियासत के गलियारों में ये चर्चा आम हो गई है कि मध्यप्रदेश में जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिंधिया को मुख्य चेहरा बनाएगी. अगर बीजेपी के केंद्रीय आलाकमान ने ये सोच लिया है तो जल्द ही सिंधिया मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दिख सकते हैं.

भाजपा में लगातार बढ़ रहा है सिंधिया का कद

करीब 20 दिन पहले ग्वालियर में जैन मुनि विहर्ष सागर महाराज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के जल्द ही मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी. इसके बाद सिंधिया समर्थकों में उल्लास छा गया था. ध्यान देने की बात यह है कि बीजेपी में सिंधिया के 2 साल में 4 प्रमोशन हो चुके हैं. जिस तरह से सिंधिया का बीजेपी में कद बढ़ रहा है, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी सरकार में कोई बड़ा बदलाव करेगी, लेकिन जानकार अपने अनुभव के आधार पर कहते हैं कि यह राज्य बीजेपी ही नहीं, संघ की नर्सरी भी रहा है. ऐसे में इतने बड़े फेरबदल के संकेत फिलहाल तो दिखाई नहीं दे रहे .

अपने समर्थकों को सरकार के अलावा संगठन में फिट किया

आमतौर पर बीजेपी में जो लोग संघ से नहीं होते हैं, उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिलता है, लेकिन मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्राफ बीजेपी में लगातार बढ़ता जा रहा है. इस वक्त शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक 19 विधायकों में से 11 मंत्री हैं. सिंधिया की ताकत का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि उनके साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले 6 नेताओं को निगम-मंडल की कमान मिली है. इनमें विधानसभा उपचुनाव हारने वाले भी शामिल हैं.

UP Election 2022: CM शिवराज ने 18 सीटों पर किया प्रचार, बीजेपी सिर्फ 8 में जीती, मप्र की सियासत पर क्या पड़ेगा असर ... पढ़ें पूरा विश्लेषण

दिग्गज नेताओं को साध रहे, छोटे नेताओं को भी भरपूर तवज्जो

दो साल पहले भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ अपने संबंध मजबूत कर लिए हैं. केंद्रीय स्तर पर दिल्ली में वह पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को भरोसे में ले चुके हैं तो वहीं मध्यप्रदेश में भी वह सभी नेताओं से बार-बार मिल रहे हैं. भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भोपाल आए थे तो उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर भोजन किया था. इसके बाद भी वह भोपाल आकर सीएम शिवराज से अक्सर मिलते हैं. इसके साथ ही वह प्रदेश के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, सुमित्रा महाजन, वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर सहित सभी से लगातार मुलाकातें कर रहे हैं.

विधानसभा चुनाव अगले साल, तभी असली परीक्षा

अभी तो सारी चीजें सिंधिया के अनुसार ही चल रही है. असली पहचान तब होगी, जब अगले साल एमपी में विधानसभा चुनाव होंगे. उस समय पता चलेगा कि इनको कितना वजन बीजेपी देती है. साथ ही उस चुनाव के परिणाम पर भी ध्यान देना होगा. अभी तो सिंधिया समर्थक उपचुनाव में जीत गए, लेकिन अगले चुनाव में यह देखना होगा कि क्या सिधिंया अपने समर्थकों को जितनी टिकट कांग्रेस में रहते दिलाते थे, उतनी आगे दिला पाएंगे ?

एविशन सेक्टर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नया प्लान, बढ़ाई जाएगी एयर कनेक्टिविटी

बीजेपी के इन दिग्गज नेताओं को हो सकता है खतरा

सिंधिया के बढ़ते कद से एमपी बीजेपी के नेताओं को भी खतरा हो सकता है. सिंधिया बीजेपी में आने के बाद पहली पंक्ति के नेताओं में शुमार हैं. इस पंक्ति में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, वीडी शर्मा और डॉ. नरोत्तम मिश्रा जैसे दिग्गज हैं. सिंधिया का जिस तरह प्रभाव बढ़ता जा रहा है, इससे आने वाले दिनों में इन नेताओं के लिए खतरा हो सकता है. ग्वालियर चंबल इलाके में अब हर तैनाती सिंधिया के हिसाब से ही होती है.

संघ और सिंधिया का कनेक्शन

सिंधिया की दादी विजयाराजे सिंधिया जनसंघ से रहीं, उनका भी सपना था कि सिंधिया घराने का सदस्य बीजेपी में रहे. सिंधिया बीजेपी के लिए भीड़ जुटाने वाले नेता साबित हो रहे हैं और युवाओं का आकर्षण सिंधिया की तरफ है. संघ से सिंधिया की करीबियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. सिंधिया भी संघ के दरबार में माथा टेकने नागपुर मुख्यालय जा चुके हैं. भोपाल दौरे के दौरान भी सिंधिया संघ के नेताओं से मुलाकात करते रहे है. युवाओं के दम पर 2023 में MP फतह करेगी BJP, उम्रदराज नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट

सिंधिया ने ग्वालियर में लगाई झाड़ू, उठाया कचरा

ग्वालियर में शनिवार को अजीब नजारा देखने को मिला. सिंधिया राजघराने से पहली बार किसी ने सड़क पर झाड़ू लगाई. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार सुबह एक गली में साफ-सफाई की. उन्होंने सफाईकर्मी के पैर भी छुए. झाड़ू लगाने से पहले सिंधिया ने महाराज बाड़े पर तीन सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया. स्वच्छता अभियान की रैली को हरी झंडी दिखाई. इससे पहले उन्होंने इंदौर के स्वच्छता मॉडल को समझने के लिए ग्वालियर नगर निगम की टीम को भी वहां भेजा था, लेकिन यह उतना कारगर साबित नहीं हुआ, जितनी सिंधिया को उम्मीद थी।

बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव से बढ़ाईं नजदीकियां

एक दिन पहले शिवराज सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव के गृहनगर गढाकोटा में सिंधिया पहुंचे. कार्यक्रम में संबोधन के दौरान भार्गव का गला भर आया. वे भावुक हो गए और उन्होंने अपनी बात खत्म कर दी. भार्गव को भावुक देख केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहारा बने. उन्होंने मंच से कहा- आपका साथ मैं और जनता मिलकर अंतिम सांस तक देने को तैयार रहेंगे. गोपाल जी आपके साथ ज्योतिरादित्य खड़ा है. गौरतलब है कि गोपाल भार्गव बड़े नेता हैं और लगातार मंत्री पद पर हैं.

Last Updated : Mar 12, 2022, 7:23 PM IST
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