ETV Bharat / city

Bhopal Janta Quarters बारिश के बीच गरीब होंगे बेघर, जनता क्वार्टर 30 अगस्त तक खाली करने के अल्टीमेटम से हड़कंप

एक तरफ केंद्र की मोदी और प्रदेश की शिवराज सरकार दावे और वादे कर रही है कि हर परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन भोपाल में इसके उलट होने जा रहा है. दरअसल, राजधानी भोपाल के ऐशबाग हॉकी स्टेडियम के पास स्थित जनता क्वार्टर लंबे समय से जर्जर हालत में हैं. इन आवासों को हर साल मानसून में खाली कराने का नोटिस जारी किया जाता है. लेकिन इस साल नगर निगम द्वारा नोटिस जारी करने के अलावा 30 अगस्त तक मकानों को खाली करने का अनाउंसमेंट करा दिया गया है. इससे यहां रहने वालों में हड़कंप है. Ultimatum vacate janta quarters, Janta quarters shabby Bhopal, Poor homeless amid rain, Demand home to CM

Bhopal Janta Quarters
भोपाल जनता क्वार्टर खाली करने अल्टीमेटम
author img

By

Published : Aug 26, 2022, 7:42 PM IST

भोपाल। नगर निगम ने अनाउंसमेंट में स्पष्ट कहा गया है कि पुलिस प्रशासन और अतिक्रमण शाखा को साथ लेकर 30 अगस्त को ये मकान तोड़ दिए जाएंगे. इससे पहले वहां रहने वाले लोग इन मकानों को खाली करना सुनिश्चित करें अन्यथा सारी जिम्मेदारी यहां रहने वाले लोगों की होगी. ऐसे में यहां रह रहे परिवारों के सामने अब एक नया संकट खड़ा हो गया है कि वह इन हालातों में कहां जाएं. यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि पहले नोटिस कभी-कभी चस्पा किए जाते थे. परंतु 2016 के बाद नगर निगम लगातार हर बारिश में नोटिस भेजती है. इसमें लिखा होता था कि 3 दिन के अंदर या निगम की दी गई सीमा के अंदर मकान में मेंटेनेंस का काम करवा लिया जाए. लेकिन बारिश के बाद बाकी के 9 महीने कोई भी कार्रवाई नहीं होती और न ही रहवासियों की सुध लेने कोई आता है.

भोपाल जनता क्वार्टर खाली करने अल्टीमेटम

टैक्स वसूलते हैं, सुविधाएं नहीं देते : यहां साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं का क्या हाल बेहाल है. स्ट्रीट लाइट हैं लेकिन काम नहीं करती हैं. इसको लेकर कुछ नहीं किया जाता वो भी तब, जब जलकर, प्रॉपर्टी टैक्स के नाम पर अच्छा खासा टैक्स वसूला जाता है. यहां रहने वाले बताते हैं कि मकान का कुल टैक्स लगभग 250 रुपए है, लेकिन वसूले जाते हैं 2000 हजार रुपए. फिर भी यहां रह रहे लोगों को मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा गया है. नगर निगम पिछले कई सालों से डराने वाले नोटिस देता है. बारिश के पूर्व यहां के रहवासियों को नोटिस जारी किया जाता है ताकि यदि भविष्य में अगर कोई हादसा हो तो नोटिस दिखाकर पल्ला झाड़ लिया जाए.

लोगों की मांग- घर के बदले घर मिले : नियमतः निगम को नोटिस के बाद ऐसे भवन तोड़ने चाहिए लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसा हुआ नहीं. शहर में जर्जर मकानों की स्थिति देखना और उन्हें नोटिस जारी करके तोड़ने की जिम्मेदारी निगम की भवन अनुज्ञा शाखा और सिविल शाखा की है. लेकिन यहां पर शाखा कुछ कर नहीं रही है. इतना जरूर है कि भयप्रद मकान बताकर नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर दी जाती है. जनता क्वार्टर वासियों की मांग है कि घर के बदले में घर दें. उसके बाद ही हम यहां से हटेंगे.

पहले हमारा विस्थापन किया जाए : जनता क्वार्टर के रहवासियों ने कहा है कि हमारी मांग है कि पहले हमें यहां से किसी दूसरी जगह पर विस्थापित किया जाए. वह हमें इस बात के सबूत दिए जाएं कि हमें इन मकानों से निकालने के बाद जहां भी रखा जाएगा, वह जगह हमारी होगी या हमें यहीं पर मकान बनाकर दिया जाए. यदि ऐसा कोई लिखित सबूत सरकार नहीं देती है तो सरकार को मकान तोड़ने की कार्रवाई यहां के रहवासी नहीं करने देंगे. उनका कहना है कि हम गरीब लोग हैं और मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

PM Awas Yojana: गलत लाभ उठा रहे हितग्राही, कई ने दिए किराए से मकान, तो कई के नाम 5 से अधिक घर

मंत्री विश्वास सारंग दे चुके हैं न तोड़ने का आश्वासन : यहां रहने वाले अजहर ने बताया कि चुनाव के समय जब क्षेत्रीय विधायक यहां आए थे तो उन्होंने कहा था कि यहां की समस्याओं का निदान किया जाएगा और इन मकानों को तोड़ने नहीं दिया जाएगा परंतु आज अचानक निगम द्वारा 30 अगस्त को मकान तोड़ने के नोटिस से लोग काफी आक्रोशित हैं. उनका कहना है स्वयं प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी को मकान देने की बात कही है तो ऐसे में अब 2022 चल रहा है. हमें यहीं पर हमारे मकान बनाकर दिए जाएं. Ultimatum vacate janta quarters, Janta quarters shabby Bhopal, Poor homeless amid rain, Demand home to CM

भोपाल। नगर निगम ने अनाउंसमेंट में स्पष्ट कहा गया है कि पुलिस प्रशासन और अतिक्रमण शाखा को साथ लेकर 30 अगस्त को ये मकान तोड़ दिए जाएंगे. इससे पहले वहां रहने वाले लोग इन मकानों को खाली करना सुनिश्चित करें अन्यथा सारी जिम्मेदारी यहां रहने वाले लोगों की होगी. ऐसे में यहां रह रहे परिवारों के सामने अब एक नया संकट खड़ा हो गया है कि वह इन हालातों में कहां जाएं. यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि पहले नोटिस कभी-कभी चस्पा किए जाते थे. परंतु 2016 के बाद नगर निगम लगातार हर बारिश में नोटिस भेजती है. इसमें लिखा होता था कि 3 दिन के अंदर या निगम की दी गई सीमा के अंदर मकान में मेंटेनेंस का काम करवा लिया जाए. लेकिन बारिश के बाद बाकी के 9 महीने कोई भी कार्रवाई नहीं होती और न ही रहवासियों की सुध लेने कोई आता है.

भोपाल जनता क्वार्टर खाली करने अल्टीमेटम

टैक्स वसूलते हैं, सुविधाएं नहीं देते : यहां साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं का क्या हाल बेहाल है. स्ट्रीट लाइट हैं लेकिन काम नहीं करती हैं. इसको लेकर कुछ नहीं किया जाता वो भी तब, जब जलकर, प्रॉपर्टी टैक्स के नाम पर अच्छा खासा टैक्स वसूला जाता है. यहां रहने वाले बताते हैं कि मकान का कुल टैक्स लगभग 250 रुपए है, लेकिन वसूले जाते हैं 2000 हजार रुपए. फिर भी यहां रह रहे लोगों को मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रखा गया है. नगर निगम पिछले कई सालों से डराने वाले नोटिस देता है. बारिश के पूर्व यहां के रहवासियों को नोटिस जारी किया जाता है ताकि यदि भविष्य में अगर कोई हादसा हो तो नोटिस दिखाकर पल्ला झाड़ लिया जाए.

लोगों की मांग- घर के बदले घर मिले : नियमतः निगम को नोटिस के बाद ऐसे भवन तोड़ने चाहिए लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसा हुआ नहीं. शहर में जर्जर मकानों की स्थिति देखना और उन्हें नोटिस जारी करके तोड़ने की जिम्मेदारी निगम की भवन अनुज्ञा शाखा और सिविल शाखा की है. लेकिन यहां पर शाखा कुछ कर नहीं रही है. इतना जरूर है कि भयप्रद मकान बताकर नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर दी जाती है. जनता क्वार्टर वासियों की मांग है कि घर के बदले में घर दें. उसके बाद ही हम यहां से हटेंगे.

पहले हमारा विस्थापन किया जाए : जनता क्वार्टर के रहवासियों ने कहा है कि हमारी मांग है कि पहले हमें यहां से किसी दूसरी जगह पर विस्थापित किया जाए. वह हमें इस बात के सबूत दिए जाएं कि हमें इन मकानों से निकालने के बाद जहां भी रखा जाएगा, वह जगह हमारी होगी या हमें यहीं पर मकान बनाकर दिया जाए. यदि ऐसा कोई लिखित सबूत सरकार नहीं देती है तो सरकार को मकान तोड़ने की कार्रवाई यहां के रहवासी नहीं करने देंगे. उनका कहना है कि हम गरीब लोग हैं और मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं.

PM Awas Yojana: गलत लाभ उठा रहे हितग्राही, कई ने दिए किराए से मकान, तो कई के नाम 5 से अधिक घर

मंत्री विश्वास सारंग दे चुके हैं न तोड़ने का आश्वासन : यहां रहने वाले अजहर ने बताया कि चुनाव के समय जब क्षेत्रीय विधायक यहां आए थे तो उन्होंने कहा था कि यहां की समस्याओं का निदान किया जाएगा और इन मकानों को तोड़ने नहीं दिया जाएगा परंतु आज अचानक निगम द्वारा 30 अगस्त को मकान तोड़ने के नोटिस से लोग काफी आक्रोशित हैं. उनका कहना है स्वयं प्रधानमंत्री ने 2022 तक सभी को मकान देने की बात कही है तो ऐसे में अब 2022 चल रहा है. हमें यहीं पर हमारे मकान बनाकर दिए जाएं. Ultimatum vacate janta quarters, Janta quarters shabby Bhopal, Poor homeless amid rain, Demand home to CM

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.