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क्या अब MP में घर बैठे मिलेगी शराब ?

शिवराज सरकार प्रदेश में ऑनलाइन शराब बिक्री को मंजूरी देने की तैयारी कर रही है. इसकी डिलीवरी भी सरकार ही कराएगी. जैसे ही इस तरह की खबरें आईं, कांग्रेस हमलावर हो गई है. पूर्व सीएम व पीसीचीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.

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Published : Jan 30, 2021, 8:36 PM IST

Updated : Jan 30, 2021, 8:53 PM IST

भोपाल। अब मध्य प्रदेश में भी ऑनलाइन शराब बिक्री की तैयारी की जा रही है. इसके लिए वाणिज्य कर विभाग ने एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज है. जैसे ही सचिवालय से प्रस्ताव पास होता है, इसे कैबिनेट में लाया जाएगा. इस खबर के बाहर आते ही सियासी भूचाल मच गया है. पूर्व सीएम कमलनाथ व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.

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'शिवराज सरकार में राशन भले ना मिले शराब जरूर मिलेगी'

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि 'एक तरफ़ तो बातें कभी शराबबंदी की , कभी शराब की दुकानों को कम करने की , कभी शराब के खात्मे की लेकिन दूसरी तरफ काम निरंतर शराब के व्यवसाय को बढ़ाने का ? कभी शराब की दुकानें बढ़ाने का प्रस्ताव और अब होम डिलेवरी की तैयारी ?

'मैं तो शुरू से कहता हूं कि शिवराज सरकार में लोगों को घर-घर राशन भले ना मिले लेकिन शराब ज़रूर मिलती है. शराब प्रेमी शिवराज सरकार में कोरोना महामारी में भी भले धार्मिक स्थल बंद रहे, व्यापार- व्यवसाय बंद रहे, शादी के आयोजन नहीं हुए, कर्फ़्यू रहा लेकिन शराब की दुकानें देर रात तक निर्बाध रूप से चालू रहीं.'

आखिरी फैसला सीएम शिवराज के हाथ में

सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री पर विचार कर रही है. ऐसा प्रदेश में शराब का अवैध कारोबार रोकने और रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. हालांकि, इस प्रस्ताव पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही लेना है.

क्या तर्क है ऑनलाइन शराब बिक्री का ?

इस फैसले का मुख्य उद्देश्य सरकार की आय को बढ़ाना और राज्य में शराब के अवैध कारोबार को रोकाना है. इसलिए सरकार आबकारी नीति में कई बड़े बदलाव करने पर भी विचार कर रही है. बता दें एमपी में दूसरे राज्यों की तुलना में शराब महंगी बिकती है. इसकी वजह से प्रदेश से सटे राज्यों से शराब की बड़े स्तर पर तस्करी होती है. जिस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ये फैसला ले सकती है.

ऑनलाइन शराब की बिक्री पर क्या कहता है कानून ?

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार शराब की बिक्री से जुड़े कानून राज्य सरकार बना सकती है. हर राज्य सरकार अपने हिसाब से अलग-अलग नियम बना सकती है. अगर शराब पीने की उम्र की भी बात करें, तो वो भी हर राज्य में अलग-अलग है. जैसे दिल्ली में 25 साल, गोवा, कर्नाटक में 18 साल तो केरल में 23 साल है. यानी एमपी में ऑनलाइन शराब बिक्री का आखिरी फैसला शिवराज सरकार का है. सरकार चाहे तो शराब की बिक्री ऑनलाइन कर सकती है.

क्या इससे पहले किसी राज्य ने ऑनलाइन शराब बेची है ?

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के ग्रीन जोन में शराब की होम डिलिवरी के लिए एक वेब पोर्टल लॉन्च किया था. जिससे कोई भी ऑनलाइन शराब खरीद सकता था. उस समय सरकार का मकसद कोरोना वायरस महामारी में लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों पर भीड़-भाड़ को कम करना था. बाद में यहां भी ऑनलाइन शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी.

भोपाल। अब मध्य प्रदेश में भी ऑनलाइन शराब बिक्री की तैयारी की जा रही है. इसके लिए वाणिज्य कर विभाग ने एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज है. जैसे ही सचिवालय से प्रस्ताव पास होता है, इसे कैबिनेट में लाया जाएगा. इस खबर के बाहर आते ही सियासी भूचाल मच गया है. पूर्व सीएम कमलनाथ व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.

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'शिवराज सरकार में राशन भले ना मिले शराब जरूर मिलेगी'

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि 'एक तरफ़ तो बातें कभी शराबबंदी की , कभी शराब की दुकानों को कम करने की , कभी शराब के खात्मे की लेकिन दूसरी तरफ काम निरंतर शराब के व्यवसाय को बढ़ाने का ? कभी शराब की दुकानें बढ़ाने का प्रस्ताव और अब होम डिलेवरी की तैयारी ?

'मैं तो शुरू से कहता हूं कि शिवराज सरकार में लोगों को घर-घर राशन भले ना मिले लेकिन शराब ज़रूर मिलती है. शराब प्रेमी शिवराज सरकार में कोरोना महामारी में भी भले धार्मिक स्थल बंद रहे, व्यापार- व्यवसाय बंद रहे, शादी के आयोजन नहीं हुए, कर्फ़्यू रहा लेकिन शराब की दुकानें देर रात तक निर्बाध रूप से चालू रहीं.'

आखिरी फैसला सीएम शिवराज के हाथ में

सूत्रों मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री पर विचार कर रही है. ऐसा प्रदेश में शराब का अवैध कारोबार रोकने और रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. हालांकि, इस प्रस्ताव पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही लेना है.

क्या तर्क है ऑनलाइन शराब बिक्री का ?

इस फैसले का मुख्य उद्देश्य सरकार की आय को बढ़ाना और राज्य में शराब के अवैध कारोबार को रोकाना है. इसलिए सरकार आबकारी नीति में कई बड़े बदलाव करने पर भी विचार कर रही है. बता दें एमपी में दूसरे राज्यों की तुलना में शराब महंगी बिकती है. इसकी वजह से प्रदेश से सटे राज्यों से शराब की बड़े स्तर पर तस्करी होती है. जिस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ये फैसला ले सकती है.

ऑनलाइन शराब की बिक्री पर क्या कहता है कानून ?

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार शराब की बिक्री से जुड़े कानून राज्य सरकार बना सकती है. हर राज्य सरकार अपने हिसाब से अलग-अलग नियम बना सकती है. अगर शराब पीने की उम्र की भी बात करें, तो वो भी हर राज्य में अलग-अलग है. जैसे दिल्ली में 25 साल, गोवा, कर्नाटक में 18 साल तो केरल में 23 साल है. यानी एमपी में ऑनलाइन शराब बिक्री का आखिरी फैसला शिवराज सरकार का है. सरकार चाहे तो शराब की बिक्री ऑनलाइन कर सकती है.

क्या इससे पहले किसी राज्य ने ऑनलाइन शराब बेची है ?

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के ग्रीन जोन में शराब की होम डिलिवरी के लिए एक वेब पोर्टल लॉन्च किया था. जिससे कोई भी ऑनलाइन शराब खरीद सकता था. उस समय सरकार का मकसद कोरोना वायरस महामारी में लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों पर भीड़-भाड़ को कम करना था. बाद में यहां भी ऑनलाइन शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी.

Last Updated : Jan 30, 2021, 8:53 PM IST
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