भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चर्चाओं का दौर चल रहा है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस पद पर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की जगह किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राकेश सिंह के बीच दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक भी हुई है.
कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है. प्रदेश बीजेपी में 900 मंडल अध्यक्षों के चुनाव हो चुके हैं, जबकि 33 जिलाध्यक्षों के नाम का भी ऐलान हो चुका है. ऐसे में अब प्रदेश अध्यक्ष पद के नाम पर भी चर्चा तेज हो चुकी है. प्रदेशाध्यक्ष के लिए कई दावेदार हैं, तो कई बड़े नेता अपने समर्थक को यह जिम्मेदारी दिलाना चाहते हैं, इसी के चलते पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
शिवराज और राकेश सिंह की बैठक से चर्चा तेज
शिवराज सिंह चौहान और राकेश सिंह के बीच दो घंटे से भी ज्यादा वक्त तक बैठक हुई. इन दोनों नेताओं की बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि दोनों नेता प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार हैं. कयास लगाए जा रहे है अगर दोनों नेताओं को यह पद नहीं मिलता है तो वे अपने किसी समर्थक को इस पद पर बैठा सकते हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राकेश सिंह और शिवराज सिंह दोनों प्रदेश में बीजेपी के बड़े नेता है ऐसे में वे ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष का पद दिलाना चाहेंगे जो उनके साथ रहे.
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल है दिग्गज नेता
प्रदेश बीजेपी के संगठन की बात करे तो राकेश सिंह और शिवराज सिंह चौहान के अलावा राज्यसभा सांसद प्रभात झा, बीडी शर्मा भी अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं. तो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, और भूपेंद्र सिंह के बीच भी जोर आजमाइश का दौर चल रहा है. जबकि पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का नाम भी तेजी से प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आ रहा है.
उलझ सकता है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे नेताओं की अपनी-अपनी पकड़ है. प्रभात झा और बीडी शर्मा जहां संगठन में काम के आधार पर इस पद के लिए दावेदारी जता रहे हैं, तो कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा को केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नजदीकी माना जाता है जिसके दम पर वे भी यह पद पाने की जुगाड़ में लगे हैं. इसी तरह पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग को शिवराज सिंह चौहान का समर्थन प्राप्त है. जिसके दम पर उनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है.
विधानसभा सत्र के बाद हो सकता है प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान
हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी विधानसभा सत्र के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नाम का ऐलान कर देगी. ऐसा इसलिए कि फिलहाल पार्टी को फोकस शीतकालीन सत्र में कमलनाथ सरकार घेरने की रणनीति पर है. विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे में इस पद के लिए अब विधानसभा सत्र के बाद ही नाम का ऐलान होने की चर्चा है.