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Anti- corruption day:  राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार, तो पुलिस और सहकारिता विभाग भी नहीं है पीछे

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Published : Dec 9, 2019, 3:27 PM IST

Anti- corruption day यानी कि भ्रष्टाचार निरोधी दिवस पर लोकायुक्त पुलिस ने जो रिपोर्ट पेश की है. उसमें हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. जिसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में हुआ है. तो सहकारिता और पंचायत विभाग दूसरे नंबर पर है. जबकि पुलिस विभाग तीसरे नंबर पर है.

Anti corruption day
एंटी करप्शन डे

भोपाल। 9 दिसंबर को हर साल एंटी करप्शन डे, यानी कि भ्रष्टाचार निरोधी दिवस मनाया जाता है. इस बीच लोकायुक्त पुलिस की एक रिपोर्ट ने सबके होश उड़ा दिए है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग में हुआ है. राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज की है. जबकि इस फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर पंचायत और सहकारिता और तीसरे नंबर पर तीसरे नंबर पर पुलिस विभाग है.

अजय दुबे, आरटीआई एक्टिविस्ट

इस साल भ्रष्टाचार के मामलों पर नज़र डाली जाए तो, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में हुआ है. युक्त पुलिस के पास सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्व विभाग के ही अधिकारियों और कर्मचारियों की पहुंची है. एफआईआर की बात की जाए तो, इसमें भी राजस्व विभाग ही अव्वल है. जबकि राजस्व सरकार का सबसे महत्वपूर्ण विभाग है. जिसमें जमीन से जुड़े कामकाज शामिल है. मध्यप्रदेश सरकार के विभागों पर पैनी नज़र रखने वाली लोकायुक्त पुलिस ने एक रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा किया है.

सबसे ज्यादा करप्शन वाले विभागों में दूसरे नंबर पर पंचायत एवं सहकारिता विभाग है. तो इस लिस्ट में पुलिस विभाग भी पीछे नहीं है. पुलिस विभाग के खिलाफ भी लोकायुक्त के पास सबसे ज्यादा शिकायतें पहुंची है. लोकायुक्त की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक 294 एफआईआर दर्ज हुई है.

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि, सरकारी विभागों को लेकर लोकायुक्त की रिपोर्ट काफी गंभीर है. क्योंकि यह सभी विभाग सीधे तौर पर जनता से जुड़े हुए हैं इसलिए इन विभागों में भ्रष्टाचार करते हुए पकड़े गए अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त सजा देनी चाहिए साथ ही सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है.

भोपाल। 9 दिसंबर को हर साल एंटी करप्शन डे, यानी कि भ्रष्टाचार निरोधी दिवस मनाया जाता है. इस बीच लोकायुक्त पुलिस की एक रिपोर्ट ने सबके होश उड़ा दिए है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग में हुआ है. राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज की है. जबकि इस फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर पंचायत और सहकारिता और तीसरे नंबर पर तीसरे नंबर पर पुलिस विभाग है.

अजय दुबे, आरटीआई एक्टिविस्ट

इस साल भ्रष्टाचार के मामलों पर नज़र डाली जाए तो, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में हुआ है. युक्त पुलिस के पास सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्व विभाग के ही अधिकारियों और कर्मचारियों की पहुंची है. एफआईआर की बात की जाए तो, इसमें भी राजस्व विभाग ही अव्वल है. जबकि राजस्व सरकार का सबसे महत्वपूर्ण विभाग है. जिसमें जमीन से जुड़े कामकाज शामिल है. मध्यप्रदेश सरकार के विभागों पर पैनी नज़र रखने वाली लोकायुक्त पुलिस ने एक रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा किया है.

सबसे ज्यादा करप्शन वाले विभागों में दूसरे नंबर पर पंचायत एवं सहकारिता विभाग है. तो इस लिस्ट में पुलिस विभाग भी पीछे नहीं है. पुलिस विभाग के खिलाफ भी लोकायुक्त के पास सबसे ज्यादा शिकायतें पहुंची है. लोकायुक्त की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक 294 एफआईआर दर्ज हुई है.

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि, सरकारी विभागों को लेकर लोकायुक्त की रिपोर्ट काफी गंभीर है. क्योंकि यह सभी विभाग सीधे तौर पर जनता से जुड़े हुए हैं इसलिए इन विभागों में भ्रष्टाचार करते हुए पकड़े गए अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त सजा देनी चाहिए साथ ही सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है.

Intro:भोपाल- 9 दिसंबर को हर साल एंटी करप्शन डे यानी कि, भ्रष्टाचार निरोधी दिवस मनाया जाता है। इस बीच लोकायुक्त पुलिस की एक रिपोर्ट ने सबके होश उड़ा कर रख दिए है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग में हुआ है। राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज की है। इस फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर पंचायत एवं सहकारिता विभाग और तीसरे नंबर पर पुलिस विभाग है।







Body:इस साल भ्रष्टाचार के मामलों पर नज़र डाली जाए तो सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में हुआ है। लोकायुक्त पुलिस के पास सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्व विभाग के ही अधिकारियों और कर्मचारियों की पहुंची है। शिकायतों के साथ साथ एफआईआर की बात की जाए तो इसमें भी राजस्व विभाग ही अव्वल है। जबकि राजस्व सरकार का सबसे महत्वपूर्ण विभाग है। जिसमें जमीन से जुड़े कामकाज शामिल है। मध्यप्रदेश सरकार के विभागों पर पैनी नज़र रखने वाली लोकायुक्त पुलिस ने एक रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा किया है। इतना ही नहीं सबसे ज्यादा करप्शन वाले विभागों में दूसरे नंबर पर पंचायत एवं सहकारिता विभाग है तो इस लिस्ट में पुलिस विभाग भी पीछे नहीं है। पुलिस विभाग के खिलाफ भी लोकायुक्त के पास सबसे ज्यादा शिकायतें पहुंची है। लोकायुक्त की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक 294 एफआईआर दर्ज हुई है।Conclusion:इधर आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि, सरकारी विभागों को लेकर लोकायुक्त की रिपोर्ट काफी गंभीर है क्योंकि यह सभी विभाग सीधे तौर पर जनता से जुड़े हुए हैं इसलिए इन विभागों में भ्रष्टाचार करते हुए पकड़े गए अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त सजा देनी चाहिए साथ ही सरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने की जरूरत है।

बाइट- अजय दुबे, आरटीआई एक्टिविस्ट।
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