भोपाल। एक तारीख से हुए अनलॉक के चलते सरकारी दफ्तरों में भी आवाजाही काफी देखी गई.. लेकिन 10:00 से 10:30 के समय के बावजूद यहां अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी 11 से 11:30 तक ही कार्यालय में पहुंचते नज़र आए. जो सिलसिला दोपहर तक जारी रहा. ईटीवी भारत में भी जाकर जब रियलिटी चेक किया तो कई अधिकारी देर से ही ऑफिस पहुंचे कर्मचारियों का कहना था कि उनके मन में भय तो है कोरोना का. लेकिन शासन के नियम का पालन करते हुए काम करना जरूरी है
ईटीवी भारत का रियलिटी चेक
मध्यप्रदेश में बाजार से लेकर तमाम सरकारी कार्यालय कुछ प्रतिबंधों के साथ अनलॉक किए गए हैं .मध्य प्रदेश में जहां बाजारों में आवाजाही नजर आई तो सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों का आवागमन जारी रहा ईटीवी भारत की टीम ने भी सरकारी कार्यालय पहुंचकर एक रियलिटी चेक किया. जिसके तहत टीम सुबह 10:00 बजे से 12:00 बजे तक ही कार्यालय के बाहर बैठी रही . ऐसे में हमने देखा कि कई अधिकारी तो 10:00 से 10:30 के बीच ऑफिस पहुंचना शुरू हो गए थे. लेकिन अधिकारियों के आने का सिलसिला 11:00 से 11:30 के बाद तक भी जारी रहा. ऐसे में जिन कर्मचारियों को सुबह 10:00 बजे ऑफिस पहुंचना था वह 11:30 के बाद ही पहुंच पाए. जब ईटीवी भारत ने इस मामले पर आने वाले कर्मचारियों से बात की तो उनका कहना था कf अभी कोरोना एकदम से कम हुआ है. ऐसे में धीरे धीरे यह कर्मचारी रूटीन में आ पाएंगे । लेकिन अभी भी इनके मन में डर है ।क्योंकि ऊपर ऑफिस के अंदर वही टेबल। वही कुर्सी और वही सामान है। जिसको भी इन्हें खुद सनराइज कर कर बैठने की आदत डालनी होगी.
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50 फीसदी की बजाय 25 फीसदी को बुलाते तो ठीक रहता
कुछ कर्मचारियों का कहना था कि धीरे-धीरे रूटीन में यह तमाम व्यवस्थाएं आ जाएंगी. लेकिन सरकार को 50% उपस्थिति के अलावा इस को कम करते हुए 25% कर्मचारियों को ही शुरुआती दौर में बुलाना चाहिए थ.। जिससे कि जो खतरा बचा है वह भी कम हो जाए. वही जब उनसे पूछा गया कि कई कर्मचारी और अधिकारी अभी भी लेट आ रहे हैं .तो इनका कहना था की अभी सभी लोग लगातार आने के रूटीन में नहीं ह.। क्योंकि 2 महीने से कई कर्मचारी आए नहीं है या 1 दिन 2 दिन छोड़कर आ रहे हैं ऐसे में थोड़े दिन में समय पर आने की आदत बन जाएगी..