भोपाल। केंद्र सरकार में मंत्री रहे मंडला से बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते एक बार फिर विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं. एक निजी टीवी चैनल द्वारा कुछ सांसदों के चुनाव खर्च पर किए गए स्टिंग ऑपरेशन में कुलस्ते ने कई बड़े खुलासे किए हैं.
खासतौर से चुनाव में होने वाले खर्च पर फग्गन सिंह कुलस्ते ने कबूला कि 2014 में लोकसभा चुनाव में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए थे और 2019 में भी करोड़ों रुपए खर्च करने की बात करते वे कैमरे में कैद हुए. बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा खर्च की सीमा 70 लाख रुपए तय की गई है. फग्गन सिंह कुलस्ते मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रह चुके हैं.
सांसद कुलस्ते ने दावा किया है कि पिछले चुनाव में 2014 में 10 करोड़ से अधिक रुपए खर्च किए थे, जिसमें 2 करोड़ से ज्यादा रैलियों पर, चुनाव-प्रचार के लिए गाड़ियों में और विरोधियों के वोट काटने के लिए उम्मीदवार खड़े करने में खर्च किए गए थे. कुलस्ते वही सांसद हैं जो 1999 में भाजपा की सरकार में मंत्री रहने के दौरान वोट फॉर नोट के तहत संसद के अंदर नोटों की गड्डियां लहराई थीं. इन्होंने 22 जुलाई 2008 को यूपीए सरकार के विश्वास मत के दौरान लोकसभा में नोटों के बंडल लहराए थे. इस मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था.
फग्गन सिंह कुलस्ते का विवादों से पुराना नाता
यही नहीं कुलस्ते का विवादों से पुराना नाता रहा है. 2017 में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को लेकर रिश्वत से जुड़े मामले में भी प्रधानमंत्री कार्यालय को उनके खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसके बाद सितंबर 2017 में पीएम मोदी ने कुलस्ते को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के पद से भी हटा दिया था.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताई साजिश
बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते के स्टिंग ऑपरेशन पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह जवाब देने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि मुझे अभी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. सत्यता जाने बगैर कुछ कहना सही नहीं होगा. हो सकता है कि लोकसभा चुनाव के चलते यह कांग्रेस की एक साजिश हो, जो भाजपा सांसदों की छवि धूमिल करने के लिए ऐसा हथकंडा अपना रही हो.