ETV Bharat / city

टाइगर पर 'MP' की सियासत गरम, बीजेपी-कांग्रेस में 'खिंची तलवारें' - सीएम कमलनाथ

मध्य प्रदेश ने एक बार फिर अपना खोया हुआ गौरव हासिल कल लिया है. देश भर में 526 बाघों के साथ मध्यप्रदेश देश का नंबर वन टाइगर स्टेट बन गया है. सूबे में बड़ी उपलब्धि पर जहां सूबे का मान बढ़ा है तो वहीं मामले में राजनीति भी शुरु हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी के बीजेपी सियासी तलवारें खिंच गई हैं.

एमपी में टाइगर पॉलिटिक्स
author img

By

Published : Jul 29, 2019, 9:31 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 5:34 PM IST

भोपाल। टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर कमलनाथ सरकार जहां अपनी पीठ थपथपा रही है. तो वहीं मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री पीएम मोदी पर निशाना साधने से भी बाज नहीं आ रहे. . टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि बाघ मध्यप्रदेश की आन-बान और शान हैं. वहीं इस बड़ी उपलब्धि से गदगद वन मंत्री उमंग सिंगार ने केंद्र सरकार पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा है कि क्या बाघों की गणना रिपोर्ट पेश करने वाले पीएम मोदी को यह बताना चाहिए कि वे गिर के शेरों की रक्षा कैसे करेंगे.

टाइगर पर 'MP' की सियासत

कांग्रेस के हमले पर बीजेपी ने पलटवार करने में थोड़ा भी देरी नहीं की. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हम दो पैरों वाले लोग है, चार पैरों पर चलना पसंद नहीं करते. टाइगर जिंदा है का नारा बुलंद करने वाले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को फिर से टाइगर स्टेट की उपलब्धि का दर्जा मिलने का श्रेय अपने कार्यकाल को दिया. शिवराज ने ट्वीट कर कहा कि हमारे कार्यकाल में बाघों का जो संरक्षण किया गया उसी के चलते यह उपलब्धि हासिल हुई है.

सूबे को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद भले ही बीजेपी और कांग्रेस में क्रेडिट लेने की होड़ मची हो और दोनों ही दलों के नेता एक दूसरे पर सियासी तीर छोड़ रहे हैं. प्रदेश के लिए अच्छी बात ये है कि 13 साल बाद मध्यप्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है...जो प्रदेश के हिर शख्स को गौरव और सुकून देने वाला है.

भोपाल। टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर कमलनाथ सरकार जहां अपनी पीठ थपथपा रही है. तो वहीं मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री पीएम मोदी पर निशाना साधने से भी बाज नहीं आ रहे. . टाइगर स्टेट का दर्जा मिलते ही सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि बाघ मध्यप्रदेश की आन-बान और शान हैं. वहीं इस बड़ी उपलब्धि से गदगद वन मंत्री उमंग सिंगार ने केंद्र सरकार पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा है कि क्या बाघों की गणना रिपोर्ट पेश करने वाले पीएम मोदी को यह बताना चाहिए कि वे गिर के शेरों की रक्षा कैसे करेंगे.

टाइगर पर 'MP' की सियासत

कांग्रेस के हमले पर बीजेपी ने पलटवार करने में थोड़ा भी देरी नहीं की. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हम दो पैरों वाले लोग है, चार पैरों पर चलना पसंद नहीं करते. टाइगर जिंदा है का नारा बुलंद करने वाले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को फिर से टाइगर स्टेट की उपलब्धि का दर्जा मिलने का श्रेय अपने कार्यकाल को दिया. शिवराज ने ट्वीट कर कहा कि हमारे कार्यकाल में बाघों का जो संरक्षण किया गया उसी के चलते यह उपलब्धि हासिल हुई है.

सूबे को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद भले ही बीजेपी और कांग्रेस में क्रेडिट लेने की होड़ मची हो और दोनों ही दलों के नेता एक दूसरे पर सियासी तीर छोड़ रहे हैं. प्रदेश के लिए अच्छी बात ये है कि 13 साल बाद मध्यप्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है...जो प्रदेश के हिर शख्स को गौरव और सुकून देने वाला है.

Intro:भोपाल। बाघों के मामले में देश में नंबर वन बनने के बाद वन मंत्री उमंग सिंगार ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। वन मंत्री उमंग सिंगार ने कहा है कि बाघों की गणना की रिपोर्ट पेश करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह भी बताना चाहिए था कि गिर के शेर को आखिर कैसे बचाएंगे। उन्होंने कहा कि गिर के शेर पूरे विश्व में सिर्फ हमारे देश में है और यह प्रजाति खत्म हो रही है।


Body:मिंटो हॉल में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान वन मंत्री उमंग सिंगार ने गिर के शेर को मध्य प्रदेश लाने के सवाल पर कहा की इसके बारे में रिपोर्ट पेश करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए था उन्होंने कहा कि यह बेजुबान प्रजाति खत्म हो रही है जो विश्व धरोहर है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि गिर के शेर का मुद्दा कोई राजनीतिक नहीं है और ना ही इस मुद्दे पर राज्यों के झगड़े होने चाहिए उन्होंने कहा कि मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुकी है और अब इसका फैसला नरेंद्र मोदी को करना है। गिर के शेर मध्य प्रदेश लाने के मुद्दे पर वे जल्दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मिलेंगे।


Conclusion:दरअसल एशियाई शेर केवल गुजरात में ही पाए जाते हैं जो इनकी आबादी 2010 में 411 से बढ़कर 2015 में 523 हो गई है। खाना कि 5 साल पहले सुप्रीम कोर्ट गुजरात के कुछ शेरों को मध्य प्रदेश में शिफ्ट करने के लिए कहा था ताकि लुप्तप्राय प्रजातियों को आपदा जैसी स्थिति से बचाया जा सके इसके लिए इन्हें मध्य प्रदेश के पालपुर कूनो अभ्यारण में बसाने के लिए कोर्ट आदेश दे चुका है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक इस दिशा में काम नहीं किया जा सका।
Last Updated : Jul 30, 2019, 5:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.