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भोपाल में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन ठगी, साइबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी - साइबर पुलिस भोपालल

राजधानी भोपाल में ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले इन 6 महीनों में लगभग 25 ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पुलिस ने 4 लाख 50 हजार रुपए की ठगी हुई है. जिसके चलते भोपाल की साइबर पुलिस ने एडवाइजरी कर लोगों को ऑनलाइन ठगी से सावधान रहने की सलाह दी है.

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साइबर पुलिस भोपाल
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Published : Jun 30, 2020, 12:23 AM IST

भोपाल। ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों पर साइबर पुलिस ने स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करने के संबंध में एडवाइजरी जारी की है. जिससे आम लोग गूगल सर्च पर ऑनलाइन सर्विसेज जैसे टिकट बुक करना, होटल बुकिंग, गैस एजेंसी के नंबर सर्च करना, कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर सर्च करना और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन केवाईसी के नाम पर मोबाइल नंबर सर्च करते हैं. जिससे लोगों के साथ डेटा ठगों के हाथ में चला जाता है और ऑनलाइन ठगी की होती है.

भोपाल में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन ठगी

भोपाल में शेयरिंग एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. जिसमें केवाईसी अपलोड के नाम पर ऑनलाइन ठगी की गई. साइबर आरोपी फोन लगाकर लोगों से कहते हैं कि उनकी केवाईसी अपलोड नहीं है यदि उनको केवाईसी अपलोड करना होगा तो एक ऐप डाउनलोड करना है. जिसके बाद ही उनकी केवाईसी अपलोड हो पाएगी. अगर कोई यह एप डाउनलोड करता है, तो उनका पूरा डेटा चोरी हो जाता है, जिससे लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार बनते हैं.

भोपाल में इन 6 महीनों में लगभग 25 ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पुलिस ने 4 लाख 50 हजार रुपए की ठगी हुई है. हालांकि पुलिस ने कुछ मामलों मैं लोगों के लगभग डेढ़ लाख रुपए भी वापस कर आए हैं. यही वजह है कि पुलिस ने लोगों को जागरुक करने के लिए कुछ उपाय बताए है. ताकि ऑनलाइन ठगी से बचा जा सके.

  • आवश्यकता ना हो तो स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें
  • किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें
  • किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर ऑनलाइन पैसे के लेनदेन वाले ऐप एवं अन्य वॉलेट का केवाईसी अपडेट ना करवाएं
  • केंद्र पर जाकर अधिकृत व्यक्ति से ही केवाईसी अपडेट करवाए
  • किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजी गई लिंक को ओपन ना करें

भोपाल। ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों पर साइबर पुलिस ने स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करने के संबंध में एडवाइजरी जारी की है. जिससे आम लोग गूगल सर्च पर ऑनलाइन सर्विसेज जैसे टिकट बुक करना, होटल बुकिंग, गैस एजेंसी के नंबर सर्च करना, कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर सर्च करना और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन केवाईसी के नाम पर मोबाइल नंबर सर्च करते हैं. जिससे लोगों के साथ डेटा ठगों के हाथ में चला जाता है और ऑनलाइन ठगी की होती है.

भोपाल में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन ठगी

भोपाल में शेयरिंग एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. जिसमें केवाईसी अपलोड के नाम पर ऑनलाइन ठगी की गई. साइबर आरोपी फोन लगाकर लोगों से कहते हैं कि उनकी केवाईसी अपलोड नहीं है यदि उनको केवाईसी अपलोड करना होगा तो एक ऐप डाउनलोड करना है. जिसके बाद ही उनकी केवाईसी अपलोड हो पाएगी. अगर कोई यह एप डाउनलोड करता है, तो उनका पूरा डेटा चोरी हो जाता है, जिससे लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार बनते हैं.

भोपाल में इन 6 महीनों में लगभग 25 ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पुलिस ने 4 लाख 50 हजार रुपए की ठगी हुई है. हालांकि पुलिस ने कुछ मामलों मैं लोगों के लगभग डेढ़ लाख रुपए भी वापस कर आए हैं. यही वजह है कि पुलिस ने लोगों को जागरुक करने के लिए कुछ उपाय बताए है. ताकि ऑनलाइन ठगी से बचा जा सके.

  • आवश्यकता ना हो तो स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें
  • किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें
  • किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर ऑनलाइन पैसे के लेनदेन वाले ऐप एवं अन्य वॉलेट का केवाईसी अपडेट ना करवाएं
  • केंद्र पर जाकर अधिकृत व्यक्ति से ही केवाईसी अपडेट करवाए
  • किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजी गई लिंक को ओपन ना करें
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