भोपाल। किसान आंदोलन (Farmer Protest) का केंद्र बनी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर एक व्यक्ति की बेरहमी के साथ हत्या करने वाले निहंग ग्रुप के नेता बाबा अमन सिंह की एक फोटो खूब वायरल हो रहा है. फोटो में आरोपी अमन सिंह (Accused Aman Singh) बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ खड़ा दिखा रहा है. इनमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) भी शामिल हैं, जो किसानों से कई दौर की वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकाल पाए हैं. वहीं कत्ल का दोषी बर्खास्त पुलिसकर्मी गुरमीत सिंह पिंकी भी थे.
वहीं इस तस्वीर के सामने आने के बाद मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के ट्वीट कर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं बीजेपी की तरफ से भी मामले पर सफाई पेश की गई है.
आरोपी निहंग के साथ खड़े हैं केंद्रीय कृषि मंत्री
सिंघू बार्डर पर एक व्यक्ति की बेरहमी के साथ कत्ल करन वाले निहंग ग्रुप का नेता बाबा अमन सिंह की फोटो भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वायरल हो रही तस्वीर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी निहंग के साथ दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारे में भूचाल सा आ गया है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बीजेपी पर साधा निशाना
वायरल हो रही इस तस्वीर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सत्य सामने आ ही रहा है. परतें उठ रही हैं, पर्दा खुल रहा है. कौन असल में पर्दे के पीछे किसके साथ खड़ा है? कौन किसानों के खिलाफ क्या षड्यंत्र कर रहा है? इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन का हैशटैग भी बनाया है.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने कहा, 'बीजेपी सरकार के लोग किसानों को कभी आतंकवादी, कभी खालिस्तानी, कभी पाकिस्तानी, कहकर बदनाम करने का प्रयास करते रहे हैं. पूरे किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जाता रहा है. बीजेपी ये भी कोशिस करती रही है कि किसान आंदोलन उग्र हो जाए. ये केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ जो फोटो वायरल हो रही है वह भी किसान आंदोलन को बदनाम करने की बानगी है. बीजेपी अपने उद्योगपति मित्रों को कृषि कानूनों के जरिए फायदा पहुंचाना चाहती है. दोयम दर्ज की राजनीति नहीं करना चाहिए. ये वायरल फोटो अपने आप में बहुत कुछ कह रही है'.
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी की पलटवार
कांग्रेस के तमाम आरोपों के बाद मामले पर बीजेपी का भी रिएक्शन सामने आया है. बीजेपी प्रवक्ता सनव्वर पटेल का कहना है कि कांग्रेस इस फोटो पर कमेंट जरूर कर रही है, लेकिन यह फोटो कब का है, कहां का है और क्या यह अमन सिंह ही हैं. राजनेता हजारों लोगों के साथ फोटो खिंचवाते हैं. इस तरह के आरोप विपक्ष को नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि ऐसे कई फोटो बीजेपी के पास भी हैं जहां अपराधी या आरोपी नेता के साथ खड़ा हुआ है.
सिंघु बॉर्डर पर युवक की हत्या करने वाले एक निहंग सिख ने किया आत्मसमर्पण
शुरू से समझिए पूरा मामला
बता दें कि 15 अक्टूबर को लखबीर सिंह की लाश सिंघू बार्डर पर किसान मंच के नजदीक बैरीकेड की ओर लटकी मिली थी. निहंग सिखों ने दावा किया कि लखबीर सिंह (35) ने गुरु ग्रंथ की बेअदबी करन की कोशिश की थी. जिस कारण लखबीर के हाथ-पैर काट कर लाश को बैरीकेड पर लटका दिया था. इस मामले में तीन निहंग सिखों ने पुलिस के आगे आत्म समर्पण कर दिया है. जिनमें से सरबजीत नाम के मुलजिम को अदालत ने शनीवार को 7 दिनों के रिमांड पर भेज दिया. जबकि तीन और आरोपियों को अदालत ने 6 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस पूरे मामले में कई वीडियो पर सोशल मीडिया पर वायरल (Video viral man death on Singhu border) हो रहे हैं. एक वीडियो में निहंग दावा कर रहे हैं कि इस शख्स को साजिश के तहत यहां भेजा गया था. जिसने भी इसको भेजा पूरी ट्रेनिंग के साथ भेजा था. वीडियो में ये भी दावा किया जा रहा है कि शख्स ने यहां पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप की बेअदबी करने की कोशिश की. जैसे ही निहंगों को इसका पता चला तो उन्होंने शख्स को पकड़ लिया. घसीटते हुए निहंग शख्स को मंच के पास ले गए. जहां निहंगों ने शख्स से पूछताछ की. शख्स से पूछा गया कि उसे किसने भेजा, कितने रुपये दिए और उसके गांव का नाम क्या है. खबर है कि इस दौरान निहंगों ने शख्स का हाथ कलाई से काट दिया. निहंगों ने शख्स का पैर भी काटा. वीडियो में निहंग इसका दावा भी करते सुनाई दे रहे हैं.
कौन होते हैं निहंग ?
मुगलों के समय के सिख योद्धाओं के बीच एक खास सेना थी, जो 1699 में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा खालसा के निर्माण के लिए बनाई गई थी और तब से उनकी शुरुआत या उत्पत्ति माना जाता है. इसके सदस्यों को ही निहंग कहा जाता है. ये वैरागी या तपस्वी की तरह रहते रहते हैं, जो छावनियों में रहते हैं और गुरू ग्रंथ साहिब की रक्षा के लिए जाने जाते हैं. इन्हें योद्धा के तौर पर देखा जाता है, जो पूर्ण रूप से दसम गुरुओं के आदेशों के लिए हर समय तत्पर रहते हैं. दसम गुरुओं के काल में ये सिख गुरु साहिबानों के प्रबल प्रहरी होते थे. उन्होंने इतिहास में मुगलों से लेकर अफगानों तक लड़ाई लड़ी है. ऐसा माना जाता है कि सिख धर्म के लिए निहंग सिख अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना “सिख” और “गुरु ग्रंथ साहिब” की आखिरी सांस तक रक्षा करते हैं. इनकी पहचान योद्धाओं के तौर पर ही है और गुरु गोबिंद सिंह के समय से ही कई जंग जीती है. बता दें कि अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली के हमलों के दौरान निहंगों ने भयंकर प्रतिरोध किया था और उससे जंग लड़ी थी. महाराजा रणजीत सिंह की सरकार-ए-खालसा का श्रेय निहंग योद्धाओं को ही दिया जाता है.
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हालांकि, साल 1849 में सरकार-ए-खालसा के अंग्रेजों के पतन से निहंग प्रभाव कम हो गया. मगर, अंग्रेजों ने सिख सैन्य परंपराओं को आधुनिक सिख रेजिमेंट में शामिल किया था. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, संस्कृत और पारसी में अलग-अलग मतलब बताए गए हैं. हालांकि, श्री गुरु ग्रंथ साहिब में निहंग का मतलब एक जिद्दी निडर व्यक्ति के तौर पर है. इनमें भी अलग अलग दल होते हैं, जिसमें तरुण दल, बुड्ढा दल आदि शामिल है. मानवता की रक्षा और धर्म की कट्टरता का पालन करते हुए इन्हें मार्शल आर्ट के साथ युद्ध की अन्य कौशल कला की शिक्षा दी जाती है.
कैसे रहते हैं निहंग ?
आपने देखा होगा कि निहंग सिख हमेशा नीले रंग के कपड़ों में रहते हैं. इसके अलावा उनके साथ बड़ा तेग (भाला) या तलवार होती है. वे हमेशा नीली या केसरी पगड़ी बांधे दिखाई देते हैं. साथ ही पगड़ी पर भी चांद तोरा लगा होता है. हाथ में कड़ा पहने होते हैं. कमर पर कटार होती है. कई सिख ढाल भी रखते हैं. उनका योद्धाओं की जैसा पहनावा होता है.