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मध्यप्रदेश कांग्रेस को जल्द मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष, चर्चा में हैं इन दिग्गजों के नाम

मध्यप्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस को जल्द ही नया प्रदेशाध्यक्ष मिल सकता है. बताया जा रहा है की कांग्रेस संगठन ने कोर कमेटी के जरिए नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है.

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Published : Jun 14, 2019, 9:57 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में फेरबदल की कवायद तेज हो गई है. माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होगी.
कांग्रेस संगठन में कोर कमेटी के जरिए नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है. चर्चा है कि नए प्रदेश अध्यक्ष के लिये ऐसे चेहरे की तलाश की जा रही है, जो मुख्यमंत्री कमलनाथ से समन्वय बना कर चले. वहीं प्रदेश अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर मंथन किया जा रहा है. माना जा रहा है कि अब कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की जाएगी.
सिंधिया या उनके खेमे का नेता
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश के साथ ही दावेदारों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है. एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन चर्चा है कि राष्ट्रीय स्तर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है. इन हालातों में भी सिंधिया खेमे की तरफ से उनको अध्यक्ष बनाए जाने की मांग के पीछे यह माना जा रहा है कि अगर सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनते हैं. तो उनके किसी समर्थक नेता को मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए.
अजय सिंह के लिये रोड़ा बन सकते हैं विरोधी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है. लेकिन अजय सिंह के विरोधी विधानसभा चुनाव के बाद लगातार लोकसभा चुनाव में अजय सिंह की हार को मुद्दा बना रहे हैं. हालांकि दिग्विजय सिंह से नजदीकी के कारण उन्हें कमलनाथ का साथ मिल सकता है. लेकिन सिंधिया खेमा उनकी ताजपोशी का तेजी से विरोध कर रहा है.

मप्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष की कवायद शुरू
कमलनाथ के दो मंत्रियों के नामों की भी चर्चाकमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन का नाम तेजी से सामने आया है. आदिवासी होने के नाते उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा चल रही है. चर्चा यह भी है कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से उनके संबंध अच्छे हैं और आदिवासी होने के नाते उनका विरोध भी नहीं होगा. कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी के नाम की चर्चा तेजी से सामने आई है. जीतू पटवारी प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और राष्ट्रीय सचिव के तौर पर गुजरात प्रभारी भी रह चुके हैं.किनारे हो सकता है कार्यकारी अध्यक्ष का पदयह विचार विमर्श भी चल रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले जो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी. वह जारी रखी जाए या फिर सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश की कमान संभाले. हालांकि यह चार कार्यकारी अध्यक्ष कमलनाथ के सामने प्रभावी तो नहीं हो पाए और विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र चौधरी और रामनिवास रावत खुद चुनाव हार गए. ऐसे में कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले को लेकर कोर कमेटी चिंतन मनन कर रही है.जल्द आपके सामने निर्णय आएगा- नरेंद्र सलूजाइस सिलसिले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है, कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है. इसमें पार्टी आलाकमान निर्णय लेगा, उचित समय आने पर निर्णय किया जाएगा. वहीं कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले के सवाल पर उनका यही जवाब रहा. विधानसभा चुनाव में दो कार्यकारी अध्यक्ष के चुनाव हारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस फार्मूले का कुछ जगह हमें लाभ मिला है. वहीं कुछ जगह नहीं मिला है. हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं.

भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में फेरबदल की कवायद तेज हो गई है. माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होगी.
कांग्रेस संगठन में कोर कमेटी के जरिए नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है. चर्चा है कि नए प्रदेश अध्यक्ष के लिये ऐसे चेहरे की तलाश की जा रही है, जो मुख्यमंत्री कमलनाथ से समन्वय बना कर चले. वहीं प्रदेश अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर मंथन किया जा रहा है. माना जा रहा है कि अब कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की जाएगी.
सिंधिया या उनके खेमे का नेता
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश के साथ ही दावेदारों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है. एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन चर्चा है कि राष्ट्रीय स्तर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है. इन हालातों में भी सिंधिया खेमे की तरफ से उनको अध्यक्ष बनाए जाने की मांग के पीछे यह माना जा रहा है कि अगर सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनते हैं. तो उनके किसी समर्थक नेता को मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए.
अजय सिंह के लिये रोड़ा बन सकते हैं विरोधी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है. लेकिन अजय सिंह के विरोधी विधानसभा चुनाव के बाद लगातार लोकसभा चुनाव में अजय सिंह की हार को मुद्दा बना रहे हैं. हालांकि दिग्विजय सिंह से नजदीकी के कारण उन्हें कमलनाथ का साथ मिल सकता है. लेकिन सिंधिया खेमा उनकी ताजपोशी का तेजी से विरोध कर रहा है.

मप्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष की कवायद शुरू
कमलनाथ के दो मंत्रियों के नामों की भी चर्चाकमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन का नाम तेजी से सामने आया है. आदिवासी होने के नाते उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा चल रही है. चर्चा यह भी है कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से उनके संबंध अच्छे हैं और आदिवासी होने के नाते उनका विरोध भी नहीं होगा. कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी के नाम की चर्चा तेजी से सामने आई है. जीतू पटवारी प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और राष्ट्रीय सचिव के तौर पर गुजरात प्रभारी भी रह चुके हैं.किनारे हो सकता है कार्यकारी अध्यक्ष का पदयह विचार विमर्श भी चल रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले जो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी. वह जारी रखी जाए या फिर सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश की कमान संभाले. हालांकि यह चार कार्यकारी अध्यक्ष कमलनाथ के सामने प्रभावी तो नहीं हो पाए और विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र चौधरी और रामनिवास रावत खुद चुनाव हार गए. ऐसे में कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले को लेकर कोर कमेटी चिंतन मनन कर रही है.जल्द आपके सामने निर्णय आएगा- नरेंद्र सलूजाइस सिलसिले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है, कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है. इसमें पार्टी आलाकमान निर्णय लेगा, उचित समय आने पर निर्णय किया जाएगा. वहीं कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले के सवाल पर उनका यही जवाब रहा. विधानसभा चुनाव में दो कार्यकारी अध्यक्ष के चुनाव हारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस फार्मूले का कुछ जगह हमें लाभ मिला है. वहीं कुछ जगह नहीं मिला है. हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं.
Intro:भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में फेरबदल की कवायद तेज हो गई है। माना जा रहा है कि जल्दी ही मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी होगी। दरअसल मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ संगठन में समय नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने राष्ट्रीय संगठन से प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने की बात कही थी. लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव तक उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा था। लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक परिणाम ना मिलने के बाद अब मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की तलाश की जा रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी के चलते कमलनाथ संगठन को बिल्कुल भी समय नहीं दे पा रहे हैं।ऐसे में कांग्रेस संगठन में कोर कमेटी के जरिए नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है। चर्चा है कि नया प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री कमलनाथ से समन्वय कर चले,ऐसे चेहरे की तलाश की जा रही है। वही प्रदेश अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर मंथन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि अब कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की जाएगी।


Body:मप्र कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश के साथ ही दावेदारों की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है। एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन चर्चा है कि राष्ट्रीय स्तर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। इन हालातों में भी सिंधिया खेमे की तरफ से उनको अध्यक्ष बनाए जाने की मांग के पीछे यह माना जा रहा है कि अगर सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनते हैं। तो उनके किसी समर्थक नेता को मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। इसके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है। लेकिन अजय सिंह के विरोधी विधानसभा चुनाव के बाद लगातार लोकसभा चुनाव में अजय सिंह की हार को मुद्दा बना रहे हैं। हालांकि दिग्विजय सिंह से नजदीकी के कारण उन्हें कमलनाथ का साथ मिल सकता है। लेकिन सिंधिया खेमा उनकी ताजपोशी का तेजी से विरोध कर रहा है। इसके अलावा कमलनाथ सरकार
के गृहमंत्री बाला बच्चन का नाम तेजी से सामने आया है। आदिवासी होने के नाते उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा कर रही है। चर्चा यह भी है कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से उनके संबंध अच्छे हैं और आदिवासी होने के नाते उनका विरोध भी नहीं होगा। कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा एवं एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी नाम की चर्चा तेजी से सामने आई है। जीतू पटवारी प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और राष्ट्रीय सचिव तौर पर गुजरात प्रभारी भी रह चुके हैं।




Conclusion:इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर तो मंथन चल रहा है। साथ में यह विचार विमर्श चल रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले जो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी। वह जारी रखी जाए या फिर सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश की कमान संभाले। हालांकि यह चार कार्यकारी अध्यक्ष कमलनाथ के सामने प्रभावी तो नहीं हो पाए और विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र चौधरी और रामनिवास रावत खुद चुनाव हार गए।ऐसे में कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले को लेकर कोर कमेटी चिंतन मनन कर रही है।

इस सिलसिले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है।इसमें पार्टी आलाकमान निर्णय लेगा, उचित समय आने पर निर्णय किया जाएगा। पार्टी इस पर विचार विमर्श कर रही है। वही कार्यकारी अध्यक्ष के फार्मूले के सवाल पर उनका कहना है कि तमाम निर्णय पार्टी को लेना है, जो भी निर्णय पार्टी लेगी। समय आने पर आपको बता दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव में दो कार्यकारी अध्यक्ष के चुनाव हारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस फार्मूले का कुछ जगह हमें लाभ मिला है, वहीं कुछ जगह नहीं मिला है। हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं, जल्द आपके सामने निर्णय आएगा। इन सभी मसलों को लेकर कोर कमेटी की बैठक लगातार हो रही है। जो भी निर्णय होगा मीडिया के सामने रखा जाएगा।
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