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MP VYAPAM: फेस सेविंग का नया तरीका, सरकार ने एक बार फिर बदला, बदनाम 'व्यापमं' का नाम, क्या इससे धुल जाएंगे दाग

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Published : Feb 18, 2022, 4:22 PM IST

व्यापमं घोटाले का नाम एक बार फिर से बदलने की तैयारी है. अब व्यवसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं का नाम मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (MP VYAPAM New Name) रखा जाएगा, जिसपर शिवराज कैबिनेट ने अपनी मुहर भी लगा दी है.

MP PEB New Name
एमपी व्‍यापमं का फिर बदलेगा नाम

भोपाल। शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए प्रदेश के सबसे बड़े व्यापमं घोटाले ने मध्यप्रदेश और शिवराज सरकार के माथे पर कलंक लगा दिया था. व्यापमं घोटाला (MP VYAPAM New Name) कुछ वक्त के लिए मध्यप्रदेश की पहचान भी बन चुका था, हालांकि व्यापम घोटाले का भूत अब भी सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. यही वजह है कि पहले व्यापम से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड हुआ नाम अब एक बार फिर बदल जाएगा. अब इसकी नई पहचान मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के नाम से होगी. इस पर शिवराज कैबिनेट ने अपनी मुहर भी लगा दी है. सरकार की इस बदनाम संस्था को नया नाम देने की कोशिश को फेस सेविंग की नई कवायद माना जा रहा है.

एमपी व्‍यापमं का फिर बदलेगा नाम

पहले भी बदला जा चुका है नाम
व्यापंम फर्जीवाड़े से बदनामी के बाद साल 2015 में व्यवसायिक परीक्षा मंडल के नाम का अंग्रेजीकरण करते हुए इसे प्रोफेशनल एक्जामनेशन बोर्ड यानी पीईबी कर दिया गया था और इसके भवन का नाम चयन भवन रख दिया गया था. (professional examination board new name)

यह विभाग संभालेगा जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में व्यावसायिक परीक्षा मंडल का नाम बदले जाने को लेकर प्रस्ताव लाया गया, जिस पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, अब यह विभाग सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत काम करेगा.

नाम बदलने पर कांग्रेस ने साधा निशाना
उधर शिवराज सिंह सरकार द्वारा पीईबी का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस ने बीेजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि, व्यापमं का नाम बदलने से बीजेपी के दाग नहीं धुलेंगे. बीजेपी ने व्यापमं से एक पीढ़ी का भविष्य बर्बाद किया है. धांधली में सैकड़ों लोगों की संदिग्ध मातें हुई हैं.

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कमलनाथ सरकार भी बदलना चाहती थी नाम
फर्जीवाड़े से दुनियाभर में बदनाम हुए व्यापमं का नाम बदलने को लेकर कमलनाथ सरकार भी इसका नाम बदलने वाली थी. कमलनाथ सरकार इसका नाम बदलकर राज्य कर्मचारी चयन आयोग करने वाली थी, इसके लिए शुरूआती बैठक भी हुई, हालांकि बाद में सत्ता परिवर्तन के कारण कांग्रेस की यह योजना ध्वस्त हो गई.

क्यों बदला जा रहा है नाम?
दरअसल, परीक्षा और चयन में होने वाली धांधली को लेकर सरकार ने फेस सेविंग का नया तरीका निकाला है, इस फर्जीवाड़े को लेकर तत्कालीन शिवराज सरकार भी चौतरफा घेरा गया था, जिसमें शिवराज मंत्रीमंडल के मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी जेल जाना पड़ा था. इसके बाद से ही घोटोले के छींटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के दामन तक पर लगे हुए हैं, हालांकि बाद में उन्हें इस घोटाले में क्लीन चिट मिल गई थी.

व्यापमं घोटाला में अब तक इतनी गिरफ्तारियां
व्यापमं घोटाले से मध्यप्रदेश की देश भर में जमकर बदनामी हुई थी. चयन परीक्षाओं में हुई जमकर धांधली और करीबन 100 लोगों की संदिग्ध मौतें, जिसमें से करीबन 45 मौतें जांच के दरम्यान संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थीं. इस घोटाले में 13 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं और पुलिस भर्ती शामिल हैं, जिसमें अब तक 2 हजार से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.

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व्यापमं फर्जीवाड़े पर बन चुकी है वेबसीरीज
फर्जीवाड़े से देश भर में विख्यात हुए व्यापमं फर्जीवाड़े को लेकर हाल ही में एक वेबसीरीज 'व्हीसिलब्लोअर' भी बन चुकी है. इस वेबसीरीज ने फर्जीवाडे को सिलसिलेवार रूप से दर्शकों के सामने पेश किया है. इस वेबसीरीज को मनोज पिल्लई ने डायरेक्ट किया है और अजय मोंगा ने लिखा है.

भोपाल। शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए प्रदेश के सबसे बड़े व्यापमं घोटाले ने मध्यप्रदेश और शिवराज सरकार के माथे पर कलंक लगा दिया था. व्यापमं घोटाला (MP VYAPAM New Name) कुछ वक्त के लिए मध्यप्रदेश की पहचान भी बन चुका था, हालांकि व्यापम घोटाले का भूत अब भी सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. यही वजह है कि पहले व्यापम से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड हुआ नाम अब एक बार फिर बदल जाएगा. अब इसकी नई पहचान मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के नाम से होगी. इस पर शिवराज कैबिनेट ने अपनी मुहर भी लगा दी है. सरकार की इस बदनाम संस्था को नया नाम देने की कोशिश को फेस सेविंग की नई कवायद माना जा रहा है.

एमपी व्‍यापमं का फिर बदलेगा नाम

पहले भी बदला जा चुका है नाम
व्यापंम फर्जीवाड़े से बदनामी के बाद साल 2015 में व्यवसायिक परीक्षा मंडल के नाम का अंग्रेजीकरण करते हुए इसे प्रोफेशनल एक्जामनेशन बोर्ड यानी पीईबी कर दिया गया था और इसके भवन का नाम चयन भवन रख दिया गया था. (professional examination board new name)

यह विभाग संभालेगा जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में व्यावसायिक परीक्षा मंडल का नाम बदले जाने को लेकर प्रस्ताव लाया गया, जिस पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, अब यह विभाग सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत काम करेगा.

नाम बदलने पर कांग्रेस ने साधा निशाना
उधर शिवराज सिंह सरकार द्वारा पीईबी का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस ने बीेजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि, व्यापमं का नाम बदलने से बीजेपी के दाग नहीं धुलेंगे. बीजेपी ने व्यापमं से एक पीढ़ी का भविष्य बर्बाद किया है. धांधली में सैकड़ों लोगों की संदिग्ध मातें हुई हैं.

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कमलनाथ सरकार भी बदलना चाहती थी नाम
फर्जीवाड़े से दुनियाभर में बदनाम हुए व्यापमं का नाम बदलने को लेकर कमलनाथ सरकार भी इसका नाम बदलने वाली थी. कमलनाथ सरकार इसका नाम बदलकर राज्य कर्मचारी चयन आयोग करने वाली थी, इसके लिए शुरूआती बैठक भी हुई, हालांकि बाद में सत्ता परिवर्तन के कारण कांग्रेस की यह योजना ध्वस्त हो गई.

क्यों बदला जा रहा है नाम?
दरअसल, परीक्षा और चयन में होने वाली धांधली को लेकर सरकार ने फेस सेविंग का नया तरीका निकाला है, इस फर्जीवाड़े को लेकर तत्कालीन शिवराज सरकार भी चौतरफा घेरा गया था, जिसमें शिवराज मंत्रीमंडल के मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी जेल जाना पड़ा था. इसके बाद से ही घोटोले के छींटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के दामन तक पर लगे हुए हैं, हालांकि बाद में उन्हें इस घोटाले में क्लीन चिट मिल गई थी.

व्यापमं घोटाला में अब तक इतनी गिरफ्तारियां
व्यापमं घोटाले से मध्यप्रदेश की देश भर में जमकर बदनामी हुई थी. चयन परीक्षाओं में हुई जमकर धांधली और करीबन 100 लोगों की संदिग्ध मौतें, जिसमें से करीबन 45 मौतें जांच के दरम्यान संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थीं. इस घोटाले में 13 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं और पुलिस भर्ती शामिल हैं, जिसमें अब तक 2 हजार से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.

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व्यापमं फर्जीवाड़े पर बन चुकी है वेबसीरीज
फर्जीवाड़े से देश भर में विख्यात हुए व्यापमं फर्जीवाड़े को लेकर हाल ही में एक वेबसीरीज 'व्हीसिलब्लोअर' भी बन चुकी है. इस वेबसीरीज ने फर्जीवाडे को सिलसिलेवार रूप से दर्शकों के सामने पेश किया है. इस वेबसीरीज को मनोज पिल्लई ने डायरेक्ट किया है और अजय मोंगा ने लिखा है.

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