भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान तो सम्पन्न हो गया.(MP Urban Body Elections First Phase) इस बीच असुविधा और लापरवाही से जुड़ी खबरें सामने आई. कई मतदान केंद्रों (Polling Stations) में मतदान के दौरान प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच विवाद हुआ तो वहीं प्रदेश में कई ऐसे मतदान केंद्र थें जहां जमकर लाठी-डंडों की बरसात हुई. कई लोग वोट नहीं डाल सके तो कइयों का नाम मतदाता पर्ची से ही गायब था. मतदाता भी एक बूथ से दूसरे बूथ का चक्कर काटते रहे. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया और राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज करवाई. प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत 62 के करीब रहा. तो वहीं भोपाल में सिर्फ 52 फीसदी ही मतदान हुआ. कम मतदान प्रतिशत से चिंतित सीएम शिवराज ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर फीडबैक लिया.
सुबह मैं जब पत्नी के साथ वोट देने गया तो लिस्ट में मेरी पत्नी का नाम तो था, लेकिन मेरा नाम नहीं था. अनूपनगर में ऐसे अनेक लोग थे जिनका नाम सूची में नहीं था. यह मतदाताओं का अपमान है. मुझे लगता है जिस एजेंसी को काम दिया था उसकी घोर लापरवाही है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे आगे से मतदाताओं का नाम सूची से गायब ना हो. मतदाताओंं का नाम वोटर लिस्ट में ना होना एक गंभीर मामला है. -विनय झेलावत, एडवोकेट
बूथ पर दिखी लापरवाही: नारियल खेड़ा क्षेत्र के वार्ड 12 में ठाकुर कमल सिंह स्मृति विद्यालय शारदा नगर के बूथों पर घोर लापरवाही देखने को मिली. यहां प्रत्याशी सुधीर गुप्ता के नाम की टेबलों पर मतदान की ईवीएम को रखा गया था. कई बूथों को अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से बदल दिया, जबकि प्रकाशन सूची में कोई और बूथ दिए गए थे. पूर्व प्रोटेम स्पीकर और बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने आरोप लगाया कि, आयोग की जल्दबाजी के चलते मतदाताओं की वोटर लिस्ट से नाम छूट गए. इससे बड़ी संख्या में लोग मतदान नहीं कर पाए. उधर कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा ने भी मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर शिकायत की है.
बीजेपी, कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत: चुनाव के दौरान बूथ पर मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में नहीं होने पर मतदाताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. पूर्व प्रोटेम स्पीकर और बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने आरोप लगाया है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने सिर्फ क्रेडिट लेने के लिए यह गलती की है. रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. इसलिए कांग्रेसी, बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं. पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि मतदान के लिए पहुंच रहे मतदाताओं को अपने नाम ही नहीं मिल रहे. हालात यह है कि, एक ही परिवार के तीन अलग-अलग लोगों के नाम तीन अलग-अलग बूथों पर कर दिए गए थे. इससे लोगों को मतदान के दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर कई मतदाताओं के नाम या तो काट दिए गए थे या फिर उनके बूथ बदल दिए गए.
शिकायत पर आयोग की दलील: राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने शिकायतों को लेकर कहा कि, मतदाता सूची को लेकर शिकायतें आई हैं. मतदाता सूची का पूरी तरह से परीक्षण किए जाने के बाद ही फाइनल किया गया था. मतदान केंद्र पर वोटर्स के नाम ना मिलने पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदाता आखिरी वक्त के लिए ही क्यों इंतजार करता है. 1 दिन पहले उसे देख लेना चाहिए कि मतदाता का मतदान केंद्र कौन सा है. वैसे भी यदि एक बूथ पर नाम नहीं है तो पड़ोस के बूथ पर चेक करना था. इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई थी.
किन्नरों ने भी किया मतदान: नगर सरकार चुनने के लिए थर्ड जेंडर ने भी अपने मताधिकार का उपयोग किया. किन्नर देवी सिंह ने दक्षिण पश्चिम विधानसभा के बूथ क्रमांक 1234 पर अपना वोट डाला. साथ ही लोगों से वोट डालने की अपील करते हुए कहा कि, ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनकर लाएं जो शहर में भ्रष्टाचार नहीं विकास करे.